पारदर्शिता बढ़ाने, यूजरों को सामग्री पर अधिक नियंत्रण देने के प्रयास में है ट्विटर: जैक डोर्सी
Friday, Feb 26, 2021 - 05:17 PM (IST)
नयी दिल्ली, 26 फरवरी (भाषा) माइक्रोब्लॉगिंग सेवा प्रदाता कंपनी ट्विटर ने स्वीकार किया है कि सोशल मीडिया मंच इनदिनों भरोसे में कमी की समस्या से जूझ रहे हैं। कंपनी ने इसे लेकर पारदर्शिता बढ़ाने तथा उपयोक्ताओं को सामग्री पर अधिक नियंत्रण देने की बात की है।
कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) जैक डोर्सी ने विश्लेषकों से कहा कि ट्विटर दुनिया की सबसे खुली कंपनियों में से एक बनना चाहती है। इसके लिये कंपनी अपनी गलतियों को स्वीकार कर सुधार कर रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम पारदर्शिता में पीछे छूट रहे हैं। हम अब लोगों को अधिक विकल्प और नियंत्रण दे रहे हैं।’’
डोर्सी ने कहा कि ट्विटर सामग्री हटाने की अपनी नीतियों को अधिक पारदर्शी बनाने, लोगों को अपनी बातचीत पर अधिक नियंत्रण देने, प्रासंगिक एल्गोरिदम के लिये बाजार दृष्टिकोण उपलब्ध कराने और ओपन सोर्स मीडिया मानक का वित्तपोषण करने का इरादा रखती है।
ट्विवटर सीईओ ने कहा, ‘‘हम सहमत हैं कि बहुत से लोग हम पर भरोसा नहीं करते हैं। यह (भरोसे में कमी) इस तरह उभरकर कभी सामने नहीं आया था। ...और हम अकेले नहीं हैं, हर संस्थान भरोसे में कमी का सामना कर रहा है।’’
डोरसी ने उल्लेख किया कि पारदर्शिता, जवाबदेही, विश्वसनीयता और पसंद जैसे पैमानों पर ध्यान केंद्रित करने का व्यापक प्रभाव पड़ेगा।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) जैक डोर्सी ने विश्लेषकों से कहा कि ट्विटर दुनिया की सबसे खुली कंपनियों में से एक बनना चाहती है। इसके लिये कंपनी अपनी गलतियों को स्वीकार कर सुधार कर रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम पारदर्शिता में पीछे छूट रहे हैं। हम अब लोगों को अधिक विकल्प और नियंत्रण दे रहे हैं।’’
डोर्सी ने कहा कि ट्विटर सामग्री हटाने की अपनी नीतियों को अधिक पारदर्शी बनाने, लोगों को अपनी बातचीत पर अधिक नियंत्रण देने, प्रासंगिक एल्गोरिदम के लिये बाजार दृष्टिकोण उपलब्ध कराने और ओपन सोर्स मीडिया मानक का वित्तपोषण करने का इरादा रखती है।
ट्विवटर सीईओ ने कहा, ‘‘हम सहमत हैं कि बहुत से लोग हम पर भरोसा नहीं करते हैं। यह (भरोसे में कमी) इस तरह उभरकर कभी सामने नहीं आया था। ...और हम अकेले नहीं हैं, हर संस्थान भरोसे में कमी का सामना कर रहा है।’’
डोरसी ने उल्लेख किया कि पारदर्शिता, जवाबदेही, विश्वसनीयता और पसंद जैसे पैमानों पर ध्यान केंद्रित करने का व्यापक प्रभाव पड़ेगा।
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