पीओएस टर्मिनल बाजार में निजी क्षेत्र की बैंकों की हिस्सेदारी 67 प्रतिशत
Saturday, Jun 12, 2021 - 02:43 PM (IST)
नयी दिल्ली, 12 जून (भाषा) देश में मार्च, 2021 के अंत तक कुल पीओएस टर्मिनलों की संख्या घटकर 47.2 लाख पर आ गई, जो जनवरी में 60.3 लाख के सर्वकालिक उच्चस्तर पर थी।
पीसीओ टर्मिनल पर ग्राहक क्रेडिट या डेविट कार्ड लगा कर भुगतान कर सकते हैं।
वर्ल्डलाइन इंडिया की चालू कैलेंडर साल की पहली तिमाही जनवरी-मार्च की ‘डिजिटल भुगतान रिपोर्ट’ में यह जानकारी दी गई है। रिपोर्ट में परंपरागत भुगतान चैनल मसलन डेबिट और क्रेडिट कार्ड के अलावा भुगतान के नए तरीकों मसलन मोबाइल आधारित भुगतान, ई-वॉलेट आदि का विश्लेषण किया गया है।
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘ यह आंकड़ा जगह जगह स्थापित पीओएस टर्मिनल की अधिक वास्तविक संख्या की झलक देने वाला लगता है।रिपोर्ट में कहा गया है कि पीओएस टर्मिनलों में निजी क्षेत्र के बैंकों का हिस्सा करीब 67 प्रतिशत है। वहीं सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का हिस्सा 27 प्रतिशत, भुगतान बैंकों का पांच प्रतिशत और विदेशी बैंकों का एक प्रतिशत है।
पीओएस टर्मिनल लगाने में एचडीएफसी बैंक, भारतीय स्टेट बैंक, आरबीएल बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और एक्सिस बैंक सबसे आगे हैं।
वर्ल्डलाइन दक्षिण एशिया और एएमपी, पश्चिम एशिया दीपक चंदनानी ने कहा कि आज डिजिटल भुगतान का महत्व तेजी से बढ़ रहा है। सिर्फ पहली और दूसरी श्रेणी के शहरों ही नहीं बल्कि तीसरी श्रेणी के शहरों और उससे आगे भी ग्राहकों का डिजिटल भुगतान को लेकर भरोसा बढ़ रा है।
चंदनानी ने कहा, ‘‘हालांकि, अभी डिजिटल भुगतान बढ़ने की वजह लोगों की आवाजाही पर अंकुश और लॉकडाउन है। लेकिन डिजिटल भुगतान में पारदर्शिता, सुरक्षा के साथ-साथ इसके सुविधाजनक होने की वजह से आने वाले वर्षों में यह और लोकप्रिय होगा।
रिपोर्ट में बताया गया है कि मार्च, 2021 तक देश में परिचालन में कुल कार्ड की संख्या 96.02 करोड़ थी। इनमें डेबिट कार्ड की संख्या 89.82 करोड़ और क्रेडिट कार्ड की 6.20 करोड़ थी।
रिपोर्ट के अनुसार, पहली तिमाही में डिजिटल भुगतान का आंकड़ा 93.76 करोड़ रहा। मूल्य के हिसाब से यह 1,31,340 अरब रुपये रहा।
मोबाइल आधारित भुगतान का आंकड़ा 8.32 अरब रहा। मूल्य के हिसाब से यह 31,980 अरब रुपये रहा।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
पीसीओ टर्मिनल पर ग्राहक क्रेडिट या डेविट कार्ड लगा कर भुगतान कर सकते हैं।
वर्ल्डलाइन इंडिया की चालू कैलेंडर साल की पहली तिमाही जनवरी-मार्च की ‘डिजिटल भुगतान रिपोर्ट’ में यह जानकारी दी गई है। रिपोर्ट में परंपरागत भुगतान चैनल मसलन डेबिट और क्रेडिट कार्ड के अलावा भुगतान के नए तरीकों मसलन मोबाइल आधारित भुगतान, ई-वॉलेट आदि का विश्लेषण किया गया है।
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘ यह आंकड़ा जगह जगह स्थापित पीओएस टर्मिनल की अधिक वास्तविक संख्या की झलक देने वाला लगता है।रिपोर्ट में कहा गया है कि पीओएस टर्मिनलों में निजी क्षेत्र के बैंकों का हिस्सा करीब 67 प्रतिशत है। वहीं सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का हिस्सा 27 प्रतिशत, भुगतान बैंकों का पांच प्रतिशत और विदेशी बैंकों का एक प्रतिशत है।
पीओएस टर्मिनल लगाने में एचडीएफसी बैंक, भारतीय स्टेट बैंक, आरबीएल बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और एक्सिस बैंक सबसे आगे हैं।
वर्ल्डलाइन दक्षिण एशिया और एएमपी, पश्चिम एशिया दीपक चंदनानी ने कहा कि आज डिजिटल भुगतान का महत्व तेजी से बढ़ रहा है। सिर्फ पहली और दूसरी श्रेणी के शहरों ही नहीं बल्कि तीसरी श्रेणी के शहरों और उससे आगे भी ग्राहकों का डिजिटल भुगतान को लेकर भरोसा बढ़ रा है।
चंदनानी ने कहा, ‘‘हालांकि, अभी डिजिटल भुगतान बढ़ने की वजह लोगों की आवाजाही पर अंकुश और लॉकडाउन है। लेकिन डिजिटल भुगतान में पारदर्शिता, सुरक्षा के साथ-साथ इसके सुविधाजनक होने की वजह से आने वाले वर्षों में यह और लोकप्रिय होगा।
रिपोर्ट में बताया गया है कि मार्च, 2021 तक देश में परिचालन में कुल कार्ड की संख्या 96.02 करोड़ थी। इनमें डेबिट कार्ड की संख्या 89.82 करोड़ और क्रेडिट कार्ड की 6.20 करोड़ थी।
रिपोर्ट के अनुसार, पहली तिमाही में डिजिटल भुगतान का आंकड़ा 93.76 करोड़ रहा। मूल्य के हिसाब से यह 1,31,340 अरब रुपये रहा।
मोबाइल आधारित भुगतान का आंकड़ा 8.32 अरब रहा। मूल्य के हिसाब से यह 31,980 अरब रुपये रहा।
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