धनशोधन मामला: फारूक अब्दुल्ला की 11.86 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्तियां कुर्क

punjabkesari.in Saturday, Dec 19, 2020 - 10:38 PM (IST)

नयी दिल्ली, 19 दिसंबर (भाषा) प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कथित धनशोधन के मामले में जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला की लगभग 12 करोड़ रुपये मूल्य की आवासीय और व्यावसायिक संपत्तियों को शनिवार को कुर्क कर लिया। इस कार्रवाई पर नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि ये संपत्तियां ‘‘काफी हद तक पैतृक’’ हैं और इस कार्रवाई को अदालत में चुनौती दी जाएगी।

कुर्क की गई संपत्तियों में 84 वर्षीय नेता का गुपकर रोड पर स्थित एक आवास भी है जहां वह कई दशकों से रह रहे हैं। बताया जा रहा है कि यह घर 1970 के दशक में उनके पिता दिवंगत शेख मोहम्मद अब्दुल्ला द्वारा बनाया गया था, जो पूर्ववर्ती राज्य के मुख्यमंत्री थे।

ईडी द्वारा यह कार्रवाई आठ चरणों में हुए जिला विकास परिषद (डीडीसी) के चुनाव संपन्न होने के कुछ घंटों बाद की गई।
केंद्रीय एजेंसी ने यह कार्रवाई जम्मू कश्मीर क्रिकेट संघ (जेकेसीए) में अपनी जांच के सिलसिले में की है।

एजेंसी ने धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत एक संपत्तियों की कुर्की के लिए एक अस्थायी अनुलग्नक आदेश जारी किया है, जिसके खिलाफ छह महीने की अवधि के भीतर पीएमएलए के प्राधिकरण के समक्ष अपील दायर की जा सकती है।

फारूक अब्दुल्ला के बेटे एवं पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने प्रवर्तन निदेशालय द्वारा उनके पिता की संपत्तियों की अस्थायी कुर्की के आदेश को "निराधार" करार दिया और आश्चर्य जताया कि पैतृक संपत्ति को अपराध से हासिल संपत्ति के रूप में कैसे देखा जा सकता है।

उमर अब्दुल्ला ने इस संबंध में कई ट्वीट किए, जिनमें उन्होंने कहा, ‘‘उनके पिता फारूक अब्दुल्ला इसको लेकर अपने वकीलों के संपर्क में हैं और इन सभी निराधार आरोपों से अदालत में लड़ेंगे।’’ उन्होंने आश्चर्य व्यक्त किया कि कुर्क की जाने वाली संपत्तियों में से अधिकतर 1970 के दशक की हैं, जिनमें सबसे हालिया निर्मित एक इमारत 2003 से पहले की है। उन्होंने कहा कि कुर्की को सही नहीं ठहराया जा सकता।
ईडी के बयान के अनुसार, ‘‘कुर्क की गई संपत्तियों में तीन आवास- श्रीनगर में गुपकर रोड पर स्थित एक आवास और तानमार्ग पर कटिपोरा तहसील में और एक जम्मू के सुंजवान गांव के भटिंडी में है।’’
एजेंसी ने बयान में कहा, ‘‘जम्मू और कश्मीर में चार अलग-अलग स्थानों पर भूमि के अलावा श्रीनगर में पॉश रेजिडेंसी रोड पर एक व्यावसायिक भवन को भी कुर्क किया गया है।’’
अधिकारियों ने बताया कि कुर्क की गई संपत्तियों का शुद्ध मूल्य (बुक वैल्यू) 11.86 करोड़ रुपये है जबकि बाजार मूल्य लगभग 60-70 करोड़ रुपये है।

ईडी अब्दुल्ला (84) से इस मामले में कई बार पूछताछ कर चुकी है।

इस कार्रवाई पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए माकपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व विधायक एम वाई तारिगामी ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा देशभर में ‘‘असंतोष और असहमति को खत्म करने के लिए’’ की जा रही ‘‘बदले की राजनीति’’ के तहत फारूक अब्दुला की संपत्ति को कुर्क किया गया है।

तारिगामी ने यहां एक बयान में कहा, ‘‘ईडी द्वारा फारूक अब्दुल्ला की संपत्ति को कुर्क किए जाने संबंधी खबरें और कुछ नहीं, बल्कि एक राजनीतिक प्रतिशोध है क्योंकि भाजपा सरकार हाल में संपन्न जिला विकास परिषद (डीडीसी) चुनावों में गुपकर घोषणापत्र गठबंधन (पीएजीडी) को मिले लोगों के समर्थन से हतोत्साहित है।’’
अब्दुल्ला के नेतृत्व वाला पीएजीडी नेकां, पीडीपी और माकपा समेत मुख्य धारा की सात पार्टियों का गठबंधन है।

तारिगामी ने कहा, ‘‘यह देशभर की धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक ताकतों के लिए भाजपा सरकार की इस तरह की कार्रवाई के खिलाफ आवाज उठाने का समय है।’’


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PTI News Agency

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