संसदीय समिति सामाजिक सुरक्षा संहिता पर शुक्रवार को दे सकती है अपनी रिपोर्ट

Saturday, Aug 01, 2020 - 12:24 PM (IST)

नयी दिल्ली, 29 जुलाई (भाषा) संसद की एक स्थायी समिति सामाजिक सुरक्षा संहिता, 2019 पर अपनी रिपोर्ट शुक्रवार को सौंप सकती है। यह संहिता श्रमिकों के समाजिक सुरक्षा से जुड़े नौ कानूनों को स्वयं में समाहित करेगी।
श्रम पर संसदीय समिति की बुधवार को बैठक हुई जिसमें मसौदा रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया गया। समिति के एक सदस्य ने यह जानकारी दी।

सदस्य ने पीटीआई-भाषा से कहा कि समिति के अनुसार सरकार को इस बारे में स्पष्ट करना चाहिए कि मसौदा कानून के तहत जो असंगठित कामगारों और अस्थायी कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा उपलब्ध कराने का विचार है, उसके लिये कोष का स्रोत क्या होगा।

असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले ये श्रमिक फिलहाल किसी सामाजिक सुरक्षा योगदान के दायरे में नहीं हैं।

प्रस्तावित सामाजिक सुरक्षा कोष के लाभार्थियों को वृद्धावस्था पेंशन, जीवन और दिव्यांगता कवर तथा स्वास्थ्य एवं मातृत्व लाभ समेत अन्य लाभ मिलेंगे।

पिछले साल दिसंबर में लोकसभा में पेश संहिता में श्रम मंत्रालय ने योजना के लिये वित्त पोषण के कई विकल्पों का प्रस्ताव किया है।
ये पूरी तरह से केंद्र सरकार द्वारा वित्त पोषित हो सकता है, आंशिक रूप से केंद्र और आंशिक रूप से राज्य वित्त पोषित, आंशिक रूप से केंद्र, आंशिक रूप से राज्य तथा लाभार्थी या नियोक्ता के योगदान के जरिये वित्त पोषित हो सकता है।
इसमें कंपनी सामाजिक जिम्मेदारी (सीएसआर) कोष समेत इस प्रकार के अन्य स्रोत से भी वित्त पोषण का प्रस्ताव है।
सदस्य ने कहा कि समिति कोष के स्रोत के बारे में जानना चाहती है क्योंकि इसके लिये जरूरी है कि कोष नियमित प्रवाह हो ताकि असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को समाजिक सुरक्षा उपलब्ध कराने का मकसद पूरा हो।

समिति का यह भी विचार है कि कृषि श्रमिकों और घरेलू सहायकों को भी प्रस्तावित सामाजिक सुरक्षा कोष के दायरे में लाया जाए।

संहिता कर्मचारी राज्य बीमा कानून, 1948 और कर्मचारी भविष्य निधि और विविध प्रावधान कानून, 1952 समेत नौ कानूनों को समाहित करेगा।



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PTI News Agency

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