वर्ष 2020-21 में खरीफ सत्र का उत्पादन रिकॉर्ड 14 करोड़ 45 लाख टन होने का अनुमान: कृषि मंत्री

Friday, Oct 16, 2020 - 07:07 PM (IST)

नयी दिल्ली, 16 अक्टूबर (भाषा) कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शुक्रवार को कहा कि कोरोना वायरस महामारी का कृषि क्षेत्र पर कोई खास असर नहीं हुआ है। यही वजह है कि वर्ष 2020-21 के खरीफ सत्र में 14 करोड़ 45 लाख टन रिकॉर्ड खाद्यान्न उत्पादन होने का अनुमान है।

सरकारी आंकड़ों के अनुसार इससे पिछले वर्ष 2019-20 के खरीफ सत्र में खाद्यान्न उत्पादन 14 करोड़ 33 लाख टन रहा था।

इस समय देश में खरीफ फसलों की कटाई चल रही है और चावल मुख्य खरीफ फसल है।

तोमर ने उद्योग संगठन भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा आयोजित एक डिजिटल सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘खाद्यान्न उत्पादन पिछले साल की तुलना में बेहतर रहेगा। शुरुआती अनुमान के हिसाब से, वर्ष 2020-21 के खरीफ सत्र में खाद्यान्न उत्पादन 14 करोड़ 45 लाख 20 हजार टन होने का अनुमान है।’’
गन्ने और कपास जैसी नकदी फसलों का उत्पादन भी अच्छा होने की उम्मीद है।

पीटीआई-भाषा को प्राप्त हुए पहले अनुमान के हिसाब से कृषि मंत्रालय को फसल वर्ष 2020-21 (जुलाई-जून) के खरीफ सत्र के दौरान धान का उत्पादन रिकॉर्ड 10 करोड़ 23 लाख 60 हजार टन होने का अनुमान है।

इसी प्रकार, वर्ष 2019-20 में दलहन उत्पादन चालू खरीफ सत्र में बढ़ककर 93 लाख 10 हजार टन होने की संभावना है जो उत्पादन वर्ष 2019-20 में 77 लाख 20 हजार टन का हुआ था। वहीं तिलहन उत्पादन बढ़कर 2 करोड़ 57 लाख 20 हजार टन होने का अनुमान है जो उत्पादन पहले दो करोड़ 23 लाख टन रहा था।
हालांकि, मोटे अनाज का उत्पादन वर्ष 2020-21 के खरीफ सत्र में, पहले के तीन करोड़ 37 लाख टन के मुकाबले मामूली गिरावट के साथ तीन करोड़ 28 लाख 40 हजार टन रहने का अनुमान है।
नकदी फसलों में, कपास का उत्पादन रिकॉर्ड तीन करोड़ 71 लाख गांठ होने की संभावना है। कपास की एक गांठ 170 किग्रा की होती है। यह उत्पादन पहले तीन करोड़ 54.9 लाख गांठ का हुआ था। जबकि उक्त अवधि में गन्ने का उत्पादन पहले के 35.57 करोड़ टन से बढ़कर इस बार 39.98 करोड़ टन होने का अनुमान है।

उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी की आशंकाओं के बावजूद इस वर्ष खरीफ फसलों की बुवाई के रकबे में रिकॉर्ड 4.51 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और इस वर्ष यह बढ़कर 1,121.75 लाख हेक्टेयर हो गया है।

तोमर ने कहा कि कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था का आधार है। वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही के दौरान भी यह क्षेत्र 3.4 प्रतिशत बढ़ा है जबकि पूरी अर्थव्यवस्था में गिरावट देखने को मिल रही थी।

नये कृषि कानूनों पर, मंत्री ने कहा कि किसानों को सुधारों के बारे में ‘‘गुमराह’’ किया जा रहा है। उन्होंने दोहराया कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद के साथ-साथ मंडियां देश भर में काम करती रहेंगी।


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PTI News Agency

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