कंपनियों को एनसीएलटी में ले जाने पर फिर रोक लगे: एसोचैम
Friday, Apr 16, 2021 - 08:59 PM (IST)
नयी दिल्ली, 16 अप्रैल (भाषा) वाणिज्य एवं उद्योग संगठन एसोचैम ने शुक्रवार को सरकार से आग्रह किया कि कोरोना वायरस की दूसरी गंभीर लहर को देखते हुये कर्ज बोझ में दबी कंपनियों को आईबीसी (दिवाला) कानून के तहत एनसीएलटी में ले जाने पर इस साल दिसंबर तक फिर से रोक लगाई जानी चाहिये।
वित्त मंत्रालय को भेजे एक ज्ञापन में उद्योग मंडल ने कहा है कि विभिन्न व्यवसायों पर बढ़ते दबाव को देखते हुये राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) में ले जाने पर रोक अवधि को आगे बढ़ा दिया जाना चाहिये। यह सुनिश्चित किया जाना चाहिये कि महामारी से अर्थव्यवस्था तबाह नहीं हो।
वित्तीय दबाव में फंसी कंपनियों को समाधान के लिये दिवाला एवं रिण शोधन अक्षमता (आईबीसी) कानून के तहत एनसीएलटी में ले जाने पर एक साल तक रोक लगी थी। मार्च 2021 के आखिरी सप्ताह में इस स्थिति को बहाल कर दिया गया।
एसोचैम ने कहा कि अर्थव्यवस्था में सुधार आने के साथ एनसीएलटी में ले जाने पर जो रोक लगी थी उसे उठाना सही कदम था लेकिन अब जबकि कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर तेजी से फैल रही है, ऐसे में बदली परिस्थितियों को देखते हुये मामलों को समाधान के लिये एनसीएलटी प्रक्रिया में ले जाने पर दिसंबर 2021 तक के लिये रोक लगा दी जानी चाहिये।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
वित्त मंत्रालय को भेजे एक ज्ञापन में उद्योग मंडल ने कहा है कि विभिन्न व्यवसायों पर बढ़ते दबाव को देखते हुये राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) में ले जाने पर रोक अवधि को आगे बढ़ा दिया जाना चाहिये। यह सुनिश्चित किया जाना चाहिये कि महामारी से अर्थव्यवस्था तबाह नहीं हो।
वित्तीय दबाव में फंसी कंपनियों को समाधान के लिये दिवाला एवं रिण शोधन अक्षमता (आईबीसी) कानून के तहत एनसीएलटी में ले जाने पर एक साल तक रोक लगी थी। मार्च 2021 के आखिरी सप्ताह में इस स्थिति को बहाल कर दिया गया।
एसोचैम ने कहा कि अर्थव्यवस्था में सुधार आने के साथ एनसीएलटी में ले जाने पर जो रोक लगी थी उसे उठाना सही कदम था लेकिन अब जबकि कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर तेजी से फैल रही है, ऐसे में बदली परिस्थितियों को देखते हुये मामलों को समाधान के लिये एनसीएलटी प्रक्रिया में ले जाने पर दिसंबर 2021 तक के लिये रोक लगा दी जानी चाहिये।
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