बिजली संशोधन विधेयक वर्तमान सत्र में किया जा सकता है पेश
Monday, Mar 15, 2021 - 09:53 PM (IST)
नयी दिल्ली, 15 मार्च (भाषा) सरकार बिजली संशोधन विधेयक 2021 को संसद के मौजूदा सत्र में पेश कर सकती है।
इस विधेयक में अन्य बातों के अलावा ग्राहकों को दूरसंचार कनेक्शन की तरह अपने क्षेत्र में विभिन्न बिजली वितरण कंपनियों में किसी से बिजली लेने का विकल्प देने का प्रस्ताव किया गया है।
एक सूत्र ने बताया कि बिजली (संशोधन) विधेयक, 2021 के लिये मंत्रिमंडल मंजूरी को लेकर इस साल जनवरी में प्रस्ताव जारी किया गया था। विधेयक के मसौदे को संसद के मौजूदा संत्र में पेश किये जाने की संभावना है।
संशोधन विधेयक में बिजली वितरण को लाइसेंस मुक्त करने का प्रस्ताव है ताकि निजी कंपनियों के लिये प्रवेश सहज हो। इससे क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी। अंतत: इससे ग्राहकों के पास विभिन्न सेवा प्रदाताओं में से अपनी सुविधा के अनुसार बिजली कंपनी के चयन का अधिकार होगा।
फिलहाल बिजली वितरण के क्षेत्र में सार्वजनिक या निजी वितरण कंपनियों का एकाधिकार है और ग्राहकों को अपने इलाके में बिजली वितरक चुनने का विकल्प नहीं है।
प्रस्तावित विधेयक के अनुसार मौजूदा वितरण कंपनियां बाजार में बनी रह सकती हैं लेकिन क्षेत्र में कई वितरण कंपनियों को काम करने की अनुमति भी होगी।
नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में प्रस्तावित विधेयक में प्रावधान है कि राज्य आयोग केंद्र सरकार के तय दिशानिर्देश के अनुसार नवीकरणीय ऊर्जा क्रय करने का दायित्व (आरपीओ) तय करेगा। इसमें आरपीओ बाध्यता पूरा नहीं करने पर जुर्माने का भी प्रावधान है।
इसके अलावा विधेयक में क्षेत्रीय ग्रिडों के एकीकरण का भी प्रस्ताव है।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
इस विधेयक में अन्य बातों के अलावा ग्राहकों को दूरसंचार कनेक्शन की तरह अपने क्षेत्र में विभिन्न बिजली वितरण कंपनियों में किसी से बिजली लेने का विकल्प देने का प्रस्ताव किया गया है।
एक सूत्र ने बताया कि बिजली (संशोधन) विधेयक, 2021 के लिये मंत्रिमंडल मंजूरी को लेकर इस साल जनवरी में प्रस्ताव जारी किया गया था। विधेयक के मसौदे को संसद के मौजूदा संत्र में पेश किये जाने की संभावना है।
संशोधन विधेयक में बिजली वितरण को लाइसेंस मुक्त करने का प्रस्ताव है ताकि निजी कंपनियों के लिये प्रवेश सहज हो। इससे क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी। अंतत: इससे ग्राहकों के पास विभिन्न सेवा प्रदाताओं में से अपनी सुविधा के अनुसार बिजली कंपनी के चयन का अधिकार होगा।
फिलहाल बिजली वितरण के क्षेत्र में सार्वजनिक या निजी वितरण कंपनियों का एकाधिकार है और ग्राहकों को अपने इलाके में बिजली वितरक चुनने का विकल्प नहीं है।
प्रस्तावित विधेयक के अनुसार मौजूदा वितरण कंपनियां बाजार में बनी रह सकती हैं लेकिन क्षेत्र में कई वितरण कंपनियों को काम करने की अनुमति भी होगी।
नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में प्रस्तावित विधेयक में प्रावधान है कि राज्य आयोग केंद्र सरकार के तय दिशानिर्देश के अनुसार नवीकरणीय ऊर्जा क्रय करने का दायित्व (आरपीओ) तय करेगा। इसमें आरपीओ बाध्यता पूरा नहीं करने पर जुर्माने का भी प्रावधान है।
इसके अलावा विधेयक में क्षेत्रीय ग्रिडों के एकीकरण का भी प्रस्ताव है।
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