लचीलापन, अनुसंधान, से भारत को कोविड-19 से लड़ाई की अगुवाई करने में मदद मिली: नायडू

Sunday, Mar 07, 2021 - 05:07 PM (IST)

नयी दिल्ली, सात मार्च भाषा) उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने रविवार को कहा कि लचीलापन, अनुसंधान और पुनर्खोज ने भारत को कोविड-19 के खिलाफ वैश्विक लड़ाई का अगुवा बनने में मदद की है।

उन्होंने महामारी की चुनौतियों का तकनीकी समाधान खोजने के लिये भारतीय शोधकर्ताओं और वैज्ञानिकों के प्रयासों की भी सराहना की।

उपराष्ट्रपति यहां आयोजित कर्मचारी राज्य बीमा निगम मेडिकल कॉलेज (फरीदाबाद) के पहले स्नातक दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर उन्होंने वायरस के खिलाफ लड़ाई के लिये डॉक्टरों, वैज्ञानिकों और नीति निर्माताओं की प्रशंसा की।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं डॉक्टरों से लेकर नर्सों, पैरा मेडिकल स्टाफ और गांवों में सैनिटरी वर्कर्स, तकनीकी लोगों और आशा कार्यकर्ताओं की पूरी मेडिकल बिरादरी को सलाम करता हूं, जो टीम इंडिया के साथ मिलकर महामारी से लड़ने के लिये आगे आये।’’
नायडू ने पीपीई किट, सर्जिकल दस्ताने, फेस मास्क, वेंटिलेटर और टीके जैसी आवश्यक वस्तुओं के उत्पादन के लिये भारतीय उद्योग की सराहना की। उन्होंने कोविड-19 महामारी के खिलाफ लड़ाई में भूमिका के लिये ईएसआईसी द्वारा चलाये जा रहे चिकित्सा और पैरामेडिकल संस्थानों की भी सराहना की।

समारोह के दौरान उपराष्ट्रपति यह देखकर खुश हुए कि सभी पदक विजेता लड़कियां थीं।

उन्होंने उन्हें बधाई दी और हर क्षेत्र में महिलाओं को समान अवसर प्रदान करने की आवश्यकता को रेखांकित किया। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने हमेशा माना है कि यदि आप नि:स्वार्थ समर्पण की भावना के साथ मानवता की सेवा करते हैं, तो आप असीम संतुष्टि प्राप्त करेंगे।’’
भारत में जारी दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान का जिक्र करते हुए, उपराष्ट्रपति ने कहा कि महामारी का सबसे बुरा दौर खत्म होता दिख रहा है।

हालांकि, उन्होंने लोगों को सतर्क रहने और सभी आवश्यक सावधानी बरतने की आदतों को तब तक बनाये रखने के लिये कहा, जब तक कि देश निर्णायक तौर पर महामारी को हरा नहीं देता है।




यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।

PTI News Agency

Advertising