अंग्रेजी में कमजोर छात्रों के लिए अपनी भाषाओं में शिक्षा के प्रयास :सरकार
punjabkesari.in Thursday, Jul 29, 2021 - 03:40 PM (IST)
नयी दिल्ली , 29 जुलाई (भाषा) सरकार ने बृहस्पतिवार को संसद में कहा कि शैक्षणिक सत्र 2021-2022 से तकनीकी संस्थानों में क्षेत्रीय भाषाओं में शिक्षा प्रदान मुहैया कराने के लिए एक कार्यक्रम शुरू करने के प्रयास किए हैं , जिसका मकसद उन प्रतिभाशाली छात्रों की मदद करना है जिन्होंने स्थानीय भाषा में अपनी शिक्षा प्राप्त की है।
शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी। उनसे अंग्रेजी की अच्छी समझ नहीं रखने वाले छात्रों को व्याावसायिक पाठ्यक्रमों को पूरा करने में होने वाली समस्याओं के बारे में सवाल किया गया था।
प्रधान ने कहा , ‘‘ भारत सरकार ने शैक्षणिक सत्र 2021-2022 से तकनीकी संस्थानों में क्षेत्रीय भाषाओं में शिक्षा प्रदान करने के लिए एक कार्यक्रम शुरू करने के प्रयास किए हैं , जिसका उद्देश्य तकनीकी शिक्षा में सुगम प्रवेश के लिए उन प्रतिभाशाली छात्रों का पोषण करना है , जिन्होंने स्थानीय भाषा में अपनी शिक्षा प्राप्त की है। ’’
उन्होंने कहा कि यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति , 2020 के भी अनुरूप है , जिसके अनुसार शिक्षा के माध्यम के रूप में मातृभाषा व स्थानीय भाषा का उपयोग किया जाएगा। उन्होंने इस संबंध में सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों का जिक्र करते हुए कहा कि ‘ एनईईटी ’ परीक्षा अब 11 भाषाओं के बदले 13 भाषाओं में आयोजित की जाएगी। इसके साथ ही ‘ जेईई (मेन)’ का आयोजन तीन भाषाओं के स्थान पर 13 भाषाओं में किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि शैक्षणिक सत्र 2021-2022 से कुछ ‘ एआईसीटीई ’ अनुमोदित तकनीकी संस्थानों में प्रायोगिक आधार पर क्षेत्रीय भाषाओं में शिक्षा प्रदान की जाएगी।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी। उनसे अंग्रेजी की अच्छी समझ नहीं रखने वाले छात्रों को व्याावसायिक पाठ्यक्रमों को पूरा करने में होने वाली समस्याओं के बारे में सवाल किया गया था।
प्रधान ने कहा , ‘‘ भारत सरकार ने शैक्षणिक सत्र 2021-2022 से तकनीकी संस्थानों में क्षेत्रीय भाषाओं में शिक्षा प्रदान करने के लिए एक कार्यक्रम शुरू करने के प्रयास किए हैं , जिसका उद्देश्य तकनीकी शिक्षा में सुगम प्रवेश के लिए उन प्रतिभाशाली छात्रों का पोषण करना है , जिन्होंने स्थानीय भाषा में अपनी शिक्षा प्राप्त की है। ’’
उन्होंने कहा कि यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति , 2020 के भी अनुरूप है , जिसके अनुसार शिक्षा के माध्यम के रूप में मातृभाषा व स्थानीय भाषा का उपयोग किया जाएगा। उन्होंने इस संबंध में सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों का जिक्र करते हुए कहा कि ‘ एनईईटी ’ परीक्षा अब 11 भाषाओं के बदले 13 भाषाओं में आयोजित की जाएगी। इसके साथ ही ‘ जेईई (मेन)’ का आयोजन तीन भाषाओं के स्थान पर 13 भाषाओं में किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि शैक्षणिक सत्र 2021-2022 से कुछ ‘ एआईसीटीई ’ अनुमोदित तकनीकी संस्थानों में प्रायोगिक आधार पर क्षेत्रीय भाषाओं में शिक्षा प्रदान की जाएगी।
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