सीबीआई ने आयकर विभाग को 3.42 करोड़ की चपत लगाने वाली कंपनी के खिलाफ मामला दर्ज किया
punjabkesari.in Thursday, May 06, 2021 - 08:29 PM (IST)
नयी दिल्ली, छह मई (भाषा) केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने गलत विवरण जमा कर आयकर विभाग को 3.42 करोड़ रुपये की चपत लगाने के आरोप में टैक्स संबंधी सेवाएं मुहैया कराने वाली तमिलनाडु की एक कंपनी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को इस बारे में बताया।
उन्होंने बताया कि केंद्रीय जांच एजेंसी ने धैरावियम टैक्स सर्विसेज के मालिक 42 वर्षीय के पंचतत्रम के खिलाफ मामला दर्ज किया है। पंचतत्रम की कंपनी मंजूरी प्राप्त ई-रिटर्न इंटरमीडियट प्राधिकार है, जो टीडीएस विवरण, आयकर विवरण दाखिल करने, टीडीएस विवरण में सुधार, पैन पंजीकरण और जीएसटी आवंटन जैसी सेवाएं देती है।
सीबीआई ने आरोप लगाया है कि पंचतत्रम ने माइक्रोसॉफ्ट एक्सेल सॉफ्टवेयर में एक प्रारूप तैयार किया जिसमें डीडीओ के नाम, कोड नंब, पैन और डीडीओ की जन्म तिथि के विवरण दर्ज किए जाते थे।
आयकर विभाग को तीन अप्रैल 2018 को दो शिकायतें मिली थी जिसमें दावा किया गया था कि जरूरी सीमा से कम आमदनी के कारण आयकर विवरण जमा नहीं किया गया लेकिन विभाग से रिफंड के चेक मिले थे।
सत्यापन के दौरान पता चला कि कंपनी कर कटौती, संग्रहण खाता नंबर (टीएएन) धारकों की जानकारी के बिना ई-टीडीएस सुधार के विवरण जमा कर रही थी और इस तरह जालसाजी से रिफंड का दावा किया गया।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
उन्होंने बताया कि केंद्रीय जांच एजेंसी ने धैरावियम टैक्स सर्विसेज के मालिक 42 वर्षीय के पंचतत्रम के खिलाफ मामला दर्ज किया है। पंचतत्रम की कंपनी मंजूरी प्राप्त ई-रिटर्न इंटरमीडियट प्राधिकार है, जो टीडीएस विवरण, आयकर विवरण दाखिल करने, टीडीएस विवरण में सुधार, पैन पंजीकरण और जीएसटी आवंटन जैसी सेवाएं देती है।
सीबीआई ने आरोप लगाया है कि पंचतत्रम ने माइक्रोसॉफ्ट एक्सेल सॉफ्टवेयर में एक प्रारूप तैयार किया जिसमें डीडीओ के नाम, कोड नंब, पैन और डीडीओ की जन्म तिथि के विवरण दर्ज किए जाते थे।
आयकर विभाग को तीन अप्रैल 2018 को दो शिकायतें मिली थी जिसमें दावा किया गया था कि जरूरी सीमा से कम आमदनी के कारण आयकर विवरण जमा नहीं किया गया लेकिन विभाग से रिफंड के चेक मिले थे।
सत्यापन के दौरान पता चला कि कंपनी कर कटौती, संग्रहण खाता नंबर (टीएएन) धारकों की जानकारी के बिना ई-टीडीएस सुधार के विवरण जमा कर रही थी और इस तरह जालसाजी से रिफंड का दावा किया गया।
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