पांच राज्यों के लिए बजा चुनावी बिगुल : 27 मार्च से शुरू होगी मतदान प्रक्रिया

punjabkesari.in Saturday, Feb 27, 2021 - 02:33 PM (IST)

नयी दिल्ली, 26 फरवरी (भाषा) निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, असम, केरल और पुडुचेरी में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया। इन चार राज्यों व केंद्र शासित पुडुचेरी में 27 मार्च से मतदान की प्रक्रिया प्रारंभ होगी और 29 अप्रैल तक अलग-अलग चरणों में संपन्न होगी। दो मई को मतों की गिनती के बाद स्पष्ट होगा कि साल 2021 में होने वाले इन पहले चुनावों में बाजी किसके हाथ लगती है।

मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा ने यहां आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में चुनावी तारीखों की घोषणा की। इसके साथ ही सभी चुनावी राज्यों और पुडुचेरी में आचार संहिता लागू हो गई।

अरोड़ा ने चुनावी तारीखों का ऐलान करते हुए कहा कि चार राज्यों व केंद्र शासित पुडुचेरी को मिलाकर कुल 824 विधानसभा क्षेत्रों में विभिन्न चरणों में मतदान होगा और इस दौरान कुल 18.68 करोड़ मतदाता 2.7 लाख मतदान केंद्रों पर मतदान कर सकेंगे।

पश्चिम बंगाल में 27 मार्च से 29 अप्रैल के बीच आठ चरणों में जबकि असम में 27 मार्च से छह अप्रैल के बीच तीन चरणों में मतदान संपन्न होगा। तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी में एक चरण में छह अप्रैल को मतदान होगा।

पश्चिम बंगाल में पहले चरण के तहत राज्य के पांच जिलों की 30 विधानसभा सीटों पर 27 मार्च को, दूसरे चरण के तहत चार जिलों की 30 विधानसभा सीटों पर एक अप्रैल, तीसरे चरण के तहत 31 विधानसभा सीटों पर छह अप्रैल, चौथे चरण के तहत पांच जिलों की 44 सीटों पर 10 अप्रैल, पांचवें चरण के तहत छह जिलों की 45 सीटों पर 17 अप्रैल, छठे चरण के तहत चार जिलों की 43 सीटों पर 22 अप्रैल, सातवें चरण के तहत पांच जिलों की 36 सीटों पर 26 अप्रैल और आठवें चरण के तहत चार जिलों की 35 सीटों पर 29 अप्रैल को मतदान होगा।

पिछले विधानसभा चुनाव में यहां सात चरणों में मतदान संपन्न हुआ था। पश्चिम बंगाल विधानसभा का कार्यकाल 30 मई को पूरा हो रहा है।

पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हिंसा के आरोपों और प्रत्यारोपों के बीच सुरक्षा के पुख्ता इंतजामात किए जाने के बारे में पूछे जाने पर मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि राज्य में दो विशेष केंद्रीय पर्यवेक्षकों की नियुक्ति जाएगी और जरूरत पड़ने पर एक और पर्यवेक्षक नियुक्त किया जा सकता है।

पश्चिम बंगाल में मतदान के चरणों में वुद्धि किए जाने संबंधी एक सवाल पर अरोड़ा ने कहा कि यह फैसला सुरक्षा संबंधी आकलन के बाद किया जाता है और इसमें अन्य कारक भी होते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘वर्ष 2016 में पश्चिम बंगाल में सात चरणों में मतदान संपन्न हुआ था। लोकसभा चुनाव भी सात चरणों में हुए थे। सात से आठ चरण हो जाना कोई बड़ी बात नहीं है। हमें भी सुरक्षाकर्मियों की तैनाती देखनी होती है।’’
पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस पिछले 10 सालों से सत्ता में है। इस बार भाजपा और अन्य विपक्षी दल उसे चुनौती दे रहे हैं। भाजपा ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को सत्ता से हटाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रखा है।

पिछले विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस को 211 सीटों पर विजय हासिल हुई थी जबिक भाजपा को महज तीन सीटों से संतोष करना पड़ा था। कांग्रेस को इस चुनाव में 44 सीटें और माकपा को 26 सीटें मिली थी।

भाजपा ने आठ चरणों में मतदान कराए जाने के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि बंगाल में दो मई परिवर्तन की तारीख होगी जबकि तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो और राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आठ चरणों में मतदान कराए जाने को लेकर सवाल उठाए। हालांकि उन्होंने चुनाव में जीत का भरोसा जताया।

भाजपा महासचिव व बंगाल के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने ट्वीट कर कहा, ‘‘2 मई परिवर्तन की तारीख !!! प.बंगाल के लोकतांत्रिक भविष्य के लिए चुनाव आयोग ने तारीखों की घोषणा कर दी। दस साल के ममताराज ने इस समृद्ध सांस्कृतिक विरासत वाले राज्य को बर्बाद कर दिया। अब मौका आया है जब राज्य की बागडोर सही हाथों में सौंपी जाए, ताकि ''सोनार बांग्ला'' का सपना साकार हो सके।’’
बनर्जी ने राज्य में आठ चरण में विधानसभा चुनाव कराए जाने की घोषणा पर सवाल उठाते हुए कहा कि उन्हें संदेह है कि तारीखों की घोषणा भाजपा के चुनाव प्रचार अभियान के बेहतर प्रबंधन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के सुझावों के अनुसार की गई है।

बनर्जी ने कोलकाता के कालीघाट स्थित अपने आवास पर संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि चुनाव आयोग को राज्य को ‘‘भगवा खेमे की आंखों से’’ नहीं देखना चाहिए, उनका इशारा भाजपा की ओर था।

उन्होंने कहा, ‘‘चुनाव आयोग का पूरा सम्मान करते हुए मैं यह कहना चाहती हूं कि इस पर सवाल खड़े किये जा रहे हैं कि बंगाल में कई चरणों में चुनाव क्यों होंगे, जबकि अन्य राज्यों में एक चरण में मतदान होगा। यदि चुनाव आयोग लोगों को न्याय प्रदान नहीं करता तो लोग, कहां जाएंगे।’’
बनर्जी ने कहा कि ‘‘इन सभी चालों’’ के बावजूद, वह चुनाव जीतेंगी।

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे अपने सूत्रों से जानकारी मिली है कि चुनाव की तारीखें उसी अनुरूप हैं, जिस तरह से भाजपा चाहती थी। क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के सुझावों के अनुसार तारीखों की घोषणा की गई है? प्रधानमंत्री और गृह मंत्री राज्य के चुनाव के लिए अपनी शक्ति का दुरुपयोग नहीं कर सकते हैं।’’
असम में पहले चरण के तहत राज्य की 47 विधानसभा सीटों पर 27 मार्च को, दूसरे चरण के तहत 39 विधानसभा सीटों पर एक अप्रैल और तीसरे व अंतिम चरण के तहत 40 विधानसभा सीटों पर छह अप्रैल को मतदान संपन्न होगा। असम में विधानसभा की 126 सीटें हैं। असम विधानसभा का कार्यकाल 31 मई को पूरा हो रहा है।

इस बार असम में भाजपा को अपनी सत्ता बचाने की चुनौती है। वहां उसका सामना कांग्रेस और एआईयूडीएफ के गठबंधन से है। भाजपा ने पिछले विधानसभा चुनाव में 10 सालों के कांग्रेस शासन का अंत करते हुए पहली बार पूर्वोत्तर के किसी राज्य में सत्ता हासिल की थी।

पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा को 60, उसके सहयोगियों असम गण परिषद और बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट को क्रमश 14 और 12 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। कांग्रेस को 26 सीटों पर जीत मिली थी जबकि सांसद बदरूदृदीन अजमल के नेतृत्व वाले एआईयूडीएफ को 13 सीटें मिली थी। भाजपा ने तत्कालीन सांसद सर्वानंद सोनोवाल को मुख्यमंत्री बनाया था।

अरोड़ा ने कहा कि सुरक्षा की स्थिति को ध्यान में रखते हुए असम में इस बार तीन चरणों में मतदान कराने का फैसला लिया गया है। पिछली बार वहां दो चरणों में मतदान हुआ था।

तमिलनाडु में विधानसभा की कुल 234 सीटें हैं और इसका कार्यकाल 24 मई को पूरा हो रहा है। केरल में विधानसभा की 140 सीटें है और यहां विधानसभा का कार्यकाल एक जून को पूरा हो रहा है। पुडुचेरी में 30 सीटों के लिए चुनाव होगा और यहां विधानसभा का कार्यकाल आठ जून को पूरा हो रहा है।

तमिलनाडु में पिछले 10 सालों से ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (अन्नाद्रमुक) का शासन है। राज्य की जनता ने वर्ष 2016 के विधानसभा चुनाव में अन्नाद्रमुक प्रमुख जे जयललिता को दोबारा गद्दी सौंपी थी। इस चुनाव में अन्नाद्रमुक को 135 सीटों पर विजय हासिल हुई थी जबकि द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (द्रमुक) 88 सीटों पर सिमट गई थी। कांग्रेस को आठ सीटें मिली थी जबकि भाजपा का खाता भी नहीं खुल सका था।
इस बार के विधानसभा चुनाव में अन्नाद्रमुक और भाजपा का गठबंधन हुआ है और उसका मुकाबला द्रमुक और कांग्रेस गठबंधन से होगा।

अरोड़ा ने तमिलनाडु में चुनावों में धनबल के दुरुपयोग संबंधी एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि यह राज्य खर्च के हिसाब से संवेदनशील है।

केरल में फिलहाल वाम लोकतांत्रिक मोर्चा की सरकार है। उसका मुकाबला कांग्रेस के नेतृत्व वाले संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चे से है। भाजपा भी वहां खुद को स्थापित करने के लिए लंबे समय से जोर आजमाइश कर रही है। पिछले विधानसभा चुनाव में माकपा को 58 सीटों पर जबकि उसकी सहयोगी भाकपा को 19 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। कांग्रेस को 22 सीटें और आईयूएमएल को 18 सीटों पर विजय हासिल हुई थी। भाजपा को सिर्फ एक सीट से संतोष करना पड़ा था।

वर्ष 2016 के चुनाव के बाद पुडुचेरी में वी नारायणसामी के नेतृत्व में कांग्रेस और द्रमुक गठबंधन की सरकार बनी थी और वी नारायणसामी राज्य के मुख्यमंत्री बने थे। हाल ही में विधायकों के इस्तीफे के बाद यह सरकार अल्पमत में आ गई थी और इसके बाद मुख्यमंत्री को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था।

अरोड़ा ने कहा कि आगामी विधानसभा चुनावों में तैनात हर कर्मी का कोविड-19 का टीकाकरण किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि पांचों विधानसभा चुनावों में ऑनलाइन नामांकन की सुविधा प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि कोविड-19 दिशा-निर्देशों को ध्यान में रखते हुए मतदान के लिए एक घंटे का अतिरिक्त समय दिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि संवेदनशील इलाकों में स्थित मतदान केंद्रों में वेबकास्टिंग की व्यवस्था रहेगी और उपुयक्त संख्या में केंद्रीय बलों की तैनाती की जाएगी।

उन्होंने कहा कि सभी संवदेनशील क्षेत्रों की पहचान कर ली गई है और वहां केंद्रीय दलों की तैनाती कर दी गई है।

अरोड़ा ने कहा कि घर-घर अभियान में उम्मीदवार सहित पांच से अधिक व्यक्ति नहीं होंगे जबकि रोड शो में पांच से अधिक गाड़ियों की अनुमति नहीं दी जाएगी।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान से चुनाव संपन्न कराने की स्थितियां अनुकूल हुई हैं और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने चुनावी ड्यूटी पर तैनात हर कर्मी को टीकाकरण के मकसद से अग्रिम मोर्चा का कार्यकर्ता घोषित किया है।

उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले चुनावी ड्यूटी पर तैनात सभी चुनाव अधिकारियों का टीकाकरण होगा। करोना संक्रमण काल में इससे पहले बिहार विधानसभा का चुनाव संपन्न हुआ था।



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