केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत और ब्रिटेन के बीच वैश्विक नवाचार साझेदारी संबंधी एमओयू को मंजूरी दी
punjabkesari.in Wednesday, May 05, 2021 - 07:40 PM (IST)
नयी दिल्ली, 5 मई (भाषा) केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत और ब्रिटेन के बीच वैश्विक नवाचार साझेदारी संबंधी सहमति पत्र (एमओयू) को बुधवार को मंजूरी प्रदान कर दी जो पूर्व रूप से प्रभावी होगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई ।
सरकारी बयान के अनुसार, मंत्रिमंडल ने वैश्विक नवाचार साझेदारी (जीआईपी) पर भारत और ब्रिटेन के बीच समझौता-ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने की अनुमति प्रदान कर दी, जो पूर्व रूप से प्रभावी होगी।
यह समझौता-ज्ञापन भारतीय विदेश मंत्रालय और ब्रिटेन के विदेश, राष्ट्रमंडल एवं विकास कार्यालय के बीच हो रहा है।
बयान में कहा गया है कि इस समझौता-ज्ञापन से भारत और ब्रिटेन वैश्विक नवाचार साझेदारी (जीआईपी) की शुरुआत करेंगे। जीआईपी भारत के अन्वेषकों को अन्य देशों में अपने नवाचार का विकास करने में मदद करेगी। इससे नये बाजार मिलेंगे और अन्वेषक आत्मनिर्भर बनेंगे।
इसमें कहा गया है कि भारत में नवाचार व्यवस्था को भी इससे मदद मिलेगी। जीआईपी, नवाचार सतत विकास लक्ष्य संबंधी क्षेत्रों पर केंद्रित करेगा, ताकि लाभार्थी देश अपने-अपने सतत विकास लक्ष्यों को हासिल कर सकें।
इससे बुनियादी वित्तपोषण, अनुदान, निवेश और तकनीकी सहयोग के जरिये यह साझेदारी भारतीय उद्यमियों और अन्वेषकों की सहायता करेगी, ताकि वे अपने नवाचार विकास समाधानों को विकासशील देशों तक पहुंचा सकें।
जीआईपी के तहत चुने गये नवाचार सतत विकास लक्ष्य प्राप्त करने में तेजी लायेंगे और निचले पायदान पर खड़ी आबादी को लाभ मिलेगा। इस तरह लाभार्थी देशों में बराबरी और समावेशी उद्देश्य को प्राप्त किया जा सकेगा।
बयान के अनुसार, जीआईपी से खुला और समावेशी ई-बाजार भी विकसित होगा, जिसके तहत बाजारों के बीच नवाचार का अंतरण होगा। इस दिशा में किये जाने वाले प्रयासों का लगातार आंकलन करने में मदद मिलेगी तथा पारदर्शिता और जवाबदेही को प्रोत्साहन मिलेगा।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई ।
सरकारी बयान के अनुसार, मंत्रिमंडल ने वैश्विक नवाचार साझेदारी (जीआईपी) पर भारत और ब्रिटेन के बीच समझौता-ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने की अनुमति प्रदान कर दी, जो पूर्व रूप से प्रभावी होगी।
यह समझौता-ज्ञापन भारतीय विदेश मंत्रालय और ब्रिटेन के विदेश, राष्ट्रमंडल एवं विकास कार्यालय के बीच हो रहा है।
बयान में कहा गया है कि इस समझौता-ज्ञापन से भारत और ब्रिटेन वैश्विक नवाचार साझेदारी (जीआईपी) की शुरुआत करेंगे। जीआईपी भारत के अन्वेषकों को अन्य देशों में अपने नवाचार का विकास करने में मदद करेगी। इससे नये बाजार मिलेंगे और अन्वेषक आत्मनिर्भर बनेंगे।
इसमें कहा गया है कि भारत में नवाचार व्यवस्था को भी इससे मदद मिलेगी। जीआईपी, नवाचार सतत विकास लक्ष्य संबंधी क्षेत्रों पर केंद्रित करेगा, ताकि लाभार्थी देश अपने-अपने सतत विकास लक्ष्यों को हासिल कर सकें।
इससे बुनियादी वित्तपोषण, अनुदान, निवेश और तकनीकी सहयोग के जरिये यह साझेदारी भारतीय उद्यमियों और अन्वेषकों की सहायता करेगी, ताकि वे अपने नवाचार विकास समाधानों को विकासशील देशों तक पहुंचा सकें।
जीआईपी के तहत चुने गये नवाचार सतत विकास लक्ष्य प्राप्त करने में तेजी लायेंगे और निचले पायदान पर खड़ी आबादी को लाभ मिलेगा। इस तरह लाभार्थी देशों में बराबरी और समावेशी उद्देश्य को प्राप्त किया जा सकेगा।
बयान के अनुसार, जीआईपी से खुला और समावेशी ई-बाजार भी विकसित होगा, जिसके तहत बाजारों के बीच नवाचार का अंतरण होगा। इस दिशा में किये जाने वाले प्रयासों का लगातार आंकलन करने में मदद मिलेगी तथा पारदर्शिता और जवाबदेही को प्रोत्साहन मिलेगा।
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