भारत-ब्रिटेन शिखर सम्मेलन के परिणामों से संबंधों में आए बदलाव: ब्रिटिश उच्चायुक्त

punjabkesari.in Wednesday, May 05, 2021 - 07:41 PM (IST)

नयी दिल्ली, पांच मई (भाषा) ब्रिटिश उच्चायुक्त एलेक्स एलिस ने बुधवार को कहा कि भारत ब्रिटेन शिखर सम्मेलन के परिणामस्वरूप द्विपक्षीय संबंधों में उल्लेखनीय बदलाव आए हैं क्योंकि इससे कारोबार, निवेश, जलवायु परिवर्तन, आवागमन सहित विविध क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने का मार्ग प्रशस्त हुआ है ।
भारत और ब्रिटेन ने मंगलवार को दोनों देशों के संबंधों को ‘‘व्यापक रणनीतिक साझेदारी’’ की ओर ले जाने के लिए महत्वाकांक्षी ‘‘रोडमैप 2030’’ को अनुमति दी।
साथ ही दोनों देशों ने अवसरों और क्षमताओं का पूरा लाभ उठाने के उद्देश्‍य से अंतरिम व्‍यापार समझौते पर विचार करने सहित व्‍यापक और संतुलित मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के लिए वार्ता शुरू करने की घोषणा की।

एलिस ने डिजिटल माध्यम से संवाददाताओं से कहा, ‘‘ शिखर सम्मेलन और समझौतों से भारत-ब्रिटेन के संबंधों में बदलाव आया है । ’’
उन्होंने कहा कि शिखर बैठक दोनों पक्षों के विविध क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत बनाने की दिशा में नयी शुरूआत करने के संकल्प को प्रदर्शित करता है ।
प्रवास और आवागम पर साझेदारी को लागू करने के विषय पर ब्रिटिश उच्चायुक्त ने कहा कि इसके प्रावधानों को सक्षम व्यवस्था के तहत लागू किया जायेगा ।
उन्होंने कहा कि ब्रिटेन इसे तेजी से लागू करना चाहता है लेकिन इसके साथ ही प्रक्रिया को इस प्रकार से आगे बढ़ा जाना चाहिए ताकि यह कानूनी रूप से सही हो ।
उल्लेखनीय है कि भारत और ब्रिटेन ने ‘प्रवासन एवं आवाजाही पर एक व्यापक साझेदारी’ को अंतिम रूप दिया जिससे दोनों देशों के बीच विद्यार्थियों एवं पेशेवरों की आवाजाही के लिए और भी अधिक अवसर सुलभ होंगे। इससे वार्षिक रूप से करीब 3000 भारतीय पेशेवरों के लिये रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।

यह पूछे जाने पर कि क्या ब्रिटेन ने अपने यहां अवैध रूप से रह रहे भारतीयों को वापस लेने को कहा है, विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव (पश्चिमी यूरोप) संदीप चक्रवर्ती ने मंगलवार को दोनों देशों के बीच आव्रजन और पारगमन से संबंधित सहयोग पर हस्ताक्षर किये जाने का उल्लेख किया था ।
उन्होंने कहा था कि भारत अवैध रूप से आव्रजन के खिलाफ है क्योंकि यह वैध रूप से आव्रजन को नुकसान पहुंचाता है और साथ ही संकेत दिया कि वह उनको वापस लेगा जिन्हें राष्ट्रीयता नहीं मिली है या आवास परमिट प्राप्त नहीं हुआ है ।
दूसरी ओर, जी-7 विदेश मंत्रियों की लंदन में बैठक में हिस्सा लेने आए भारतीय शिष्टमंडल के दो सदस्यों के कोविड-19 संक्रमित होने के बारे में पूछे जाने पर ब्रिटिश उच्चायुक्त ने इसका सीधा जवाब नहीं दिया ।
उन्होंने कहा कि इन सवालों के जवाब लंदन में उनके सहयोगी बेहतर ढंग दे सकते हैं । उन्होंने कहा कि ब्रिटिश प्राधिकार का रूख इंग्लैंड की सार्वजनिक स्वास्थ्य सलाह पर आधारित होगा ।
भारत को ब्रिटेन की ओर से चिकित्सा सहायता देने से संबंधित एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि चिकित्सा संबंधी सहायता का समन्वय भारत सरकार और भारतीय रेड क्रास सोसाइटी के जरिये हो रहा है ।

यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।

सबसे ज्यादा पढ़े गए

PTI News Agency

Recommended News