सरकार नये कृषि कानूनों के बारे में किसानों से विमर्श करने के लिए हमेशा तैयार: जावडेकर
Wednesday, Oct 14, 2020 - 08:21 PM (IST)
नयी दिल्ली, 14 अक्टूबर (भाषा) नये कृषि कानूनों के संबंध में किसानों की आशंका को दूर करने के लिए राजधानी दिल्ली में आयोजित एक बैठक का किसान संगठनों द्वारा बहिष्कार किये जाने की घटना के बीच केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि सरकार इन नए कानूनों के बारे में किसानों के साथ चर्चा के लिए हमेशा तैयार है। किसान संगठनों ने मंत्री स्तर पर वार्ता करने की मांग की है।
किसानों का प्रतिनिधित्व करने वाले लगभग 29 संगठनों ने बैठक का बहिष्कार करते हुए कहा कि उनकी चिंताओं को सुनने के लिए कोई मंत्री मौजूद नहीं थे। उन्होंने कृषि भवन के बाहर विरोध प्रदर्शन किया और नए कृषि कानूनों की प्रतियां फाड़ीं।
इसके बारे में पूछने पर, जावड़ेकर ने कहा कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर पहले ही इस मुद्दे पर किसान संगठनों के साथ पहले दौर की चर्चा कर चुके हैं।
सूचना और प्रसारण मंत्री जावड़ेकर ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद मीडिया को बताया, ‘‘यदि कोई अधिक (चर्चा) चाहता है, तो सभी से मिने के हमारे दरवाजे हमेशा खुले हैं। लेकिन तोमरजी की आज कुछ व्यस्तता है, इसलिए वह चले गए। जब वह खाली हो जाएंगे, तो वे सभी से मिलेंगे। इसमें कोई समस्या नहीं है।’’ यह ध्यानयोग्य है कि पंजाब और हरियाणा और अन्य राज्यों में किसान नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं, जिनके बारे में उन्हें लगता है कि इन कानूनाों की वजह से खरीद का काम निगमित घरानों (कॉरपोरेट्स) के हाथ में चजा जायेगा और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की व्यवस्था खत्म कर दी जायेगी।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
किसानों का प्रतिनिधित्व करने वाले लगभग 29 संगठनों ने बैठक का बहिष्कार करते हुए कहा कि उनकी चिंताओं को सुनने के लिए कोई मंत्री मौजूद नहीं थे। उन्होंने कृषि भवन के बाहर विरोध प्रदर्शन किया और नए कृषि कानूनों की प्रतियां फाड़ीं।
इसके बारे में पूछने पर, जावड़ेकर ने कहा कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर पहले ही इस मुद्दे पर किसान संगठनों के साथ पहले दौर की चर्चा कर चुके हैं।
सूचना और प्रसारण मंत्री जावड़ेकर ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद मीडिया को बताया, ‘‘यदि कोई अधिक (चर्चा) चाहता है, तो सभी से मिने के हमारे दरवाजे हमेशा खुले हैं। लेकिन तोमरजी की आज कुछ व्यस्तता है, इसलिए वह चले गए। जब वह खाली हो जाएंगे, तो वे सभी से मिलेंगे। इसमें कोई समस्या नहीं है।’’ यह ध्यानयोग्य है कि पंजाब और हरियाणा और अन्य राज्यों में किसान नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं, जिनके बारे में उन्हें लगता है कि इन कानूनाों की वजह से खरीद का काम निगमित घरानों (कॉरपोरेट्स) के हाथ में चजा जायेगा और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की व्यवस्था खत्म कर दी जायेगी।
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