अधिकारियों, करदाताओं के कर्तव्यों, अधिकारों को स्पष्ट करता है चार्टर

punjabkesari.in Thursday, Aug 13, 2020 - 05:19 PM (IST)

नयी दिल्ली, 13 अगस्त (भाषा) सरकार ने कर सुधारों की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए बृहस्पतिवार को करदाता चार्टर लागू करने की घोषणा की। यह कर विभाग के अधिकारियों के कर्तव्यों के साथ करदाताओं के अधिकारों को स्पष्ट करता है।

कर विभाग जब तक कुछ गलत साबित नहीं हो, प्रत्येक करदाता के साथ ईमानदार करदाता के रूप में व्यवहार करेगा और उन्हें निष्पक्ष, विनम्र तथा उपयुक्त सेवाएं उपलब्ध कराएगा। बृहस्पतिवार को घोषित करदाता चार्टर (अधिकार पत्र) में यह व्यवस्था दी गयी है।

साथ ही चार्टर में यह भी अपेक्षा की गयी है कि करदाता समय पर कर का भुगतान करेंगे, ईमानदार रहेंगे और नियमों का अनुपालन करेंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर व्यवस्था में सुधारों को आगे बढ़ाते हुए ‘पारदर्शी कराधान - ईमानदार का सम्मान’ मंच की शुरूआत की। इसके तहत करदाताओं और अधिकारियों के बीच पहचान रहित (फेसलेस) आकलन और करदाता चार्टर की शुरूआत की गयी है। इसमें फेसलेस अपील करने की भी घोषणा की गयी है जो 25 सितंबर से लागू होगी।
करदाता चार्टर कर विभाग की प्रतिबद्धता और करदाताओं से अपेक्षाओं को परिभाषित करता है।

कर अधिकारी अब 14 सूत्री चार्टर को लेकर प्रतिबद्ध होंगे जिसमें कानून के अनुसार केवल बकाया राशि (कर) का संग्रह शामिल है। वहीं करदाताओं को भी अपनी तरफ से जिम्मेदारी निभानी होगी और उन्हें ईमाानदारी और नियमों के अनुपालन समेत आयकर विभाग के छह सूत्री अपेक्षाओं को पूरा करना होगा।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2020-21 के बजट में घोषणा की थी कि केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) करदाता चार्टर लाएगा। यह करदाताओं और कर विभाग के बीच भरोसा सुनिश्चित करेगा और विभिन्न प्रकार की परेशानियों को दूर करेगा। साथ ही विभाग की कार्यक्षमता बढ़ाएगा।

चार्टर में कहा गया है कि आयकर विभाग अपने अधिकारियों को उनके कार्यों के लिये जवाबदेह बनाएगा। विभाग करदाताओं को निष्पक्ष, विनम्र, तत्काल और यथोचित व्यवहार के साथ-साथ पेशेवर सहायता उपलब्ध कराएगा।
इसके अनुसार अधिकारी के पास जब तक गड़बड़ी होने का कोई ठोस आधार नहीं हो, करदाताओं के साथ ईमानदार करदाता के रूप में व्यवहार करेंगे।
चार्टर, कर अधिकारियों को करदाताओं के बारे में सूचना का खुलासा करने से रोकता है और उनके निजता के सम्मान पर जोर देता है। हालांकि, कानून के तहत जरूरी होने पर कर अधिकारी करदाता के बारे में जानकारी दे सकते हैं।

इसके अनुसार, ‘‘विभाग कानून के तहत निर्धारित नियमों एवं प्रक्रियाओं का पालन करेंगे और जांच तथा कार्रवाई को लेकर अनुचित हस्तक्षेप नहीं करेंगे।
साथ ही विभाग निष्पक्ष और बिना किसी भेदभाव के अपील और समीक्षा व्यवस्था उपलब्ध कराएगा और हर कार्यवाही में कानून के अनुसार निर्णय करेगा।

आयकर विभाग को समय-समय पर सेवा डिलिवरी के बारे में मानकों को प्रकाशित करना होगा तथा समयबद्ध तरीके से कर मसलों के समाधान को लेकर निष्पक्ष व्यवस्था उपलब्ध करानी होगी।

चार्टर में यह भी प्रावधान है कि विभाग प्रत्येक करदाताओं को उसकी रूचि के अनुसार अधिकृत प्रतिनिधि के चयन की अनुमति देगा और शिकायत दर्ज कराने तथा उसके तत्काल निपटान की व्यवस्था करेगा।
दूसरी तरफ चार्टर में करदाताओं से यह अपेक्षा है कि वे पूरी सूचना ईमानदारी के साथ दें और जो भी नियम, कायदे हैं, उसका अनुपालन करें।

इसके अनुसार, ‘‘करदाताओं से अपेक्षा है कि वे कर कानून के तहत अनुपालन बाध्यताओं को लेकर जागरूक हों और जरूरत पड़ने पर विभाग की मदद लें।’’
इसके अलावा करदाताओं से अपेक्षा है कि वे सही रिकार्ड रखे, समयबद्ध तरीके से जवाब दें और इस बारे में जानकारी रखें कि उनके अधिकृत प्रतिनिधि ने क्या सूचना और जानकारी विभाग को दी है।

चार्टर के अनुसार, ‘‘करदाताओं से अपेक्षा है कि वे कानून के तहत समय पर बकाया राशि का भुगतान करे।’’


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PTI News Agency

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