स्वास्थ्य-चिकित्सा सेवा प्रदाताओं ने सरकार से बजट में इस क्षेत्र पर खर्च बढ़ाने की मांग की
punjabkesari.in Tuesday, Jan 26, 2021 - 09:33 PM (IST)
नयी दिल्ली, 26 जनवरी (भाषा) स्वास्थ्य व चिकित्सा संबंधी सेवा प्रदान करने वाली कंपनियों ने सरकार से आगामी बजट में इस क्षेत्र पर व्यय बढ़ाने की मांग की है। इन कंपनियों का कहना है कि स्वास्थ्य एवं चिकित्सा क्षेत्र में बुनियादी संरचना को बेहतर बनाया जाना आवश्यक है।
मणिपाल हॉस्पिटल्स के प्रबंध निदेशक (एमडी) एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) दिलीप जोस ने एक बयान में कहा, ‘‘स्वास्थ्य सेवा में सार्वजनिक खर्च अगले तीन वर्षों में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के कम से कम 2.5 प्रतिशत तक बढ़ाने की जरूरत है, जो कि अभी महज 1.2 प्रतिशत है। इसमें से अधिकांश निवेश हमारे बुनियादी ढांचे के निर्माण और आधुनिकीकरण में किया जाना चाहिये। उम्मीद है, 2021-22 के बजट में इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया जायेगा।’’
मेट्रोपोलिस हेल्थकेयर की प्रवर्तक एवं एमडी अमीरा शाह ने बजट से अपेक्षाओं पर प्रकाश डालते हुए कहा, “भारत में पर्याप्त सार्वजनिक स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे की कमी और एक दायरे से अधिक खर्च संयुक्त रूप से भारतीय परिवारों पर उच्च वित्तीय बोझ डालती है। इसलिये स्वास्थ्य व चिकित्सा क्षेत्र के लिये बजट आवंटन बढ़ाया जाना अत्यावश्यक है।’’
उन्होंने कहा कि सार्वजनिक-निजी भागीदारी के माध्यम से स्वास्थ्य सेवाओं की व्यवस्था को मजबूत करना समय की जरूरत है।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
मणिपाल हॉस्पिटल्स के प्रबंध निदेशक (एमडी) एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) दिलीप जोस ने एक बयान में कहा, ‘‘स्वास्थ्य सेवा में सार्वजनिक खर्च अगले तीन वर्षों में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के कम से कम 2.5 प्रतिशत तक बढ़ाने की जरूरत है, जो कि अभी महज 1.2 प्रतिशत है। इसमें से अधिकांश निवेश हमारे बुनियादी ढांचे के निर्माण और आधुनिकीकरण में किया जाना चाहिये। उम्मीद है, 2021-22 के बजट में इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया जायेगा।’’
मेट्रोपोलिस हेल्थकेयर की प्रवर्तक एवं एमडी अमीरा शाह ने बजट से अपेक्षाओं पर प्रकाश डालते हुए कहा, “भारत में पर्याप्त सार्वजनिक स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे की कमी और एक दायरे से अधिक खर्च संयुक्त रूप से भारतीय परिवारों पर उच्च वित्तीय बोझ डालती है। इसलिये स्वास्थ्य व चिकित्सा क्षेत्र के लिये बजट आवंटन बढ़ाया जाना अत्यावश्यक है।’’
उन्होंने कहा कि सार्वजनिक-निजी भागीदारी के माध्यम से स्वास्थ्य सेवाओं की व्यवस्था को मजबूत करना समय की जरूरत है।
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