सेबी ने रेलटेल कॉरपोरेशन के आईपीओ को मंजूरी दी
punjabkesari.in Monday, Nov 09, 2020 - 07:04 PM (IST)
नयी दिल्ली, नौ नवंबर (भाषा) सार्वजनिक क्षेत्र की रेल टेल कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लि. को बाजार नियामक सेबी से आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के जरिये 7,000 करोड़ रुपये जुटाने को मंजूरी मिल गयी है।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के पास जमा दस्तावेज के अनुसार आईपीओ पूरी तरह से बिक्री पेशकश के रूप में होगा। इसके तहत सरकार 8.66 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचेगी।
सेबी की ताजा जानकारी के अनुसर कंपनी ने अक्टूबर में आईपीओ के लिये जरूरी दस्तावेज जमा किये थे। उसे छह नवंबर को सेबी से मंजूरी मिल गयी।
मर्चेन्ट बैंक सूत्रों के अनुसार आईपीओ से 7,000 करोड़ रुपये जुटाये जाने का अनुमान है।
मिनीरत्न सार्वजनिक उपक्रम देश में सबसे बड़ा दूरसंचार ढांचागत सुविधा प्रदाता कंपनियों में से एक है। उसके पास रेलवे ट्रैक के साथ ऑप्टिकल फाइबर विशाल नेटवर्क है।
कंपनी देश भर में ब्रॉडबैंड दूरसंचार और मल्टीमीडिया नेटवर्क उपलब्ध कराती है।
कंपनी का आप्टिकल फाइबर नेटवर्क 30 जून, 2020 की स्थिति के अनुसार 55,000 किलोमीटर से अधिक है और देश के विभिन्न शहरों में 5,677 रेलवे स्टेशन इसके दायरे में आते हैं।
मंत्रिमंडल ने दिसंबर 2018 में रेलटेल कॉरपोरेशन में 25 प्रतिशत तक सरकारी हिस्सेदारी बिक्री के लिये आईपीओ लाने को मंजूरी दी थी।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के पास जमा दस्तावेज के अनुसार आईपीओ पूरी तरह से बिक्री पेशकश के रूप में होगा। इसके तहत सरकार 8.66 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचेगी।
सेबी की ताजा जानकारी के अनुसर कंपनी ने अक्टूबर में आईपीओ के लिये जरूरी दस्तावेज जमा किये थे। उसे छह नवंबर को सेबी से मंजूरी मिल गयी।
मर्चेन्ट बैंक सूत्रों के अनुसार आईपीओ से 7,000 करोड़ रुपये जुटाये जाने का अनुमान है।
मिनीरत्न सार्वजनिक उपक्रम देश में सबसे बड़ा दूरसंचार ढांचागत सुविधा प्रदाता कंपनियों में से एक है। उसके पास रेलवे ट्रैक के साथ ऑप्टिकल फाइबर विशाल नेटवर्क है।
कंपनी देश भर में ब्रॉडबैंड दूरसंचार और मल्टीमीडिया नेटवर्क उपलब्ध कराती है।
कंपनी का आप्टिकल फाइबर नेटवर्क 30 जून, 2020 की स्थिति के अनुसार 55,000 किलोमीटर से अधिक है और देश के विभिन्न शहरों में 5,677 रेलवे स्टेशन इसके दायरे में आते हैं।
मंत्रिमंडल ने दिसंबर 2018 में रेलटेल कॉरपोरेशन में 25 प्रतिशत तक सरकारी हिस्सेदारी बिक्री के लिये आईपीओ लाने को मंजूरी दी थी।
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