सेबी ने तीन निकायों पर लगायी दो साल की रोक, एम्बैसी प्रॉपर्टीज पर 10 लाख रुपये का जुर्माना

Saturday, Aug 01, 2020 - 12:26 PM (IST)

नयी दिल्ली, 30 जुलाई (भाषा) बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने बृहस्पतिवार को तीन निकायों और उनके मालिकों पर बिना पंजीकरण के निवेश सलाहकार सेवाएं देने पर दो साल के लिये रोक लगा दी। सेबी ने उन्हें इस तरह की गतिविधियों के जरिये एकत्रित धन को वापस करने का भी निर्देश दिया।

प्रतिभूति बाजार से प्रतिबंधित इन निकायों में वे2गेन्स, कैपिटल मिरर और एस्ट्रो कैपिटल सॉल्यूशंस शामिल हैं। इनके संबंधित मालिकों राजीव कुमार तिवारी, सौरभ समीर और अंकित कुमार उपाध्याय को भी प्रतिभूति बाजार में काम करने से रोक दिया गया। इसके अलावा, तीनों व्यक्तियों को सेबी के साथ पंजीकृत किसी मध्यस्थ के साथ ही किसी भी ऐसी सूचीबद्ध कंपनी या कंपनी के साथ जुड़ने से रोक दिया गया है, जो जनता से धन जुटाने की योजना बना रही हैं।

यह प्रतिबंध वर्तमान आदेश की तारीख से या निवेशकों को रिफंड पूरा करने की तारीख से से जो भी बाद में होगा, तब से लागू होगा।

शिकायतें मिलने के बाद सेबी ने इन निकायों की गतिविधियों की जांच की। यह पाया गया कि ये निकाय निवेश सलाहकार गतिविधियों और शेयर व जिंस बाजारों में वित्तीय साधनों की खरीद तथा बिक्री की विभिन्न सेवाओं में लगे हुए हैं। इनमें मोबाइल कॉल और ई-मेल के माध्यम से अपने ग्राहकों को सुझाव देना भी शामिल है।

नियामक के अनुसार, ये निकाय आवश्यक पंजीकरण प्राप्त किये बिना, अनाधिकृत निवेश सलाहकार गतिविधियों में संलग्न थे।

सेबी ने एक अलग आदेश में एम्बैसी प्रॉपर्टी डेवलपमेंट प्राइवेट लिमिटेड पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगा दिया। यह जुर्माना मैक चार्ल्स (इंडिया) लिमिटेड में गैर-सार्वजनिक शेयरधारिता को तय समयसीमा के भीतर कम करने में असफल रहने पर लगाया गया।

सेबी ने अपने आदेश में उल्लेख किया कि एम्बैसी प्रॉपर्टी डेवलपमेंट ने मैक चार्ल्स (इंडिया) लिमिटेड के 73.41 प्रतिशत शेयर सात फरवरी 2017 को शेयर खरीद समझौते के माध्यम से हासिल किये। इसके बाद खुले प्रस्ताव के जरिये इसकी हिस्सेदारी बढ़कर 79.77 प्रतिशत हो गयी।

हालांकि, एसएएसटी नियमों के अनुसार, एम्बैसी प्रॉपर्टी डेवलपमेंट की हिस्सेदारी मैक चार्ल्स (इंडिया) लिमिटेड में 75 प्रतिशत से अधिक नहीं हो सकती है। इन नियमों के अनुसार संबंधित कंपनी को एक साल के भीतर अपनी हिस्सेदारी घटाकर 75 प्रतिशत से नीचे लाना होता है।




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PTI News Agency

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