कृषि मंत्रालय ने पांच राज्यों के लिए नेफेड के शहद एफपीओ कार्यक्रम का अनावरण किया

Thursday, Nov 26, 2020 - 09:25 PM (IST)

नयी दिल्ली, 26 नवंबर (भाषा) कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बृहस्पतिवार को पांच राज्यों में मधुमक्खी पालन करने वालों और शहद संग्रह करने वालों के लिए किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) की स्थापना में मदद करने के एक कार्यक्रम का उद्घाटन किया। यह कार्यक्रम सहकारी संस्था नाफेड ने बनाया है।
एक केंद्रीय योजना के तहत 10,000 एफपीओ का गठन किया जाना है। इसके लिए सरकार द्वार तय चार कार्यान्वयन एजेंसियों में से एक नाफेड है, जिसका उद्देश्य कृषि को आत्मनिर्भर बनाना है। अन्य एजेंसियों में ​​लघु किसान कृषि व्यवसाय कंसोर्टियम, नाबार्ड और राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम शामिल हैं।
कार्यक्रम के तहत, नेफेड पांच राज्यों - पश्चिम बंगाल, बिहार, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में मधुमक्खी पालकों के लिए एफपीओ स्थापित करने में मदद करेगा।
एक बयान में कहा गया है कि तोमर ने कार्यक्रम के आभासी उद्घाटन के बाद कहा, ‘‘भारत में मधुमक्खी पालन का काम असंगठित क्षेत्र में अधिकतम ग्रामीण और आदिवासी आबादी के बीच प्रचलित है। देश में शहद उत्पादन की एक बड़ी क्षमता होने के बावजूद, मधुमक्खी पालन उद्योग अभी भी अविकसित है।
बयान में कहा गया है, ‘‘विभिन्न बाधाओं के कारण मधुमक्खी पालन अपनाने का स्तर भी काफी कम है।’’ उन्होंने कहा कि नाफेड एक मध्यस्थ के रूप में काम करके इन मुद्दों को संबोधित करेगा और मधुमक्खी पालन आपूर्ति श्रृंखला के विभिन्न पहलुओं के बीच के अंतराल को दूर करेगा और मधुमक्खी पालन करने वाले किसानों को लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करेगा।
उन्होंने कहा कि इन शहद एफपीओ के माध्यम से, नाफेड बेरोजगार महिलाओं और आदिवासी आबादी के लिए एक व्यवसाय के रूप में मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने और उनकी आजीविका के स्तर को बढ़ाने के लिए भी काम करेगा।’’ उन्होंने कहा कि मधुमक्खी पालन छोटे और सीमांत किसानों की जीवन शैली को बदल देगा और किसानों की आय बढ़ाने के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करेगा।
सरकार ने बयान में कहा कि नाफेड ने पहले ही मध्यप्रदेश में राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन और शहद मिशन के तहत पहला शहद एफपीओ ''चंबल एफईडी शहद उत्पादक सहकारी समिति'' स्थापित करने में मदद की है, जिसे 11 नवंबर, 2020 को पंजीकृत किया गया था।
यह एफपीओ राज्य के मुरैना जिले के लगभग 68 गांवों वाले पांच ब्लॉकों को अपने दायरे में लेगा।
अन्य चार एफपीओ सुंदरवन (पश्चिम बंगाल), पूर्वी चंपारण (बिहार), मथुरा (उत्तर प्रदेश), और भरतपुर (राजस्थान) में स्थापित किए जाएंगे।
एक साथ मिलकर, यह पांच राज्यों में 340 गांवों को अपने दायरे में लेगा।
इन पांच एफपीओ के माध्यम से, 4,000-5,000 मधुमक्खी पालकों और शहद संग्राहकों को सीधे लाभान्वित किया जाएगा।
सरकार के अनुसार, शहद एफपीओ न केवल अपने सदस्यों को वैज्ञानिक मधुमक्खी पालन में उनके कौशल को बढ़ाने में मदद करेगा, बल्कि शहद तथा मोम और प्रोपोलिस जैसे संबद्ध उत्पादों के प्रसंस्करण के लिए अत्याधुनिक ढांचागत सुविधाओं की स्थापना में भी मदद करेगा। इसके अलावा, वे गुणवत्ता नियंत्रण प्रयोगशाला संग्रह, भंडारण, बॉटलिंग और विपणन में भी मदद करेंगे।
इन बीपीओ को राष्ट्रीय मधुमक्खी बोर्ड के नेशनल मधुमक्खी पालन एवं हनी मिशन (एनबीएचएम) के तहत सरकारी योजनाओं का लाभ मिलेगा।
इसके अलावा, सभी पांच राज्यों के मधुमक्खी पालकों और शहद संग्रहकर्ताओं को नाफेड के विपणन चैनलों के माध्यम से अपने शहद और अन्य संबद्ध उत्पादों की ब्रांडिंग और सामूहिक विपणन में मदद की जाएगी।
इसके अलावा मधुमक्खी पालकों और शहद संग्रहकर्ताओं के आय में सुधार के लिए विदेशी बाजार का पता लगाने का भी प्रयास किया जाएगा।
नई एफपीओ योजना के तहत, सरकार ने चालू वित्त वर्ष के लिए सभी कार्यान्वयन एजेंसियों को 2,200 एफपीओ समूहों के लिए मंजूरी दी है।


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PTI News Agency

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