एडवांस रूलिंग प्राधिकरण ने अमूल मामले में कहा, सुगंधित दूध पर जीएसटी के तहत 12 प्रतिशत कर सही

Sunday, Apr 18, 2021 - 02:51 PM (IST)

नयी दिल्ली, 18 अप्रैल (भाषा) गुजरात एडवांस रूलिंग (एएआर) प्राधिकरण ने कहा है कि सुगंधित दूध मूल रूप से दूध मिला ‘पेय पदार्थ’ है और उस पर 12 प्रतिशत जीएसटी (माल एवं सेवा कर) लगेगा।

अमूल ब्रांड के तहत डेयरी उत्पादों का विपणन करने वाला गुजरात सहकारी दूध विपणन महासंघ (जीसीएमएमएफ) ने सुगंधित दूध पर जीएसटी के तहत कर लगाये जाने को लेकर एएआर में अर्जी लगायी थी। कंपनी इस सुगंधित दूध को अमूल कूल/मूल कूल कैफे नाम से बेचती है।
आवेदनकर्ता ने एएआर के समक्ष कहा था कि वसा मात्रा के अनुसार सुगंधित दूध बनाने की प्रक्रिया ताजा दूध का मानकीकरण है। इसमें उसे निश्चित तापमान पर गर्म किया जाता है और उसे फिर अत्याधुनिक तकनीक से साथ छाना जाता है, कीटाणुओं को समाप्त कर पीने लायक और लंबे समय तक रखे जाने लायक (पाश्चूराइजेश्न) बनाया जाता है तथा उसे फिर ‘होमोजेनाइजेशन’ की प्रक्रिया (फैट ग्लोबूल्स के आकार को कम करने की प्रक्रिया) से गुजारा जाता है। उसके बाद उसमें चीनी और विभिन्न सुगंधित तत्व मिलाये जाते हैं। इन प्रक्रियाओं के बाद इसे बोतल में रखा जाता है।

प्राधिकरण ने कहा कि सुगंधित दूध ‘पेय पदार्थ’ के समान है जिसमें दूध होता है। यह जीएसटी के तहत 12 प्रतिशत कर के दायरे में आता है।

इससे पहले, कर्नाटक एएआर ने कर्नाटक सहकारी दूध उत्पादक महासंघ के आवेदन पर अपने फैसले में सुगंधित दूध पर 5 प्रतिशत कर लगाने के पक्ष में फैसला सुनाया था।

एएमआरजी एंड एसोसिएट्स के वरिष्ठ भागीदार रजत मोहन ने कहा कि एएआर के विरोधाभासी फैसले और जीएसटी कानून के तहत कर की दर को लेकर काफी अधिक तकनीकी विýश्लेषण से कानूनी विवाद बढ़ रहे हैं।

मोहन ने कहा, ‘‘सुंगधित और मीठे दूध के वर्गीकरण निकट भविष्य में कानूनी विवाद का विषय होगा। इसका कारण राज्य एएआर पीठों द्वारा अलग-अलग फैसले दिये जाने हैं।’’


यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।

PTI News Agency

Advertising