करीब 57.51 लाख लंबित मामलों में 54 प्रतिशत पांच उच्च न्यायालयों में : सर्वोच्च अदालत

punjabkesari.in Tuesday, Apr 20, 2021 - 10:50 PM (IST)

नयी दिल्ली, 20 अप्रैल (भाषा) सर्वोच्च अदालत ने मंगलवार को कहा कि देश के 25 उच्च न्यायालयों में 57.51 लाख से अधिक लंबित मामलों में 54 प्रतिशत मामले पांच उच्च न्यायालयों - इलाहाबाद, पंजाब एवं हरियाणा, मद्रास, बंबई और राजस्थान में हैं। इसके साथ ही न्यायालय ने स्थिति से निपटने के लिए तदर्थ न्यायाधीशों की नियुक्ति का रास्ता साफ कर दिया।

प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने एक फैसले द्वारा संविधान के अनुच्छेद 224 ए का उपयोग किया जिसका बहुत ही कम इस्तेमाल हुआ है। इसी के साथ लंबित मामलों के निपटारे के लिए उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीशों को दो से तीन साल की अवधि के लिए तदर्थ न्यायाधीश के रूप में नियुक्त करने का मार्ग प्रशस्त हो गया।
पीठ में न्यायमूर्ति एस के कौल और न्यायमूर्ति सूर्यकांत भी शामिल हैं। पीठ ने कहा कि तदर्थ न्यायाधीशों की नियुक्ति का प्राथमिक उद्देश्य उन मामलों का निपटारा है जो पांच साल से अधिक समय से लंबित हैं।

प्रधान न्यायाधीश द्वारा लिखे गए फैसले में राष्ट्रीय न्यायिक डेटा ग्रिड के आंकड़ों का भी जिक्र किया गया है और कहा गया कि इससे पता चलता है कि केवल पांच उच्च न्यायालय ही 54 प्रतिशत लंबित मामलों के लिए जिम्मेदार हैं।

आदेश में कहा गया है कि मद्रास उच्च न्यायालय में सात प्रतिशत से कम रिक्तियों के बावजूद 5.8 लाख मामले लंबित हैं वहीं कलकत्ता उच्च न्यायालय में 44 प्रतिशत रिक्तियों के बीच 2.7 लाख लंबित मामले हैं।



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PTI News Agency

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