दिल्ली पुलिस ने 100 करोड़ रुपये के गबन के मामले में एक कंपनी के प्रबंध निदेशक को गिरफ्तार किया
Sunday, Jul 25, 2021 - 03:40 PM (IST)
नयी दिल्ली, 25 जुलाई (भाषा) दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने एक कंपनी के प्रबंध निदेशक को 2018 के धोखाधड़ी, जालसाजी और लगभग 100 करोड़ रुपये के गबन के मामले में मुंबई से गिरफ्तार किया। पुलिस ने रविवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि आईएलएंडएफएस रेल लिमिटेड के निदेशकों में से एक और आईएलएंडएफएस ट्रांसपोर्टेशन नेटवर्क लिमिटेड के प्रबंध निदेशक रामचंद करुणाकरण ने रुपये की हेराफेरी में मुख्य भूमिका अदा की। पुलिस ने बताया कि आरोपी को 20 जुलाई को मुंबई से गिरफ्तार किया गया। उसे अदालत में पेश किया गया, जिसने उसे पुलिस हिरासत में भेज दिया।
पुलिस के अनुसार इन्सो इन्फ़्रास्ट्रक्चर (पी) लिमिटेड के निदेशक आशीष बेगवानी ने 2018 में एक मामला दर्ज कराया था, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि अगस्त 2010 में आईएलएंडएफएफ ट्रांसपोर्टेशन नेटवर्क लिमिटेड के निदेशकों ने उन्हें निवेश करने के लिए संपर्क किया था। उनके वादे पर सहमत होते हुए उनकी कंपनी ने आईएलएंडएफएस रेल लिमिटेड में 170 करोड़ रुपये का निवेश इस कंपनी में 15 फीसदी हिस्सेदारी लेने के आधार पर किया था।
अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (आर्थिक अपराध शाखा) आर के सिंह ने कहा, ‘‘ समय के साथ शिकायतकर्ता ने यह पाया कि कंपनी फायदे में नहीं जा रही है और कोष का गलत इस्तेमाल हो रहा है।’’
सिंह ने कहा, ‘‘ जांच के दौरान यह पाया गया कि आरोपी ने कई ऐसी कंपनियों को भुगतान किए, जिसने कोई काम ही नहीं किया था। सवालों के दायरे में आने वाली कंपनियों को निविदा देने के मामले में भी वे संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए।’’
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
उन्होंने बताया कि आईएलएंडएफएस रेल लिमिटेड के निदेशकों में से एक और आईएलएंडएफएस ट्रांसपोर्टेशन नेटवर्क लिमिटेड के प्रबंध निदेशक रामचंद करुणाकरण ने रुपये की हेराफेरी में मुख्य भूमिका अदा की। पुलिस ने बताया कि आरोपी को 20 जुलाई को मुंबई से गिरफ्तार किया गया। उसे अदालत में पेश किया गया, जिसने उसे पुलिस हिरासत में भेज दिया।
पुलिस के अनुसार इन्सो इन्फ़्रास्ट्रक्चर (पी) लिमिटेड के निदेशक आशीष बेगवानी ने 2018 में एक मामला दर्ज कराया था, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि अगस्त 2010 में आईएलएंडएफएफ ट्रांसपोर्टेशन नेटवर्क लिमिटेड के निदेशकों ने उन्हें निवेश करने के लिए संपर्क किया था। उनके वादे पर सहमत होते हुए उनकी कंपनी ने आईएलएंडएफएस रेल लिमिटेड में 170 करोड़ रुपये का निवेश इस कंपनी में 15 फीसदी हिस्सेदारी लेने के आधार पर किया था।
अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (आर्थिक अपराध शाखा) आर के सिंह ने कहा, ‘‘ समय के साथ शिकायतकर्ता ने यह पाया कि कंपनी फायदे में नहीं जा रही है और कोष का गलत इस्तेमाल हो रहा है।’’
सिंह ने कहा, ‘‘ जांच के दौरान यह पाया गया कि आरोपी ने कई ऐसी कंपनियों को भुगतान किए, जिसने कोई काम ही नहीं किया था। सवालों के दायरे में आने वाली कंपनियों को निविदा देने के मामले में भी वे संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए।’’
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