22 प्रतिशत स्कूलों की इमारतें पुरानी या जीर्ण-शीर्ण : एनसीपीसीआर की रिपोर्ट में कहा गया
punjabkesari.in Thursday, Jul 23, 2020 - 08:12 PM (IST)

नयी दिल्ली, 23 जुलाई (भाषा) राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने एक रिपोर्ट में कहा है कि देश में लगभग 22 प्रतिशत स्कूल या तो पुरानी या जीर्ण-शीर्ण इमारतों से चल रहे हैं।
रिपोर्ट ‘सुरक्षा एवं सुरक्षित स्कूल माहौल’ 12 राज्यों में 26,071 स्कूलों के सर्वेक्षण पर आधारित है।
एनसीपीसीआर ने यह सर्वेक्षण स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा की पड़ताल के मद्देनजर किया।
रिपोर्ट में कहा गया कि सर्वेक्षण में भारत के उत्तर, पश्चिम, पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत के राज्यों को शामिल किया गया। इसमें उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, छत्तीसगढ़, हरियाणा और राजस्थान के अनेक जिले शामिल किए गए। ओडिशा, मिजोरम, उत्तराखंड़, मेघालय, झारखंड और चंडीगढ़ के कुछ जिलों को भी इसमें शामिल किया गया।
सर्वेक्षण में पता चला कि 22 प्रतिशत स्कूल पुरानी या जीर्ण-शीर्ण इमारतों से चल रहे हैं, जबकि 31 प्रतिशत स्कूलों के ढांचे में दरारें आई हुई हैं।
इसमें सामने आया कि 19 प्रतिशत स्कूल रेल पटरियों के पास हैं, जबकि एक प्रतिशत स्कूलों के नजदीक ही बच्चों की सुरक्षा के लिए सड़कों पर स्पीड ब्रेकर और जेब्रा क्रॉसिंग हैं।
सर्वेक्षण में एक और महत्वपूर्ण बात पता चली कि 74 प्रतिशत स्कूलों में शौचालयों में पानी की व्यवस्था है, जबकि शेष स्कूलों में बच्चों को बाहर से पानी ले जाना पड़ता है।
रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘यह खतरनाक स्थिति है। इससे छात्रों की स्वास्थ्य और शारीरिक सुरक्षा को खतरा है।’’
इसमें कहा गया कि केवल 49 प्रतिशत स्कूलों में दिव्यांगों के अनुकूल शौचालय हैं।
सर्वेक्षण में पाया गया कि स्कूलों में मध्याह्न भोजन की गुणवत्ता से केवल 57 प्रतिशत बच्चे संतुष्ट हैं।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
रिपोर्ट ‘सुरक्षा एवं सुरक्षित स्कूल माहौल’ 12 राज्यों में 26,071 स्कूलों के सर्वेक्षण पर आधारित है।
एनसीपीसीआर ने यह सर्वेक्षण स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा की पड़ताल के मद्देनजर किया।
रिपोर्ट में कहा गया कि सर्वेक्षण में भारत के उत्तर, पश्चिम, पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत के राज्यों को शामिल किया गया। इसमें उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, छत्तीसगढ़, हरियाणा और राजस्थान के अनेक जिले शामिल किए गए। ओडिशा, मिजोरम, उत्तराखंड़, मेघालय, झारखंड और चंडीगढ़ के कुछ जिलों को भी इसमें शामिल किया गया।
सर्वेक्षण में पता चला कि 22 प्रतिशत स्कूल पुरानी या जीर्ण-शीर्ण इमारतों से चल रहे हैं, जबकि 31 प्रतिशत स्कूलों के ढांचे में दरारें आई हुई हैं।
इसमें सामने आया कि 19 प्रतिशत स्कूल रेल पटरियों के पास हैं, जबकि एक प्रतिशत स्कूलों के नजदीक ही बच्चों की सुरक्षा के लिए सड़कों पर स्पीड ब्रेकर और जेब्रा क्रॉसिंग हैं।
सर्वेक्षण में एक और महत्वपूर्ण बात पता चली कि 74 प्रतिशत स्कूलों में शौचालयों में पानी की व्यवस्था है, जबकि शेष स्कूलों में बच्चों को बाहर से पानी ले जाना पड़ता है।
रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘यह खतरनाक स्थिति है। इससे छात्रों की स्वास्थ्य और शारीरिक सुरक्षा को खतरा है।’’
इसमें कहा गया कि केवल 49 प्रतिशत स्कूलों में दिव्यांगों के अनुकूल शौचालय हैं।
सर्वेक्षण में पाया गया कि स्कूलों में मध्याह्न भोजन की गुणवत्ता से केवल 57 प्रतिशत बच्चे संतुष्ट हैं।
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