पोषण युक्त भोजन केवल ऊर्जा वाले भोजन की तुलना में दोगुना महंगे हैं : अध्ययन
Tuesday, Sep 29, 2020 - 08:25 PM (IST)
नयी दिल्ली, 29 सितम्बर (भाषा) गैर सरकारी संगठन ‘सेव द चिल्ड्रेन’ की तरफ से झारखंड में किए गए एक अध्ययन में यह बात सामने आई कि पोषण युक्त भोजन की कीमत केवल ऊर्जा प्रदान करने वाले भोजन की तुलना में दोगुनी है।
‘भोजन की कीमत के अध्ययन’ में पाया गया कि छह लोगों के परिवार के लिए पोषण युक्त भोजन की रोजाना लागत 194 रुपये है, जबकि केवल ऊर्जा प्रदान करने वाले मूल भोजन की कीमत प्रतिदिन 92 रुपये पड़ती है।
यह अध्ययन झारखंड के पश्चिम सिंहभूम जिले से एकत्रित आंकड़ों के आधार पर है, जहां गैर सरकारी संगठन स्वास्थ्य, पोषण और बाल विकास कार्यक्रम लागू कर रहा है और सरकारी तथा नीति आयोग के महत्वाकांक्षी जिला कार्यक्रमों में सहयोग कर रहा है।
‘सेव द चिल्ड्रेन’ की तरफ से जारी बयान में अध्ययन का हवाला देते हुए कहा गया है, ‘‘छह सदस्यों वाले भारतीय परिवार में उनके भोजन की आदत के मुताबिक मानक पोषणयुक्त भोजन की लागत प्रतिदिन 194 रुपये आती है जबकि केवल ऊर्जा वाले मूल भोजन की लागत 92 रुपये प्रतिदिन है।’’
अध्ययन में यह भी बताया गया कि पोषण युक्त भोजन की उपलब्धता गरीब घरों में पोषणयुक्त भोजन हासिल करने में मुख्य बाधा नहीं है।
बयान में कहा गया है, ‘‘हमारे अध्ययन में पाया गया कि पश्चिम सिंहभूम में 196 से अधिक विभिन्न तरह के खाद्य उत्पाद हैं।’’
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
‘भोजन की कीमत के अध्ययन’ में पाया गया कि छह लोगों के परिवार के लिए पोषण युक्त भोजन की रोजाना लागत 194 रुपये है, जबकि केवल ऊर्जा प्रदान करने वाले मूल भोजन की कीमत प्रतिदिन 92 रुपये पड़ती है।
यह अध्ययन झारखंड के पश्चिम सिंहभूम जिले से एकत्रित आंकड़ों के आधार पर है, जहां गैर सरकारी संगठन स्वास्थ्य, पोषण और बाल विकास कार्यक्रम लागू कर रहा है और सरकारी तथा नीति आयोग के महत्वाकांक्षी जिला कार्यक्रमों में सहयोग कर रहा है।
‘सेव द चिल्ड्रेन’ की तरफ से जारी बयान में अध्ययन का हवाला देते हुए कहा गया है, ‘‘छह सदस्यों वाले भारतीय परिवार में उनके भोजन की आदत के मुताबिक मानक पोषणयुक्त भोजन की लागत प्रतिदिन 194 रुपये आती है जबकि केवल ऊर्जा वाले मूल भोजन की लागत 92 रुपये प्रतिदिन है।’’
अध्ययन में यह भी बताया गया कि पोषण युक्त भोजन की उपलब्धता गरीब घरों में पोषणयुक्त भोजन हासिल करने में मुख्य बाधा नहीं है।
बयान में कहा गया है, ‘‘हमारे अध्ययन में पाया गया कि पश्चिम सिंहभूम में 196 से अधिक विभिन्न तरह के खाद्य उत्पाद हैं।’’
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।