फर्जी कंपनियों, फर्जी बिलों से 392 करोड़ रुपये के इनपुट टैक्स क्रेडिट मामले में एक व्यक्ति गिरफ्तार
Friday, Oct 30, 2020 - 12:03 AM (IST)
नयी दिल्ली, 29 अक्टूबर (भाषा) फर्जी दस्तावेजों के आधार पर फर्जी कंपनियां चलाने और नकली बिल जारी कर 392 करोड़ रुपये से अधिक का इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) हस्तांतरित करने के मामले में जीएसटी खुफिया महानिदेशालय ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है।
इस पूरे मामले में न तो कोई माल भेजा गया और न ही किसी तरह की सेवा उपलब्ध कराई गई। सब कुछ नकली था।
वित्त मंत्रालय के इस संबंध में जारी वक्तव्य के मुताबिक नयी दिल्ली निवासी कबीर कुमार को इस मामले में गिरफ्तार किया गया। कबीर ने स्वीकार किया कि उसने 31 कंपनियां बनाई जो कि नकली बिल जारी करती थी। इन कंपनियों ने बिना कोई माल की आपूर्ति किये 2,993.86 करोड़ रुपये के नकली बिल जारी किये और इन बिलों के आधार पर 392.37 करोड़ रुपये के आईटीसी का दावा तैयार किया गया।
मंत्रालय ने कहा, ‘‘अब तक की जांच से यह पता चलता है कि कबीर ने कागजों पर गुरुग्राम, नयी दिल्ली, फरीदाबाद, सोलन, नोएडा, झज्जर, सिरसा आदि कई जगहों के नाम पर कई स्वामित्वधारी कंपनियां बनाई।’’
वक्तव्य में कहा गया है, ‘‘कबीर के परिसर पर जांच पड़ताल के दौरान यह बात भी सामने आई कि कबीर शहर छोड़कर भागने वाला भी था लेकिन इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर सीमा शुल्क और सीआईएसएफ अधिकारियों के सहयोग से जीएसटी खुफिया महानिदेशालय के अधिकारियों ने उसे रोक लिया।’’
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
इस पूरे मामले में न तो कोई माल भेजा गया और न ही किसी तरह की सेवा उपलब्ध कराई गई। सब कुछ नकली था।
वित्त मंत्रालय के इस संबंध में जारी वक्तव्य के मुताबिक नयी दिल्ली निवासी कबीर कुमार को इस मामले में गिरफ्तार किया गया। कबीर ने स्वीकार किया कि उसने 31 कंपनियां बनाई जो कि नकली बिल जारी करती थी। इन कंपनियों ने बिना कोई माल की आपूर्ति किये 2,993.86 करोड़ रुपये के नकली बिल जारी किये और इन बिलों के आधार पर 392.37 करोड़ रुपये के आईटीसी का दावा तैयार किया गया।
मंत्रालय ने कहा, ‘‘अब तक की जांच से यह पता चलता है कि कबीर ने कागजों पर गुरुग्राम, नयी दिल्ली, फरीदाबाद, सोलन, नोएडा, झज्जर, सिरसा आदि कई जगहों के नाम पर कई स्वामित्वधारी कंपनियां बनाई।’’
वक्तव्य में कहा गया है, ‘‘कबीर के परिसर पर जांच पड़ताल के दौरान यह बात भी सामने आई कि कबीर शहर छोड़कर भागने वाला भी था लेकिन इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर सीमा शुल्क और सीआईएसएफ अधिकारियों के सहयोग से जीएसटी खुफिया महानिदेशालय के अधिकारियों ने उसे रोक लिया।’’
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