केंद्र खनन क्षेत्र में कर रहा सुधारों पर गौर: खान सचिव
Friday, Nov 13, 2020 - 08:06 PM (IST)
नयी दिल्ली, 13 नवंबर (भाषा) कोयला और खान सचिव अनिल कुमार जैन ने कहा कि केंद्र खनन कानून और नीलामी नियमों में संशोधन समेत खनन क्षेत्र में व्यापक सुधार पर विचार कर रहा है।
उन्होंने कहा कि इस मामले में प्रगति हो रही है और अगले छह से आठ महीनों में इसे कानूनी रूप दिया जा सकता है।
पूर्व में खान मंत्रालय ने खान और खनिज (विकास और नियमन) कानून, 1957 में प्रस्तावित सुधारों को लेकर आम लोगों, खनन उद्योग और अन्य पक्षों से सुझाव मांगे थे। इस लिहाज से सचिव का बयान महत्वपूर्ण है।
जैन के हवाले से एक बयान में कहा गया, ‘‘हम एमएमडीआर कानून में संशोधन, नीलामी नियमों में बदलाव आदि समेत खनन क्षेत्र में सुधार पर विचार कर रहे हैं और इस मामले में काफी प्रगति हुई है।’’
उन्होंने ‘आत्म निर्भर भारत के लिये सतत प्रौद्योगिकी के जरिये खनन उद्योग के लिये आगे का रास्ता’ विषय पर आयोजित उद्योग मंडल फिक्की के सीईओ (मुख्य कार्यपालक अधिकारी) गोलमेज बैठक में यह बात कही।
जैन ने कहा कि सरकार सार्वजनिक उपक्रमों और निजी क्षेत्र के बीच समान अवसर उपलब्ध कराने के लिये प्रयास कर रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम क्षेत्र को खोलने और खोज को लेकर जरूरतों को कम करने जा रहे हैं....।’’
सचिव ने कहा, ‘‘उत्पादन जल्दी शुरू करने को लेकर प्रोत्साहन की व्यवस्था होगी। खनन क्षेत्र में पुरस्कृत करने और नियमों का अनुपालन करने पर दंड की व्यवस्था होगी।’’
सतत खनन का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘हम सभी यह जानते हैं कि पर्यावरण की अनदेखी नहीं की जा सकती। लोग जागरूक हैं और स्वस्थ्य वातावरण को लेकर विधायिका और न्यायपालिका से अधिक कदम उठाने की मांग कर रहे है। उद्योग को भी इस बात का एहसास है।’’
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
उन्होंने कहा कि इस मामले में प्रगति हो रही है और अगले छह से आठ महीनों में इसे कानूनी रूप दिया जा सकता है।
पूर्व में खान मंत्रालय ने खान और खनिज (विकास और नियमन) कानून, 1957 में प्रस्तावित सुधारों को लेकर आम लोगों, खनन उद्योग और अन्य पक्षों से सुझाव मांगे थे। इस लिहाज से सचिव का बयान महत्वपूर्ण है।
जैन के हवाले से एक बयान में कहा गया, ‘‘हम एमएमडीआर कानून में संशोधन, नीलामी नियमों में बदलाव आदि समेत खनन क्षेत्र में सुधार पर विचार कर रहे हैं और इस मामले में काफी प्रगति हुई है।’’
उन्होंने ‘आत्म निर्भर भारत के लिये सतत प्रौद्योगिकी के जरिये खनन उद्योग के लिये आगे का रास्ता’ विषय पर आयोजित उद्योग मंडल फिक्की के सीईओ (मुख्य कार्यपालक अधिकारी) गोलमेज बैठक में यह बात कही।
जैन ने कहा कि सरकार सार्वजनिक उपक्रमों और निजी क्षेत्र के बीच समान अवसर उपलब्ध कराने के लिये प्रयास कर रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम क्षेत्र को खोलने और खोज को लेकर जरूरतों को कम करने जा रहे हैं....।’’
सचिव ने कहा, ‘‘उत्पादन जल्दी शुरू करने को लेकर प्रोत्साहन की व्यवस्था होगी। खनन क्षेत्र में पुरस्कृत करने और नियमों का अनुपालन करने पर दंड की व्यवस्था होगी।’’
सतत खनन का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘हम सभी यह जानते हैं कि पर्यावरण की अनदेखी नहीं की जा सकती। लोग जागरूक हैं और स्वस्थ्य वातावरण को लेकर विधायिका और न्यायपालिका से अधिक कदम उठाने की मांग कर रहे है। उद्योग को भी इस बात का एहसास है।’’
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