दिल्ली दंगे : अदालत ने एक व्यक्ति को जमानत दी, गवाह का बयान दर्ज करने के समय पर सवाल किया
punjabkesari.in Wednesday, Nov 25, 2020 - 10:54 PM (IST)
नयी दिल्ली, 25 नवंबर (भाषा) दिल्ली की एक अदालत ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली में फरवरी में हुए दंगों से जुड़े मामले में एक व्यक्ति को बुधवार को जमानत देते हुए कहा कि अभियोजन पक्ष एक गवाह की पहचान के आधार पर मुकदमा बना रहा है जिसकी गवाही आरोपपत्र दाखिल करने के बाद दर्ज की गई है।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विनोद यादव ने कहा कि वैसे जांच एजेंसी को मुख्य आरोपपत्र दाखिल करने के बाद भी किसी भी गवाह का बयान दर्ज करने का पूरा अधिकार है, लेकिन यह किसी विशेष साक्ष्य के सामने आने पर किया जा सकता है।
जमानत देते हुए न्यायाधीश ने कहा कि अदालत गवाही दर्ज किए जाने के समय को नजरअंदाज नहीं कर सकती है जो कि घटना के करीब-करीब तीन महीने बाद दर्ज की गई है।
अदालत ने 25 फरवरी को दयालपुर इलाके में कार के एक शो रूम में तोड़-फोड़ और आगजनी के कथित मामले में सलीम मलिक को 20 हजार रुपये के बांड और इतनी ही राशि के मुचलके पर जमानत दे दी।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विनोद यादव ने कहा कि वैसे जांच एजेंसी को मुख्य आरोपपत्र दाखिल करने के बाद भी किसी भी गवाह का बयान दर्ज करने का पूरा अधिकार है, लेकिन यह किसी विशेष साक्ष्य के सामने आने पर किया जा सकता है।
जमानत देते हुए न्यायाधीश ने कहा कि अदालत गवाही दर्ज किए जाने के समय को नजरअंदाज नहीं कर सकती है जो कि घटना के करीब-करीब तीन महीने बाद दर्ज की गई है।
अदालत ने 25 फरवरी को दयालपुर इलाके में कार के एक शो रूम में तोड़-फोड़ और आगजनी के कथित मामले में सलीम मलिक को 20 हजार रुपये के बांड और इतनी ही राशि के मुचलके पर जमानत दे दी।
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