भारत-यूरोपीय शिखर सम्मेलन में बहुपक्षवाद को सुदृढ़ करने पर हो सकता है जोर
Monday, Jul 13, 2020 - 11:13 PM (IST)
नयी दिल्ली, 13 जुलाई (भाषा) भारत और यूरोपीय संघ बुधवार को ऑनलइन शिखर सम्मेलन में आर्थिक गठजोड़ बढ़ाने, कोरोना वायरस महामारी के प्रतिकूल प्रभाव से निपटने ओर बहुपक्षवाद को सृदढ़ करने के उपायों पर व्यापक रूप से चर्चा कर सकते हैं।
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि दोनों पक्ष बहुप्रतीक्षित मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत फिर शुरू करने का रास्ता निकालने के लिये भी गहन बातचीत कर सकते हैं। दोनों के बीच मुक्त व्यापार समझौते को ईयू-भारत व्यापक व्यापार और निवेश समझौता (बीटीआईए) कहा जाता है।
भारती प्रतिनिधित्व की अगुवाई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जबकि यूरोपीय पक्ष का नेतृत्व यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष चार्ल्स माइकल तथा यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उरसुला वोन डेर लेयेन करेंगी।
प्रधानमंत्री को सम्मेलन में भाग लेने के लिये मार्च में ब्रसेल्स जाना था लेकिन कोरोना वायरस महामारी के कारण यात्रा रद्द करनी पड़ा।
भारत के लिये 27 सदस्यीय यूरोपीय संघ रणनीतिक रूप से महत्वूर्ण क्षेत्र है। वर्ष 2018 में यूरोपीय संघ कुल मिलाकर भारत का सबसे बड़ा व्यापार भागदारी था।
भारत का यूरोपीय संघ के साथ द्विपक्षीय व्यापार 2018-19 में 115.6 अरब डॉलर रहा। इसमें निर्यात 57.17 अरब डॉलर जबकि आयात 58.42 अरब डॉलर का था।
शिखर सम्मेलन के दौरान रक्षा क्षेत्र में सहयोग का मुद्दा भी प्रमुखता से उठने की संभावना है।
सूत्रों ने कहा कि शिखर सम्मेलन का मकसद आर्थिक संबंधों का विस्तार, वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिये बहुपक्षवाद को सुदृढ़ कर और कोरोना वायरस महामारी के प्रतिकूल प्रभाव से निपटने को लेकर रणनीतिक गठजोड़ को और आगे ले जाना है।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि दोनों पक्ष बहुप्रतीक्षित मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत फिर शुरू करने का रास्ता निकालने के लिये भी गहन बातचीत कर सकते हैं। दोनों के बीच मुक्त व्यापार समझौते को ईयू-भारत व्यापक व्यापार और निवेश समझौता (बीटीआईए) कहा जाता है।
भारती प्रतिनिधित्व की अगुवाई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जबकि यूरोपीय पक्ष का नेतृत्व यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष चार्ल्स माइकल तथा यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उरसुला वोन डेर लेयेन करेंगी।
प्रधानमंत्री को सम्मेलन में भाग लेने के लिये मार्च में ब्रसेल्स जाना था लेकिन कोरोना वायरस महामारी के कारण यात्रा रद्द करनी पड़ा।
भारत के लिये 27 सदस्यीय यूरोपीय संघ रणनीतिक रूप से महत्वूर्ण क्षेत्र है। वर्ष 2018 में यूरोपीय संघ कुल मिलाकर भारत का सबसे बड़ा व्यापार भागदारी था।
भारत का यूरोपीय संघ के साथ द्विपक्षीय व्यापार 2018-19 में 115.6 अरब डॉलर रहा। इसमें निर्यात 57.17 अरब डॉलर जबकि आयात 58.42 अरब डॉलर का था।
शिखर सम्मेलन के दौरान रक्षा क्षेत्र में सहयोग का मुद्दा भी प्रमुखता से उठने की संभावना है।
सूत्रों ने कहा कि शिखर सम्मेलन का मकसद आर्थिक संबंधों का विस्तार, वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिये बहुपक्षवाद को सुदृढ़ कर और कोरोना वायरस महामारी के प्रतिकूल प्रभाव से निपटने को लेकर रणनीतिक गठजोड़ को और आगे ले जाना है।
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