कोविड-19 की दूसरी लहर के खिलाफ लड़ाई जारी, लापरवाही ना करें : प्रधानमंत्री

punjabkesari.in Monday, Jun 07, 2021 - 08:27 PM (IST)

नयी दिल्ली, सात जून (भाषा) कोविड-19 के मामले घटने के मद्देनजर कई राज्यों द्वारा पाबंदियों में ढील दिए जाने के बीच सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसी भी ढिलाई के खिलाफ लोगों को सावधान किया। उन्होंने कहा कि कोरोना जैसे अदृश्य और रूप बदलने वाले दुश्मन के खिलाफ लड़ाई में सबसे प्रभावी हथियार प्रोटोकॉल का पालन है।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘कई जगहों पर कोरोना कर्फ्यू में ढील दी जा रही है लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि कोरोना वायरस चला गया है। हमें सतर्क रहना होगा और साथ ही कोविड प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करना होगा। मुझे विश्वास है कि हम इस लड़ाई को जीतेंगे और भारत कोरोना वायरस के खिलाफ जीतेगा।’’ राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने उल्लेख किया कि बीते 100 वर्षों में आई यह सबसे बड़ी महामारी है। इस तरह की महामारी आधुनिक विश्व ने न कभी देखी थी, न अनुभव की थी। इस महामारी के खिलाफ भारत कई मोर्चों पर एक साथ लड़ा है।

कोविड अस्पताल बनाने, आईसीयू बेड बढ़ाने, वेंटिलेटर के निर्माण और प्रयोगशालाओं के नेटवर्क के विस्तार समेत अन्य कदमों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के खिलाफ भारत की लड़ाई को मजबूती मिली है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले डेढ़ साल में महामारी से लड़ने के लिए देश भर में एक नया स्वास्थ्य ढांचा तैयार किया गया है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के खिलाफ देश की लड़ाई जारी है।

प्रधानमंत्री ने शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि इस लड़ाई के दौरान भारत बहुत दर्द से गुजरा है और कई लोगों ने अपने प्रियजनों को खो दिया। उन्होंने कहा कि दूसरी लहर के दौरान, भारत में चिकित्सकीय ऑक्सीजन की मांग अप्रैल और मई के महीनों में अकल्पनीय रूप से बढ़ी, भारत के इतिहास में कभी भी इतनी मात्रा में चिकित्सकीय ऑक्सीजन की आवश्यकता नहीं हुई। उन्होंने कहा कि इस मांग को पूरा करने के लिए सरकार के समूचे तंत्र ने एक साथ युद्धस्तर पर काम किया है।

मोदी ने ‘ऑक्सीजन रेल’ चलाने और नौसेना तथा वायु सेना की तैनाती जैसे उपायों का उल्लेख करते हुए कहा कि कम समय में तरल चिकित्सीय ऑक्सीजन का उत्पादन 10 गुना से अधिक बढ़ा है। उन्होंने कहा कि आवश्यक दवाओं का उत्पादन भी बढ़ा है। मोदी ने लगभग आधे घंटे के अपने संबोधन में कहा, ‘‘कोरोना वायरस जैसी महामारी के खिलाफ कोविड प्रोटोकॉल सबसे महत्वपूर्ण हथियार है। यह ऐसा अदृश्य वायरस है जो अपना रूप बदलता रहता है। इसलिए मास्क, ‘दो गज की दूरी’ और ऐसे अन्य सुरक्षात्मक उपाय जरूरी हैं।’’
उन्होंने राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा कि पूरे देश में 18 साल से ज्यादा उम्र के सभी लोगों के टीकाकरण के लिए केंद्र सरकार 21 जून से राज्यों को निशुलक टीके देगी और कहा कि आगामी दिनों में देश में टीकों की आपूर्ति बढ़ेगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र ने टीका निर्माताओं से राज्य के 25 प्रतिशत कोटे समेत 75 प्रतिशत खुराकें खरीदने और इसे राज्य सरकारों को निशुल्क देने का फैसला किया है।

उन्होंने घोषणा की, ‘‘देश में बन रहे टीके में से 25 प्रतिशत, निजी क्षेत्र के अस्पताल सीधे ले पाएं, ये व्यवस्था जारी रहेगी। निजी अस्पताल, वैक्सीन की निर्धारित कीमत के उपरांत एक डोज पर अधिकतम 150 रुपए ही सेवा शुल्क ले सकेंगे। इसकी निगरानी करने का काम राज्य सरकारों के ही पास रहेगा।’’
मोदी ने टीके के बारे में लोगों से जागरुकता बढ़ाने का आह्वान करते हुए कहा कि कोरोना वायरस से बचाव के लिए टीका सुरक्षा कवच की तरह है। प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस के खिलाफ देश में सात कंपनियां टीका उत्पादन पर काम कर रही हैं तथा तीन और टीकों के परीक्षण अग्रिम चरण में हैं। दूसरे देशों की कंपनियों से टीके हासिल करने की प्रक्रिया भी तेज की गयी है।

वायरस से बच्चों के प्रभावित होने को लेकर कुछ विशेषज्ञों द्वारा जतायी गयी चिंताओं के बीच मोदी ने कहा कि इस दिशा में दो टीकों के परीक्षण चल रहे हैं। मोदी ने कहा कि नैजल स्प्रे टीके पर भी अनुसंधान जारी है और अगर इसमें कामयाबी मिली तो भारत के टीकाकरण अभियान को गति मिलेगी।

कोविड मामलों में कमी आने पर महाराष्ट्र और दिल्ली समेत कुछ राज्यों में पाबंदियों में ढील के बीच मोदी ने लोगों से लापरवाही नहीं बरतने को कहा।

प्रधानमंत्री ने टीकाकरण के बारे में अफवाहें फैलाने वाले लोगों के खिलाफ भी चेताया और कहा कि ऐसे लोग दूसरों की जान के साथ खेल रहे हैं और उनको लेकर सतर्क रहने की जरूरत है।



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