मोदी सरकार जो उपदेश दुनिया को देती है, उस पर पहले खुद अमल करे : चिदंबरम
punjabkesari.in Monday, Jun 14, 2021 - 04:21 PM (IST)
नयी दिल्ली, 14 जून (भाषा) कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने जी-7 समूह की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से लोकतंत्र एवं वैचारिक स्वतंत्रता पर जोर दिए जाने को लेकर सोमवार को उन पर कटाक्ष करते हुए कहा कि मोदी सरकार जो उपदेश पूरी दुनिया को देती है तो उस पर उसे पहले खुद अमल करना चाहिए।
चिदंरबम ने ट्वीट किया, ‘‘जी-7 आउटरीच बैठक में प्रधानमंत्री मोदी का भाषण प्रेरक होने के साथ-साथ अजीबो-गरीब भी था। मोदी सरकार जो उपदेश दुनिया को देती है उसे पहले भारत में अमल में लाना चाहिए।’’
उन्होंने दावा किया, ‘‘यह दुख की बात है कि प्रधानमंत्री मोदी एकमात्र ऐसे अतिथि थे जो आउटरीच बैठक में सीधे तौर पर मौजूद नहीं थे। अपने आप से पूछिए, क्यों ? क्योंकि जहां तक कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई का सवाल है, तो भारत की स्थिति सबसे अलग है। हम जनसंख्या के अनुपात में सबसे अधिक संक्रमित और सबसे कम टीकाकरण वाले देश हैं।’’
प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को जी-7 के शिखर सम्मेलन के सत्र में कहा कि तानाशाही, आतंकवाद, हिंसक उग्रवाद, झूठी सूचनाओं और आर्थिक जोर-जबरदस्ती से उत्पन्न विभिन्न खतरों से साझा मूल्यों की रक्षा करने में भारत जी-7 का एक स्वाभाविक साझेदार है।
विदेश मंत्रालय के अनुसार, जी-7 शिखर सम्मेलन के ‘मुक्त समाज एवं मुक्त अर्थव्यवस्थाएं’ सत्र में मोदी ने अपने संबोधन में लोकतंत्र, वैचारिक स्वतंत्रता और स्वाधीनता के प्रति भारत की सभ्यतागत प्रतिबद्धता को रेखांकित किया।
प्रधानमंत्री ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से इस सत्र को संबोधित किया।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
चिदंरबम ने ट्वीट किया, ‘‘जी-7 आउटरीच बैठक में प्रधानमंत्री मोदी का भाषण प्रेरक होने के साथ-साथ अजीबो-गरीब भी था। मोदी सरकार जो उपदेश दुनिया को देती है उसे पहले भारत में अमल में लाना चाहिए।’’
उन्होंने दावा किया, ‘‘यह दुख की बात है कि प्रधानमंत्री मोदी एकमात्र ऐसे अतिथि थे जो आउटरीच बैठक में सीधे तौर पर मौजूद नहीं थे। अपने आप से पूछिए, क्यों ? क्योंकि जहां तक कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई का सवाल है, तो भारत की स्थिति सबसे अलग है। हम जनसंख्या के अनुपात में सबसे अधिक संक्रमित और सबसे कम टीकाकरण वाले देश हैं।’’
प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को जी-7 के शिखर सम्मेलन के सत्र में कहा कि तानाशाही, आतंकवाद, हिंसक उग्रवाद, झूठी सूचनाओं और आर्थिक जोर-जबरदस्ती से उत्पन्न विभिन्न खतरों से साझा मूल्यों की रक्षा करने में भारत जी-7 का एक स्वाभाविक साझेदार है।
विदेश मंत्रालय के अनुसार, जी-7 शिखर सम्मेलन के ‘मुक्त समाज एवं मुक्त अर्थव्यवस्थाएं’ सत्र में मोदी ने अपने संबोधन में लोकतंत्र, वैचारिक स्वतंत्रता और स्वाधीनता के प्रति भारत की सभ्यतागत प्रतिबद्धता को रेखांकित किया।
प्रधानमंत्री ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से इस सत्र को संबोधित किया।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
सबसे ज्यादा पढ़े गए
Recommended News
Recommended News
पति ने धारदार हथियार से हमला कर पत्नी को उतारा मौत के घाट, बाद में खुद भी फांसी लगाकर दी जान
शमशाबाद वन विभाग को मिली बड़ी सफलता, तस्करों से कीमती लकड़ी की बरामद
पुरानी रजिंश के चलते 2 परिवारों में खूनी झड़प, अस्पताल में भी एक-दूजे को किया लहूलुहान
Border पर पाकिस्तानी झंडे के साथ मिला गुब्बारा, जांच में जुटी सुरक्षा एजेंसियां