क्वान्टम एएमसी के संस्थापक दयाल ने कहा, न्यासियों के स्वतंत्र बोर्ड की जरूरत

Sunday, Jun 13, 2021 - 03:02 PM (IST)

नयी दिल्ली, 13 जून (भाषा) क्वान्टम एएमसी के संस्थापक अजित दयाल ने कहा है कि छोटे निवेशकों के हितों के संरक्षण के लिए न्यासियों के पूर्ण रूप से स्वतंत्र बोर्ड की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इससे भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के नियमनों का अनुपालन सुनिश्चित हो सकेगा और साथ ही छोटे निवेशकों के हितों की रक्षा की जा सकेगी।
दयाल ने कहा कि इससे उद्योग में निगरानी बेहतर हो सकेगी जिससे म्यूचुअल फंड उद्योग और मजबूत हो सकेगा।
उन्होंने कहा कि फ्रैंकलिन टेम्पलटन को छह बांड योजनाओं को बंद करने के मामले में नियामकीय नियमों के उल्लंघन का दोषी पाया गया है। इस दृष्टि से यह एक काफी उल्लेखनीय कदम होगा।
पीटीआई-भाषा से फोन पर बातचीत में दयाल ने कहा कि यदि संपत्ति प्रबंधन कंपनी (एएमसी) में न्यासियों के बोर्ड में एक व्यक्ति बैठा है, तो हम निवेशकों के हितों से समझौता कर रहे हैं। ‘‘इस एक व्यक्ति की उपस्थिति से न्यासी बोर्ड की स्वतंत्रता कम होगी।’’
उन्होंने कहा कि यदि आप चाहते हैं कि निवेशकों का पूरा ध्यान रखा जाए, तो न्यासी 100 प्रतिशत स्वतंत्र होने चाहिए।
दयाल ने कहा कि न्यासी बोर्ड का सबसे कम इस्तेमाल होता है।
उन्होंने कहा कि सेबी को यह नियमन बनाना चाहिए कि स्वतंत्र न्यासी की न्यासी या ट्रस्टी बोर्ड में रहेंगे। एएमसी या प्रबंधन से जुड़ा कोई व्यक्ति इसमें नहीं होगा।
उन्होंने कहा, ‘‘यह सेबी की ओर से चूक है कि उसने इस नियम को नहीं लागू किया है। यह नियम 1993 से लागू होना चाहिए था, लेकिन इसे आज तक लागू नहीं किया जा सका है।’’
दयाल ने कहा कि ट्रस्टियों का काम यह सुनिश्चित करना है कि कोष का प्रबंधन शेयरधारकों के हितों के अनुकूल हो। क्वान्टम एमएफ एकमात्र म्यूचुअल फंड कंपनी है जिसमें न्यासी बोर्ड पूरी तरह स्वतंत्र है।


यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।

PTI News Agency

Advertising