देश करगिल युद्ध में प्राण न्यौछावर करने वाले सैनिकों का हमेशा आभारी रहेगा : कोविंद
Sunday, Jul 26, 2020 - 12:49 PM (IST)
नयी दिल्ली, 26 जुलाई (भाषा) राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने रविवार को कहा कि देश हमेशा उन सैनिकों का आभारी रहेगा जिन्होंने ‘भारत माता’ की रक्षा करने के लिए करगिल युद्ध के दौरान अपने प्राण न्यौछावर कर दिए थे।
करगिल युद्ध में पाकिस्तान पर भारत की जीत की 21वीं वर्षगांठ पर शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि देते हुए उन्होंने ट्वीट किया कि ‘करगिल विजय दिवस’ हमारे सशस्त्र बलों की निडरता, दृढ संकल्प और असाधारण वीरता का प्रतीक है।
भारतीय सेना ने 26 जुलाई 1999 को ‘‘ऑपरेशन विजय’’ के सफलतापूर्वक समाप्त होने की घोषणा करते हुए करगिल के बर्फीले पहाड़ों पर करीब तीन महीने तक चले युद्ध के बाद जीत का एलान किया था।
सशस्त्र बलों के सर्वोच्च कमांडर कोविंद ने कहा, ‘‘करगिल विजय दिवस हमारे सशस्त्र बलों की निडरता, दृढ़ संकल्प और असाधारण वीरता का प्रतीक है। मैं उन सैनिकों को नमन करता हूं जो भारत माता की रक्षा के लिए दुश्मन से लड़े और अपने प्राण न्यौछावर कर दिए। देश हमेशा उनका और उनके परिजनों के प्रति कृतज्ञ रहेगा।’’
करगिल युद्ध में 500 से अधिक सैनिक शहीद हो गए थे।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
करगिल युद्ध में पाकिस्तान पर भारत की जीत की 21वीं वर्षगांठ पर शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि देते हुए उन्होंने ट्वीट किया कि ‘करगिल विजय दिवस’ हमारे सशस्त्र बलों की निडरता, दृढ संकल्प और असाधारण वीरता का प्रतीक है।
भारतीय सेना ने 26 जुलाई 1999 को ‘‘ऑपरेशन विजय’’ के सफलतापूर्वक समाप्त होने की घोषणा करते हुए करगिल के बर्फीले पहाड़ों पर करीब तीन महीने तक चले युद्ध के बाद जीत का एलान किया था।
सशस्त्र बलों के सर्वोच्च कमांडर कोविंद ने कहा, ‘‘करगिल विजय दिवस हमारे सशस्त्र बलों की निडरता, दृढ़ संकल्प और असाधारण वीरता का प्रतीक है। मैं उन सैनिकों को नमन करता हूं जो भारत माता की रक्षा के लिए दुश्मन से लड़े और अपने प्राण न्यौछावर कर दिए। देश हमेशा उनका और उनके परिजनों के प्रति कृतज्ञ रहेगा।’’
करगिल युद्ध में 500 से अधिक सैनिक शहीद हो गए थे।
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