एससीओ देशों को आर्थिक मजबूती का उपयोग क्षेत्र में व्यापार, निवेश बढ़ाने में करने की जरूरत: गोयल
Wednesday, Oct 28, 2020 - 07:57 PM (IST)
नयी दिल्ली, 28 अक्टूबर (भाषा) वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को कहा कि कोविड-19 संकट ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सदस्य देशों के लिये अपनी आर्थिक शक्ति का उपयोग क्षेत्र में व्यापार और निवेश बढ़ाने में करने की जरूरत को रेखांकित किया है।
एससीओ के सदस्य देशों के व्यापार और आर्थिक मामलों के मंत्रियों की बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने यह भी कहा कि देशों के बीच निरंतर सहयोग से महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्थाओं में तेजी से पुनरूद्धार सुनिश्चित होगा।
गोयल ने कहा, ‘‘कोविड-19 संकट ने शंघाई सहयोग संगठन के सदस्य देशों के लिये अपने आर्थिक शक्ति का उपयोग करने तथा भागीदारी की संभावना टटोलने की जरूरत को रेखांकित किया है ताकि क्षेत्र में व्यापार और निवेश को बढ़ावा दिया जा सके।’’
बैठक में चार दस्तावेज स्वीकार किये गये। इसमें कोविड-19 को लेकर उठाये जाने वाले कदमों पर बयान, एससीओ सदस्य देशों के बीच बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली पर बयान जो विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के सदस्य हैं तथा बौद्धिक संपदा अधिकारों पर सहयोग को लेकर बयान शामिल हैं।
एससीओ के सदस्य देश... चीन, भारत, कजाकस्तान, किर्गिजस्तान, रूस, पाकिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान हैं।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
एससीओ के सदस्य देशों के व्यापार और आर्थिक मामलों के मंत्रियों की बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने यह भी कहा कि देशों के बीच निरंतर सहयोग से महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्थाओं में तेजी से पुनरूद्धार सुनिश्चित होगा।
गोयल ने कहा, ‘‘कोविड-19 संकट ने शंघाई सहयोग संगठन के सदस्य देशों के लिये अपने आर्थिक शक्ति का उपयोग करने तथा भागीदारी की संभावना टटोलने की जरूरत को रेखांकित किया है ताकि क्षेत्र में व्यापार और निवेश को बढ़ावा दिया जा सके।’’
बैठक में चार दस्तावेज स्वीकार किये गये। इसमें कोविड-19 को लेकर उठाये जाने वाले कदमों पर बयान, एससीओ सदस्य देशों के बीच बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली पर बयान जो विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के सदस्य हैं तथा बौद्धिक संपदा अधिकारों पर सहयोग को लेकर बयान शामिल हैं।
एससीओ के सदस्य देश... चीन, भारत, कजाकस्तान, किर्गिजस्तान, रूस, पाकिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान हैं।
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