कारोबारी धारणा में सुधार के संकेत दे रहे हैं सीईओ: सीआईआई
Sunday, Oct 04, 2020 - 05:48 PM (IST)
नयी दिल्ली, चार अक्टूबर (भाषा) उद्योग संगठन सीआईआई की राष्ट्रीय परिषद में दस सप्ताह शामिल होने वाले शीर्ष 115 कंपनियों के सीईओ ने कारोबारी धारणा में सुधार होने तथा कंपनियों के प्रदर्शन में क्रमिक तेजी आने के संकेत दिये हैं।
सीआईआई ने रविवार को कहा कि एक सर्वेक्षण में ये मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) शामिल हुए। सर्वेक्षण में शामिल सीईओ धातु और खनन, विनिर्माण, वाहन, फार्मा, स्वास्थ्य, ऊर्जा, बुनियादी ढांचा, निर्माण और अग्रणी सेवा क्षेत्र जैसे आईटीईएस, स्वास्थ्य आतिथ्य पर्यटन और ई-कॉमर्स आदि के प्रतिनिधि थे।
उद्योग संगठन ने कहा, "भारतीय अर्थव्यवस्था के लगातार उबरने का सिलसिला जारी है क्योंकि कॉरपोरेट इंडिया देश के कई हिस्सों में लॉकडाउन के साथ व्यापार और आर्थिक गतिविधियों को फिर से शुरू कर रहा है।"
उसने कहा कि भारतीय उद्योग जगत अब इस वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में 50 प्रतिशत से अधिक की क्षमता के उपयोग का अनुमान लगा रहा है।
हालांकि, सीआईआई के अनुसार, केंद्र और राज्यों दोनों सरकारों को जीवन के अलावा आजीविका पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता होगी। इसके लिये राज्यों के साथ-साथ जिलों द्वारा बार-बार लॉकडाउन लगाये जाने को रोकने के प्रयास किये जाने की आवश्यकता है।
संगठन ने कहा कि लॉकडाउन न केवल आर्थिक गतिविधियों के पुनरुद्धार को बाधित करता है, बल्कि जीवन के मुद्दे पर वांछित परिणाम भी नहीं देता है।
सीआईआई ने कहा, "अर्थव्यवस्था को पूरी तरह से खोलने की मांग करना जरूरी है, जिससे क्षमता के उपयोग में तेजी आयेगी।"
सीआईआई ने कहा कि केंद्र और आरबीआई द्वारा घोषित सुधारों व पुनरुद्धार के उपायों के साथ-साथ अधिकांश आर्थिक गतिविधियों के अनलॉक होने से चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में व्यावसायिक भावनाओं में धीरे-धीरे सुधार हुआ है।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
सीआईआई ने रविवार को कहा कि एक सर्वेक्षण में ये मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) शामिल हुए। सर्वेक्षण में शामिल सीईओ धातु और खनन, विनिर्माण, वाहन, फार्मा, स्वास्थ्य, ऊर्जा, बुनियादी ढांचा, निर्माण और अग्रणी सेवा क्षेत्र जैसे आईटीईएस, स्वास्थ्य आतिथ्य पर्यटन और ई-कॉमर्स आदि के प्रतिनिधि थे।
उद्योग संगठन ने कहा, "भारतीय अर्थव्यवस्था के लगातार उबरने का सिलसिला जारी है क्योंकि कॉरपोरेट इंडिया देश के कई हिस्सों में लॉकडाउन के साथ व्यापार और आर्थिक गतिविधियों को फिर से शुरू कर रहा है।"
उसने कहा कि भारतीय उद्योग जगत अब इस वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में 50 प्रतिशत से अधिक की क्षमता के उपयोग का अनुमान लगा रहा है।
हालांकि, सीआईआई के अनुसार, केंद्र और राज्यों दोनों सरकारों को जीवन के अलावा आजीविका पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता होगी। इसके लिये राज्यों के साथ-साथ जिलों द्वारा बार-बार लॉकडाउन लगाये जाने को रोकने के प्रयास किये जाने की आवश्यकता है।
संगठन ने कहा कि लॉकडाउन न केवल आर्थिक गतिविधियों के पुनरुद्धार को बाधित करता है, बल्कि जीवन के मुद्दे पर वांछित परिणाम भी नहीं देता है।
सीआईआई ने कहा, "अर्थव्यवस्था को पूरी तरह से खोलने की मांग करना जरूरी है, जिससे क्षमता के उपयोग में तेजी आयेगी।"
सीआईआई ने कहा कि केंद्र और आरबीआई द्वारा घोषित सुधारों व पुनरुद्धार के उपायों के साथ-साथ अधिकांश आर्थिक गतिविधियों के अनलॉक होने से चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में व्यावसायिक भावनाओं में धीरे-धीरे सुधार हुआ है।
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