राजद सदस्य ने ऑनलाइन माध्यम से नफरत फैलाने वाले भाषणों के नियमन के लिए कानून बनाने की मांग की

Thursday, Mar 18, 2021 - 04:31 PM (IST)

नयी दिल्ली, 18 मार्च (भाषा) राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के एक सदस्य ने बृहस्पतिवार को राज्यसभा में ऑनलाइन माध्यमों से नफरत फैलाने वाले भाषणों के नियमन और ‘पेड कंटेंट’ को लेकर सूचना सार्वजनिक करने के लिए कानून बनाने की मांग की।

उच्च सदन में शून्यकाल के दौरान इस मामले का उठाते हुए राजद के वरिष्ठ सदस्य मनोज कुमार झा ने कहा कि ऑनलाइन माध्यमों से नफरत फैलाने वाले भाषणों की बाढ़ आ गयी है।

उन्होंने कहा कि यहां तक समाचार चैनल भी आधिकारिक जानकारियों को नजरअंदाज करते हुए जानबूझ कर टीआरपी केंद्रित खबरें प्रसारित करते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए ऑनलाइन माध्यमों पर नफरत भरे भाषणों की समस्या के नियमन के लिए कानून बनाए जाने की मैं मांग करता हूं। इस कानून का उद्देश्य नफरत भरे भाषणों के प्रसार को रोकने और जानबूझकर फेक न्यूज (भ्रमित करने वाली खबरें) चलाने, ऑनलाइन मंचों का दुरुपयोग रोकना होना चाहिए ताकि इन पर निगरानी रखी जा सके।’’
राजद सांसद ने कहा कि कानून में राजनीतिक फायदे के लिए नफरत भरे भाषणों वाले पेड कंटेट के बारे जानकारी साझा करने संबंधी प्रावधान होने चाहिए।

उन्होंने इंटरनेट शिक्षा को स्कूली पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाए जाने की भी मांग भी की ताकि बच्चों में नफरत भरे भाषणों और इंटरनेट के जिम्मेदारी भरे उपयोग की समझ विकसित हो सके।

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की सदस्य वंदना चव्हाण ने 2018 में प्रकाशित एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए घरेलू व्यवस्थाओं से फैलने वाले प्रदूषण का मामला उठाया और कहा कि इससे होने वाली मौतों की संख्या चिंताजनक है।

इससे फैलने वाली बीमारियों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना को एक कारगर कदम बताया । साथ ही उन्होंने सरकार के उस दावे की ओर पर सवाल उठाया कि 98 फीसदी घरों तक रसोई गैस सिलेंडर पहुंच चुका है।

उन्होंने दावा किया कि 44.5 प्रतिशत ग्रामीण आबादी आज भी एलपीजी सिलेंडरों का बहुत कम इस्तेमाल करती हैं और इसकी जगह ईंधन के अन्य साधनों का इस्तेमाल करती हैं।

शून्यकाल के दौरान ही कांग्रेस के जी सी चंद्रशेखर ने महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद का मुद्दा उठाया और मांग की कि चूंकि मामले अदालत में लंबित है, इसलिए महाराष्ट्र सरकार को इस संदर्भ में भड़काऊ बयानबाजी नहीं करनी चाहिए।

उल्लेखनीय है कि शिव सेना ने बुधवार को बेलगावी को केंद्र शासित प्रदेश घोषित करने की मांग की थी।

चंद्रशेखर ने कहा, ‘‘बेलगावी कर्नाटक का हिस्सा रहेगा।’’


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PTI News Agency

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