टीके पर पेटेंट में ढील से जुड़े भारत और द अफ्रीका के प्रस्ताव को जी7 में व्यापक समर्थन

Monday, Jun 14, 2021 - 04:20 PM (IST)

नयी दिल्ली, 13 जून (भाषा) कोविड-19 टीकों की न्यायसंगत उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए टीके के पेटेंट में अस्थायी ढील देने से जुड़े भारत और दक्षिण अफ्रीका के प्रस्ताव को जी7 शिखर सम्मेलन में व्यापक समर्थन मिला। विदेश मंत्रालय ने रविवार को यह जानकारी दी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिटेन में आयोजित शिखर सम्मेलन के आउटरीच सत्र को वीडियो काफ्रेंस के जरिए संबोधित करते हुए समूह से टीकों के लिए पेटेंट संरक्षण हटाने की खातिर समर्थन मांगा।

विदेश मंत्रालय ने बताया कि मोदी की अपील को दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मोरिसन, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूटीओ) की महानिदेशक एन्गोजी ओकोंजो इवेला और संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस का समर्थन मिला।

विदेश मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव (आर्थिक संबंध) पी हरीश ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, "मैं इस बात की पुष्टि कर सकता हूं कि विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में ट्रिप्स संबंधी छूट के भारत-दक्षिण अफ्रीका के प्रस्ताव को चर्चाओं में व्यापक समर्थन मिला।"
डब्ल्यूटीओ की ट्रिप्स (बौद्धिक संपदा अधिकारों के व्यापार संबंधित पहलू) परिषद में प्रस्ताव पर पाठ आधारित बातचीत शुरू होने की उम्मीद है।

अतिरिक्त सचिव ने बताया कि मोदी ने विकसित देशों के समूह से नेतृत्व का प्रदर्शन करने की अपील करते हुए डब्ल्यूटीओ में ट्रिप्स संबंधी छूट के लिए प्रस्ताव पर मजबूत समर्थन की मांग की।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने शनिवार को ''ज्यादा मजबूत स्वास्थ्य का पुनर्निर्माण'' सत्र को संबोधित करते हुए यह अपील की थी।

हरीश ने कहा कि फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रां ने भी अफ्रीका में टीके की उत्पादन क्षमता बढ़ाने की जरूरत पर जोर दिया और भारत से एक महत्वपूर्ण वैश्विक उत्पादन केंद्र के तौर पर अपनी विशेषज्ञता प्रदान करने की अपील की।

जी7 देशों ने एक साल के भीतर कोविड-19 टीकों की अतिरिक्त एक अरब खुराक दान करने का प्रण लिया है।

टीके के उत्पादन को बढ़ाने के लिए वित्तपोषण करने पर जी7 के रुख के बारे में पूछे जाने पर अतिरिक्त सचिव ने कहा कि विभिन्न क्षेत्रीय विनिर्माण केंद्रों में क्षमता बढ़ाने और इन क्षेत्रों को वित्त, तकनीक हस्तांतरण एवं कौशल प्रदान करने पर आम सहमति थी।

यह पूछे जाने पर कि क्या शिखर सम्मेलन में इस विषय पर चर्चा हुई कि कोविड-19 की चीन में किस तरह उत्पत्ति हुई, हरीश ने सीधा जवाब नहीं दिया।

उन्होंने कहा, "जी7 देशों और मेहमान देशों के नेताओं ने वैश्विक स्वास्थ्य शासन में सुधार की जरूरत पर गहन और विस्तृत चर्चा की।"
हरीश ने साथ ही कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने महामारी की मुश्किल दूसरी लहर के दौरान भारत की मदद करने के लिए जी7 और मेहमान देशों का आभार जताया और स्थिति के बेहतर होने के बावजूद महामारी को लेकर सतर्क बने रहने की अपील की।

जी7 के सदस्य देशों में अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, जर्मनी, फ्रांस, इटली और जापान शामिल हैं। समूह का अध्यक्ष होने के नाते ब्रिटेन ने भारत, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका और दक्षिण कोरिया को मेहमान देशों के तौर पर आमंत्रित किया था।

तीन दिनों का यह सम्मेलन आज समाप्त हो गया।



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PTI News Agency

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