हिमालय क्षेत्र के ग्लेशियरों के अध्ययन के लिए तंत्र बनाने की राज्यसभा में की गई मांग

punjabkesari.in Wednesday, Feb 10, 2021 - 01:32 PM (IST)

नयी दिल्ली, 10 फरवरी (भाषा) उत्तराखंड के चमोली जिले में ग्लेशियर गिरने से मची तबाही के मद्देनजर राज्यसभा में बुधवार को भाजपा के एक सदस्य ने हिमालय क्षेत्र के ग्लेशियरों के अध्ययन के लिए एक तंत्र बनाए जाने की जरूरत पर जोर दिया और राज्य के लिए आपदा तंत्र विकसित करने की भी मांग की।

भाजपा के अनिल बलूनी ने शून्यकाल के दौरान यह मुद्दा उठाया और कहा कि सात फरवरी को हुए इस हादसे ने लोगों को दहला कर रख दिया है। उन्होंने कहा कि राज्य में पिछले कुछ समय से ग्लेशियर टूटने, बादल फटने, भूस्खलन होने की घटनाएं बढ़ी हैं।

बलूनी ने कहा कि स्थिति को देखते हुए हिमालय क्षेत्र के ग्लेशियरों के अध्ययन के लिए एक तंत्र बनाए जाने की जरूरत है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए समय रहते प्रबंध किए जा सकें।

उन्होंने कहा कि पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय को यह अध्ययन करना चाहिए। साथ ही उन्होंने उत्तराखंड के लिए एक आपदा तंत्र विकसित किए जाने की भी मांग की।

गौरतलब है कि रविवार को उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर टूटने के बाद ऋषिगंगा घाटी में पहाड़ से गिरी लाखों मीट्रिक टन बर्फ के कारण ऋषिगंगा और धौलीगंगा नदियों में अचानक आई बाढ़ से ऋषिगंगा जल विद्युत परियोजना पूरी तरह तबाह हो गयी थी जबकि बुरी तरह क्षतिग्रस्त तपोवन-विष्णुगाड परियोजना की सुरंग में काम कर रहे लोग उसमें फंस गए थे।

तपोवन-विष्णुगाड परियोजना की सुरंग में फंसे 30 से 35 लोगों तक पहुंचने के लिए सेना सहित विभिन्न एजेंसियों का संयुक्त बचाव एवं राहत अभियान जारी है।

शून्यकाल में ही वाईएसआर कांग्रेस के सुभाष चंद्र बोस पिल्ली ने मांग की कि केंद्र सरकार अनाज की खरीद के लिए आंध्र प्रदेश सरकार को 4,282 करोड़ रुपये की बकाया राशि जारी करे।

उन्होंने कहा कि किसानों से धान की खरीद करने वाले, आंध्र प्रदेश नागरिक आपूर्ति निगम के पास किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर उनकी उपज खरीदने की अपनी बाध्यता पूरी करने के लिए धन नहीं है।

उन्होंने उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल से किसानों के हित को देखते हुए आंध्र प्रदेश सरकार को 4,282 करोड़ रुपये की बकाया राशि जारी करने के लिए हस्तक्षेप करने की मांग की।

शून्यकाल में ही एमएनएफ सदस्य के वेलेल्वना ने कुछ कारोबारियों द्वारा मिजोरम में म्यामां से तस्करी कर सामान लाने के लिए अस्थायी सड़कें बनाए जाने का मुद्दा उठाया।
उन्होंने कहा ‘‘कोविड-19 महामारी की वजह से मुख्य राजमार्ग बंद कर दिया गया था जिसके बाद कुछ कारोबारियों ने मिजोरम में म्यामां से तस्करी कर सामान लाने के लिए अस्थायी सड़कें बनाईं। ’’
शून्यकाल में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने ‘सेंटर फॉर एक्सीलेन्स इन माइक्रोवेव एन्टिनाज़ एंड ऑप्टोइलेक्ट्रॉनिक्स’ की स्थापना गुलबर्गा स्थित कर्नाटक केंद्रीय विश्वविद्यालय में किए जाने की मांग की।
द्रमुक सदस्य एन आर इलांगो ने केंद्र द्वारा तमिलनाडु में वित्त पोषित एमटेक बायोटेक्नोलॉजी, एमएससी मेडिकल बायोटेक्नोलॉजी और एमएससी एग्रीकल्चर बायोटेक्नोलॉजी के पाठ्यक्रमों में 69 फीसदी आरक्षण दिए जाने की मांग की।



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