कोविड चिकित्सा आपातकाल के दौरान भ्रष्टाचार ''''दूसरी महामारी'''' है: टीआईआई
punjabkesari.in Wednesday, May 05, 2021 - 10:23 PM (IST)
नयी दिल्ली, पांच मई (भाषा) भ्रष्टाचार पर निगरानी रखने वाली संस्था ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल इंडिया (टीआईआई) ने कोविड-19 संकट के दौरान भ्रष्टाचार को ''''दूसरी महामारी'''' करार देते हुए राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों से तत्काल आवश्यक चिकित्सा वस्तुओं और सेवाओं की कालाबाजारी पर लगाम लगाने का आह्वान किया।
टीआईआई ने आरोप लगाया कि देश में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में जारी वृद्धि के बीच कोविड-19 उपचार के लिए बेहद आवश्यक ऑक्सीजन, दवाएं, एम्बुलेंस, बिस्तरों और वेंटिलेटरों के साथ ही अन्य उपकरणों को मरीजों को बेहद ऊंचे दामों पर उपलब्ध कराया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि कोविड-19 उपचार से जुड़ा प्रत्येक पहलु भारत में भ्रष्टाचार का अवसर बन गया है।
संस्था के कार्यकारी निदेशक राम नाथ झा ने कहा, '''' महामारी के दौरान मांग एवं आपूर्ति में आए भारी अंतर के कारण उभरे भ्रष्टाचार के जोखिम को काबू करने के लिए राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों को तत्काल कदम उठाने चाहिए। देश में आवश्यक चिकित्सा आपूर्ति एवं सेवाओं की कालाबाजारी को रोकने के लिए सरकारों को तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए।''''
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
टीआईआई ने आरोप लगाया कि देश में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में जारी वृद्धि के बीच कोविड-19 उपचार के लिए बेहद आवश्यक ऑक्सीजन, दवाएं, एम्बुलेंस, बिस्तरों और वेंटिलेटरों के साथ ही अन्य उपकरणों को मरीजों को बेहद ऊंचे दामों पर उपलब्ध कराया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि कोविड-19 उपचार से जुड़ा प्रत्येक पहलु भारत में भ्रष्टाचार का अवसर बन गया है।
संस्था के कार्यकारी निदेशक राम नाथ झा ने कहा, '''' महामारी के दौरान मांग एवं आपूर्ति में आए भारी अंतर के कारण उभरे भ्रष्टाचार के जोखिम को काबू करने के लिए राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों को तत्काल कदम उठाने चाहिए। देश में आवश्यक चिकित्सा आपूर्ति एवं सेवाओं की कालाबाजारी को रोकने के लिए सरकारों को तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए।''''
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