गांवों में स्कूल, बाजार को जोड़ने वाले 1.25 लाख किलोमीटर सड़कों को उन्नत बनाया जाएगा: कोविंद

Friday, Jan 29, 2021 - 02:31 PM (IST)

नयी दिल्ली, 29 नवंबर (भाषा) राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शुक्रवार को कहा कि सरकार अर्थव्यवस्था को गति देने और विकास का लाभ सभी तक पहुंचाने के लिये बुनियादी ढांचे के विस्तार पर ध्यान दे रही है। उन्होंने कहा कि इस दिशा में गांवों में बसावटों के साथ-साथ स्कूलों, बाज़ारों और अस्पतालों आदि से जोड़ने वाले 1 लाख 25 हजार किलोमीटर रास्तों को उन्नत बनाया जाएगा।

बजट सत्र के पहले दिन शुक्रवार को संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए कोविंद ने यह भी कहा कि अर्थव्यवस्था का आधार सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम (एमएसएमई) हैं और देश को आत्मनिर्भर बनाने के मिशन में एमएसएमई की भूमिका को बढ़ाने के लिए सरकार ने अनेक कदम उठाए हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘ गांवों को 21वीं सदी की जरूरतों और बुनियरदी ढांचा से जोड़ने के लिए सरकार ने ग्रामीण सड़क नेटवर्क के विस्तार में भी सराहनीय काम किया है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत देश के ग्रामीण क्षेत्रों में 6 लाख 42 हजार किलोमीटर सड़क का निर्माण पूरा कर लिया गया है।’’
राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘इस योजना के तीसरे चरण में ग्रामीण क्षेत्रों में बसावटों के साथ-साथ स्कूलों, बाज़ारों और अस्पतालों आदि से जोड़ने वाले 1 लाख 25 हजार किलोमीटर रास्तों को भी उन्नत बनाया जाएगा।’’
कोविंद ने कहा, ‘‘ गांवों में सड़कों के साथ ही इंटरनेट की कनेक्टिविटी भी उतनी ही अहम है। हर गांव तक बिजली पहुंचाने के बाद सरकार देश के 6 लाख से अधिक गांवों को ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ने के लिए अभियान चला रही है।’’ एमएसमई का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘हमारी अर्थव्यवस्था की आधारभूत ताकत हमारे गांवों और छोटे शहरों में फैले हमारे लघु उद्योग, कुटीर उद्योग ही हैं। भारत को आत्मनिर्भर बनाने का बहुत बड़ी क्षमता हमारे इन लघु उद्योगों के ही पास है।’’
कोविंद ने कहा, ‘‘देश के कुल निर्यात में इनकी भागीदारी लगभग 50 प्रतिशत है। आत्मनिर्भर भारत के मिशन में एमएसएमई की भूमिक बढ़ाने के लिए भी अनेक कदम उठाए गए हैं।’’

रोजगार के अवसर बढ़ाने का उल्लेख करते हुए राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘सरकार की यह निरंतर कोशिश है कि उद्यमशीलता का लाभ देश के हर वर्ग को मिले। हुनर हाट और उस्ताद योजना के माध्यम से लाखों शिल्पकारों का कौशल विकास भी किया जा रहा है और उनको रोजगार के अवसर दिए जा रहे हैं।’’उन्होंने कहा कि इन लाभार्थियों में आधे से अधिक महिला शिल्पकार हैं। ई-हाट के माध्यम से इन शिल्पकारों को पूरी दुनिया के खरीदारों से जोड़ा जा रहा है।

तकनीक के क्षेत्र में प्रगति का जिक्र करते हुए कोविंद ने कहा, ‘‘आधुनिक प्रौद्योगिकी का भारत में विकास और हर भारतीय की आधुनिक प्रौद्योगिकी तक आसान पहुंच, आत्मनिर्भर बनते भारत की अहम पहचान है।’’
उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी की वजह से ही संकट के दौरान भी देश की रफ्तार नहीं थमी। ‘‘पिछले वर्ष दिसंबर में यूपीआई (यूनिफादइड पेमेंट इंटरफेस) से 4 लाख करोड़ रुपए से भी अधिक का डिजिटल भुगतान हुआ है। आज देश के 200 से ज्यादा बैंक यूपीआई व्यवस्था से जुड़े हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जनधन खातों, आधार और मोबाइल की त्रिशक्ति ने लोगों को उनका अधिकार सुनिश्चित किया है। इस जैम त्रिशक्ति की वजह से, एक लाख अस्सी हजार करोड़ रुपए गलत हाथों में जाने से बच रहे हैं।’’
कोविंद ने कहा, ‘‘बिना पहचान रहित कर आकलन और अपील की सुविधा देने के साथ ही सरकार ने देश में उद्यमशीलता को प्रोत्साहित करने के लिए कंपनी अधिनियम के अनेक प्रावधानों को गैर-आपराधिक बना दिया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘उद्योगों को ज़रूरी सुविधाएं मिल सकें इसके लिए औद्योगिक क्षेत्रों का, जीआईएस तकनीक पर आधारित डेटाबेस तैयार किया गया है। इस डेटाबेस में देशभर की लगभग 5 लाख हेक्टेयर औद्योगिक भूमि से जुड़ी जानकारी उपलब्ध है।’’


यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।

PTI News Agency

Advertising