संसद के नये भवन की जरूरत है, दोनों सदनों द्वारा आग्रह करने के समय किसी सांसद ने विरोध नहीं किया :बिरला
punjabkesari.in Friday, Jun 18, 2021 - 07:44 PM (IST)
नयी दिल्ली, 18 जून (भाषा) लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शुक्रवार को कहा कि संसद के नये भवन की जरूरत है और जब दोनों सदनों ने नये संसद भवन के निर्माण के बारे में आग्रह किया था तब लोकसभा या राज्यसभा के किसी सांसद ने इसका विरोध नहीं किया था ।
लोकसभा अध्यक्ष ने 17वीं लोकसभा के दो साल पूरे होने के अवसर पर एक संवादादाता सम्मेलन में यह बात कही ।
उन्होंने कहा कि इसका निर्माण कार्य कार्यक्रम से 16 दिन पीछे चल रहा है हालांकि इसे अक्तूबर 2022 तक पूरा कर लिया जायेगा ।
बिरला ने कहा, ‘‘ हम प्रारंभ में निर्धारित कार्यक्रम से 27 दिन आगे चल रहे थे लेकिन कोविड-19 महामारी फैलने के कारण अभी यह 16 दिन पीछे चल रहा है । ’’
संसद के नये भवन के बारे में एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि संसद के वर्तमान भवन का विस्तार नहीं किया जा सकता है और यह बदलते समय की जरूरतों को पूरा नही करता ।
उन्होंने कहा, ‘‘ वर्तमान भवन ऐतिहासिक इमारत है और इसमें कई ऐतिहासिक फैसले किये गए। लेकिन अब इसे आगे नहीं बढ़ाया जा सकता है । यह 100 साल से अधिक पुराना है और ऐसे में नये भवन की जरूरत है । ’’
इस संबंध में विवाद उठने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि जब दोनों सदनों ने नये संसद के भवन के निर्माण के बारे में आग्रह किया था तब लोकसभा या राज्यसभा के किसी सांसद ने इसका विरोध नहीं किया था ।
गौरतलब है कि संसद के नये भवन को लेकर कांग्रेस सहित विपक्षी दलों और सत्तारूढ़ भाजपा के बीच हाल के दिनों में आरोप प्रत्यारोप सुनने को मिला है । विपक्षी दलों का कहना है कि इसका निर्माण रोक देना चाहिए ताकि कोष का उपयोग कोविड-19 महामारी के प्रबंधन में किया जा सके ।
बिरला ने कहा कि वर्तमान लोकसभा की पांच सत्रों की उत्पादकता 122 प्रतिशत रही है और सभी दलों के सदस्यों ने सदन के सुचारू कामकाम में सहयोग किया है ।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
लोकसभा अध्यक्ष ने 17वीं लोकसभा के दो साल पूरे होने के अवसर पर एक संवादादाता सम्मेलन में यह बात कही ।
उन्होंने कहा कि इसका निर्माण कार्य कार्यक्रम से 16 दिन पीछे चल रहा है हालांकि इसे अक्तूबर 2022 तक पूरा कर लिया जायेगा ।
बिरला ने कहा, ‘‘ हम प्रारंभ में निर्धारित कार्यक्रम से 27 दिन आगे चल रहे थे लेकिन कोविड-19 महामारी फैलने के कारण अभी यह 16 दिन पीछे चल रहा है । ’’
संसद के नये भवन के बारे में एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि संसद के वर्तमान भवन का विस्तार नहीं किया जा सकता है और यह बदलते समय की जरूरतों को पूरा नही करता ।
उन्होंने कहा, ‘‘ वर्तमान भवन ऐतिहासिक इमारत है और इसमें कई ऐतिहासिक फैसले किये गए। लेकिन अब इसे आगे नहीं बढ़ाया जा सकता है । यह 100 साल से अधिक पुराना है और ऐसे में नये भवन की जरूरत है । ’’
इस संबंध में विवाद उठने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि जब दोनों सदनों ने नये संसद के भवन के निर्माण के बारे में आग्रह किया था तब लोकसभा या राज्यसभा के किसी सांसद ने इसका विरोध नहीं किया था ।
गौरतलब है कि संसद के नये भवन को लेकर कांग्रेस सहित विपक्षी दलों और सत्तारूढ़ भाजपा के बीच हाल के दिनों में आरोप प्रत्यारोप सुनने को मिला है । विपक्षी दलों का कहना है कि इसका निर्माण रोक देना चाहिए ताकि कोष का उपयोग कोविड-19 महामारी के प्रबंधन में किया जा सके ।
बिरला ने कहा कि वर्तमान लोकसभा की पांच सत्रों की उत्पादकता 122 प्रतिशत रही है और सभी दलों के सदस्यों ने सदन के सुचारू कामकाम में सहयोग किया है ।
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