अगस्तावेस्टलैंड: अदालत ने बिचौलिये क्रिश्चियन मिशेल की जमानत अर्जियां खारिज की
punjabkesari.in Friday, Jun 18, 2021 - 09:58 PM (IST)
नयी दिल्ली, 18 जून (भाषा) दिल्ली की एक अदालत ने केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा कथित अगस्तावेस्टलैंड घोटाले के सिलसिले में दर्ज भ्रष्टाचार के मामले में कथित बिचौलिये क्रिश्चियन मिशेल की जमानत अर्जियों को शुक्रवार को खारिज कर दिया।
न्यायाधीश ने ब्रिटिश उच्चायोग द्वारा मिशेल के बारे में सीधे तौर पर बिना आवेदन पेश किए अदालत को सूचित करने पर भी कड़ा संज्ञान लिया और कहा कि यह स्वीकार्य नहीं है।
विशेष सीबीआई न्यायाधीश अरविंद कुमार ने ब्रिटिश नागरिक को राहत देने से इनकार कर दिया जिसे 2018 में दुबई से प्रत्यर्पित किया गया था। अदालत ने कहा कि यह स्थिति जमानत देने के लिहाज से उपयुक्त नहीं है।
न्यायाधीश ने कहा, ‘‘समग्र तथ्यों और परिस्थितियों, आरोपों की गंभीर प्रकृति, अपराध की गंभीरता और अभियुक्त के आचरण को ध्यान में रखते हुए, मैं इसे जमानत देने के लिए उपयुक्त मामला नहीं मानता। इस प्रकार, आरोपी द्वारा दायर जमानत की अर्जी खारिज की जाती है।’’
अदालत ने अपने 17 पृष्ठों के आदेश में कहा, ‘‘मामले से अलग होने से पहले यह उल्लेख करने की आवश्यकता है कि ब्रिटिश उच्चायोग ने इस अदालत को संबोधित एक पत्र भेजा है जिसमें कहा गया है कि जब आरोपी की जमानत याचिका पर विचार किया जाये तो मिशेल जेम्स की चिकित्सा स्थिति और सुनवाई से पहले उसकी ढ़ाई साल की हिरासत अवधि को ध्यान में रखा जा सकता है।’’
दोनों मामलों में दायर अपनी जमानत अर्जियों में आरोपी ने कहा था कि जांच-पड़ताल के लिए उसकी जरूरत नहीं है और वह जांच में सहयोग को तैयार है। आवेदन में कहा गया कि आरोपी ने कभी कानून की प्रक्रिया से बचने की कोशिश नहीं की और उसे आगे हिरासत में रखने से कुछ हासिल नहीं होगा।
अर्जियों में कहा गया कि मिशेल ने गवाहों को प्रभावित करने, दस्तावेजी साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ करने या किसी अन्य तरीके से न्यायिक प्रक्रिया में अड़चन डालने की कोई कोशिश नहीं की। मामला अगस्तावेस्टलैंड से 12 वीवीआईपी हेलीकॉप्टरों की खरीद से संबंधित 3,600 करोड़ रुपये के कथित घोटाले से जुड़ा है।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
न्यायाधीश ने ब्रिटिश उच्चायोग द्वारा मिशेल के बारे में सीधे तौर पर बिना आवेदन पेश किए अदालत को सूचित करने पर भी कड़ा संज्ञान लिया और कहा कि यह स्वीकार्य नहीं है।
विशेष सीबीआई न्यायाधीश अरविंद कुमार ने ब्रिटिश नागरिक को राहत देने से इनकार कर दिया जिसे 2018 में दुबई से प्रत्यर्पित किया गया था। अदालत ने कहा कि यह स्थिति जमानत देने के लिहाज से उपयुक्त नहीं है।
न्यायाधीश ने कहा, ‘‘समग्र तथ्यों और परिस्थितियों, आरोपों की गंभीर प्रकृति, अपराध की गंभीरता और अभियुक्त के आचरण को ध्यान में रखते हुए, मैं इसे जमानत देने के लिए उपयुक्त मामला नहीं मानता। इस प्रकार, आरोपी द्वारा दायर जमानत की अर्जी खारिज की जाती है।’’
अदालत ने अपने 17 पृष्ठों के आदेश में कहा, ‘‘मामले से अलग होने से पहले यह उल्लेख करने की आवश्यकता है कि ब्रिटिश उच्चायोग ने इस अदालत को संबोधित एक पत्र भेजा है जिसमें कहा गया है कि जब आरोपी की जमानत याचिका पर विचार किया जाये तो मिशेल जेम्स की चिकित्सा स्थिति और सुनवाई से पहले उसकी ढ़ाई साल की हिरासत अवधि को ध्यान में रखा जा सकता है।’’
दोनों मामलों में दायर अपनी जमानत अर्जियों में आरोपी ने कहा था कि जांच-पड़ताल के लिए उसकी जरूरत नहीं है और वह जांच में सहयोग को तैयार है। आवेदन में कहा गया कि आरोपी ने कभी कानून की प्रक्रिया से बचने की कोशिश नहीं की और उसे आगे हिरासत में रखने से कुछ हासिल नहीं होगा।
अर्जियों में कहा गया कि मिशेल ने गवाहों को प्रभावित करने, दस्तावेजी साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ करने या किसी अन्य तरीके से न्यायिक प्रक्रिया में अड़चन डालने की कोई कोशिश नहीं की। मामला अगस्तावेस्टलैंड से 12 वीवीआईपी हेलीकॉप्टरों की खरीद से संबंधित 3,600 करोड़ रुपये के कथित घोटाले से जुड़ा है।
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