क्रबिस्तान के प्रबंधक कोविड-19 की तीसरी लहर न आने की दुआ के साथ जगह उपलब्ध कराने पर ध्यान दे रहे हैं

punjabkesari.in Wednesday, Jun 30, 2021 - 07:38 PM (IST)

नयी दिल्ली, 30 जून (भाषा) दिल्ली में कोरोना वायरस की दूसरी लहर में तबाही का मंजर देखने के बाद कब्रिस्तान के प्रबंधक अल्लाह से दुआ कर रहे हैं कि बीमारी की तीसरी लहर न आए और साथ ही साथ शवों को दफन करने के लिए जमीन की पर्याप्त उपलब्धता पर ध्यान दे रहे हैं।

कोविड-19 की दूसरी लहर ने कब्रिस्तानों और श्मशान घाटों के लिए अप्रत्याशित स्थिति पैदा कर दी थी। दिल्ली गेट पर स्थित अहले इस्लाम कब्रिस्तान की प्रबंधन समिति के सदस्य कयामुद्दीन ने कहा, “हमने पिछले दो महीनों में अपनी जिदंगी के सबसे खराब हालात देखे हैं, और कई दिनों तक रोज़ाना 25-28 मय्यतें (शव) आए हैं। मैं अल्लाह से दुआ करता हूं कि (कोविड की) तीसरी लहर न आए।”
समिति के अन्य सदस्य मशकूर राशिद ने कहा कि कोरोना वायरस की दूसरी लहर के दौरान इतने बड़े कब्रिस्तान में मय्यतों को दफन करने के लिए जगह कम पड़ गई थी। उन्होंने दावा किया कि पिछले दो महीनों के दौरान 1500 मय्यतें दफन की गई हैं जिनमें से अधिकतर कोविड-19 के पीड़ित थे।
राशिद ने कहा, ‘‘अगर तीसरी लहर आ जाए तो हम क्या कर सकते हैं? हम सिर्फ दुआ कर सकते हैं। लेकिन हमने जो जगह बनाई है, उसमें 250-300 मय्यतों को दफन किया जा सकता है। ”
दिल्ली वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष और ओखला के विधायक अमानतुल्ला खान ने कहा कि मिलेनियम पार्क के पास वैकल्पिक जमीन की पहचान की गई है और जरूरत पड़ने पर शवों को वहां दफन करने के आदेश दिए जा चुके हैं।

कयामुद्दीन ने कहा कि मिलेनियम पार्क के पास चार एकड़ जमीन है लेकिन कुछ स्थानीय लोग वहां पर मय्यतों को दफन करने का विरोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “ यह जमीन हमें मय्यतों को दफन करने के लिए 1964 में दी गई थी। अगर (कोविड की) तीसरी लहर आती है और दिल्ली गेट कब्रिस्तान पर दबाव बढ़ता है तो उस जमीन का इस्तेमाल किया जाएगा।”
शास्त्री पार्क इलाके में सामाजिक कार्यकर्ता अब्दुल सत्तार ने कहा कि कोविड की दूसरी लहर के दौरान अन्य कब्रिस्तानों में जगह की कमी देखी गई थी, क्योंकि वायरस के कारण अधिक संख्या में लोगों की मौत हुई थी।
सत्तार ने कहा, “यह यमुना पार का सबसे बड़ा कब्रिस्तान है। इसके अलावा कुछ अन्य छोटे कब्रिस्तान भी हैं। दूसरी लहर के दौरान मय्यतों की ज्यादा संख्या की वजह से वहां मुश्किल से जगह बची है।”
उन्होंने कहा कि उन्होंने कब्रिस्तान का आकार बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री, दिल्ली सरकार, नगर निकाय और दिल्ली विकास प्राधिकरण सहित विभिन्न अधिकारियों को पत्र लिखा है, लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ है।



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