गोदरेज अपार्टमेंट को मिली पर्यावरणीय मंजूरी रद्द करने के खिलाफ दायर याचिका पर आदेश सुरक्षित

punjabkesari.in Saturday, Aug 08, 2020 - 04:40 PM (IST)

नयी दिल्ली, आठ अगस्त (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने बेंगलुरु में गोदरेज प्रोपर्टीज लिमिटेड और वंडर प्रोजेक्ट्स डेवलपमेंट प्राइवेट लिमिटेड की लक्जरी अपार्टमेंट परियोजना को दी गई पर्यावरणीय मंजूरी को रद्द करने के एनजीटी के आदेश के खिलाफ दायर एक याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है।

प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामासुब्रमणियन की पीठ ने सभी पक्षों की दलील सुनने के बाद अपना आदेश सुरक्षित रख लिया।

शीर्ष अदालत ने इससे पहले वंडर प्रोजेक्ट्स डेवलपमेंट प्राइवेट लिमिटेड और अन्य की तरफ से दायर याचिका पर केंद्र, कर्नाटक सरकार और अन्य को नोटिस जारी किया था।

परियोजना प्रस्तावक की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने दलील दी कि राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने अपना आदेश एक अन्य मामले से तैयार किया है और जरूरी सहमति होने के बावजूद परियोजना को रोका है।

हरित अधिकरण ने आदेश दिया था कि यह निर्माण कैकोंद्राहल्ली झील के बफर क्षेत्र के भीतर पड़ेगा और इसलिए यह क्षेत्रीकरण कानून का उल्लंघन होगा।

एनजीटी ने कहा था कि किसी भी ऐसे निर्माण के लिए पर्यावरणीय मंजूरी नहीं दी जा सकती जो किसी झील के बफर क्षेत्र का उल्लंघन करे।

इसने कहा, “यह साफ है कि परियोजना बफर क्षेत्र में निर्माण की अपेक्षा रखती है जो क्षेत्रीकरण योजना तथा उच्चतम न्यायालय द्वारा पुष्टि किए गए इस अधिकरण के फैसले का उल्लंघन है। इसलिए, पर्यावरणीय मंजूरी रद्द की जाती है।”
यह फैसला बेंगलुरु निवासी एच पी राजन द्वारा गोदरेज रिफ्लेक्शन्स परियोजना के खिलाफ दायर याचिका पर दिया गया था। इसका निर्माण बेंगलुरु शहरी जिले के वार्थर होबली में कसावनाहल्ली गांव में हो रहा है।

राजन ने राज्य के पर्यावरण प्रभाव आकलन अधिकरण के 10 जनवरी, 2018 के आदेश को चुनौती दी थी जिसमें परियोजना को पर्यावरणीय मंजूरी दी गई थी।



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PTI News Agency

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