सरकार ने नागर विमानन क्षेत्र में संशोधित एफडीआई नीति को अधिसूचित किया
punjabkesari.in Tuesday, Jul 28, 2020 - 06:48 PM (IST)
नयी दिल्ली, 28 जून (भाषा) सरकार ने नागर विमानन क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) संबंधी संशोधित नियमों को अधिसूचित कर दिया है। इससे प्रवासी भारतीय नागरिकों को एयर इंडिया में 100 प्रतिशत हिस्सेदसरी हासिल करने की अनुमति होगी।
एयर इंडिया में रणनीतिक विनिवेश की जारी प्रक्रिया के बीच राजपत्र में अधिसूचना प्रकाशित किया गया है।
पिछले महीने, सरकार ने तीसरी बार एयर इंडिया के लिये बोली जमा करने कारण वैश्विक स्तर पर आर्थिक गतिविधियों का प्रभावित होना है। समयसीमा 31 अगस्त तक के लिये बढ़ायी गयी है। एयर इंडिया के लिये विनिवेश प्रक्रिया 27 जनवरी को शुरू की गयी थी।
आधिकारिक अधिसूचना 27 जुलाई, 2020 को जारी की गयी। इसके तहत इन नियमों को विदेशी विनिमय प्रबंधन (गैर-बांड उत्पाद) (तीसरा संशोधन) नियम, 2020 का जाएगा।’’
यह नियम आधिकारिक राजपत्र में प्रकाशित होने की तारीख से प्रभाव में आएगा।
इसमें कहा गया है, ‘‘मेसर्स एयर इंडिया लि. में प्रवासी भारतीयों (एनआरआई) को छोड़कर विदेशी एयरलाइन समेत विदेशी निवेश प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से 49 प्रतिशत से अधिक नहीं होगा। प्रवासी भारतीय जो भारतीय नागरिक हैं, के मामले में स्वत: मार्ग से 100 प्रतिशत तक विदेशी निवेश की अनुमति होगी।’’
नये नियम के अनुसार एयर इंडिया लि. में मालिकाना हक और प्रभावी नियंत्रण भारतीय नागरिक के पास बना रहेगा जैसा कि एयरक्राफ्ट नियम, 1937 में निर्धारित है।
मौजूदा एफडीआई नीति के तहत अनुसूचित हवाई परविहन सेवा/घरेलू अनुसूचित यात्री एयरलाइन में 100 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति है। इसमें से 49 प्रतिशत स्वत: मार्ग से जबकि 49 प्रतिशत से अधिक सरकरी मार्ग से है।
हालांकि एनआरआई के लिये अनुसूचित हवाई परिवहन सेवा/घरेलू अनुसूचित यात्री एयरलाइन में स्वत: मार्ग से 100 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति है।
सरकार हेलीकॉटर सेवा/समुद्री प्लेस सेवा में 100 प्रतिशत एुडीआई की अनुमति देती है। लेकिन इसमें नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) की मंजूरी जरूरी है।
विदेशी एयरलाइन को अनुसूचित और गैर-अनुसूचित हवाई परिवहन सेवाओं का परिचालन करने वाली भारतीय कंपनियों में उनकी चुकता शेयर पूंजी का 49 प्रतिशत तक निवेश की अनुमति है। यह कुछ शर्तों पर निर्भर है।
शर्तों में यह शामिल है कि पूंजी निवेश सरकारी मंजूरी मार्ग से होगा और 49 प्रतिशत सीमा में एफडीआई और एफआई/एफपीआई (विदेशी संस्थागत/पोर्टफोलियो निवेशक) समाहित होगा।
इससे पहले, मार्च में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एनआरआई के मामले में जो भारतीय नागरिक हैं , एयर इंडिया के संदर्भ में 100 प्रतिशत विदेशी निवेश के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
एयर इंडिया में रणनीतिक विनिवेश की जारी प्रक्रिया के बीच राजपत्र में अधिसूचना प्रकाशित किया गया है।
पिछले महीने, सरकार ने तीसरी बार एयर इंडिया के लिये बोली जमा करने कारण वैश्विक स्तर पर आर्थिक गतिविधियों का प्रभावित होना है। समयसीमा 31 अगस्त तक के लिये बढ़ायी गयी है। एयर इंडिया के लिये विनिवेश प्रक्रिया 27 जनवरी को शुरू की गयी थी।
आधिकारिक अधिसूचना 27 जुलाई, 2020 को जारी की गयी। इसके तहत इन नियमों को विदेशी विनिमय प्रबंधन (गैर-बांड उत्पाद) (तीसरा संशोधन) नियम, 2020 का जाएगा।’’
यह नियम आधिकारिक राजपत्र में प्रकाशित होने की तारीख से प्रभाव में आएगा।
इसमें कहा गया है, ‘‘मेसर्स एयर इंडिया लि. में प्रवासी भारतीयों (एनआरआई) को छोड़कर विदेशी एयरलाइन समेत विदेशी निवेश प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से 49 प्रतिशत से अधिक नहीं होगा। प्रवासी भारतीय जो भारतीय नागरिक हैं, के मामले में स्वत: मार्ग से 100 प्रतिशत तक विदेशी निवेश की अनुमति होगी।’’
नये नियम के अनुसार एयर इंडिया लि. में मालिकाना हक और प्रभावी नियंत्रण भारतीय नागरिक के पास बना रहेगा जैसा कि एयरक्राफ्ट नियम, 1937 में निर्धारित है।
मौजूदा एफडीआई नीति के तहत अनुसूचित हवाई परविहन सेवा/घरेलू अनुसूचित यात्री एयरलाइन में 100 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति है। इसमें से 49 प्रतिशत स्वत: मार्ग से जबकि 49 प्रतिशत से अधिक सरकरी मार्ग से है।
हालांकि एनआरआई के लिये अनुसूचित हवाई परिवहन सेवा/घरेलू अनुसूचित यात्री एयरलाइन में स्वत: मार्ग से 100 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति है।
सरकार हेलीकॉटर सेवा/समुद्री प्लेस सेवा में 100 प्रतिशत एुडीआई की अनुमति देती है। लेकिन इसमें नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) की मंजूरी जरूरी है।
विदेशी एयरलाइन को अनुसूचित और गैर-अनुसूचित हवाई परिवहन सेवाओं का परिचालन करने वाली भारतीय कंपनियों में उनकी चुकता शेयर पूंजी का 49 प्रतिशत तक निवेश की अनुमति है। यह कुछ शर्तों पर निर्भर है।
शर्तों में यह शामिल है कि पूंजी निवेश सरकारी मंजूरी मार्ग से होगा और 49 प्रतिशत सीमा में एफडीआई और एफआई/एफपीआई (विदेशी संस्थागत/पोर्टफोलियो निवेशक) समाहित होगा।
इससे पहले, मार्च में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एनआरआई के मामले में जो भारतीय नागरिक हैं , एयर इंडिया के संदर्भ में 100 प्रतिशत विदेशी निवेश के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।