प्रसाद का डेटा इस्तेमाल में पारदर्शिता बढ़ाने पर जोर

Thursday, Jul 09, 2020 - 11:52 PM (IST)

नयी दिल्ली, नौ जुलाई (भाषा) केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी एवं विधि मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने बृहस्पतिवार को डेटा के इस्तेमाल में पारदर्शिता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि किसी एक देश के डेटा का इस्तेमाल दूसरे देश में गुप्त संपत्ति के तौर पर चोरी- छिपे नहीं होना चाहिये।
उन्होंने कहा कि एक उचित डिजिटल दुनिया ही लोकतंत्र में टिक सकती है। ऐसे में एक अधिक पारदर्शी प्रणाली की जरूरत है।
प्रसाद ने इंडिया ग्लोबल वीक-2020 को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘डिजिटल दुनिया का सार पारदर्शिता है, जिसमें बटन के एक क्लिक पर सब कुछ उपलब्ध है। इस प्रणाली को बेहतर तरीके से कायम रखा जाना चाहिए। निजता, डेटा सुरक्षा और निगरानी पर उचित नियंत्रण के लिए यह जरूरी है।’’
उन्होंने कहा कि दुनिया को अधिक पारदर्शिता और खुलेपन की जरूरत है। मंत्री ने कहा कि एक देश का डेटा दूसरे देश की गुप्त संपत्ति नहीं बननी चाहिये।

देश में डेटा सुरक्षा कानून पर काम चल रहा है। इस बारे में प्रसाद ने कहा कि विधयेक की संसद की प्रवर समिति द्वारा समीक्षा की जा रही है।
प्रसाद ने कहा कि प्रस्तावित डेटा संरक्षण विधेयक में सरकार ने तय किया है कि व्यक्तिगत डेटा का इस्तेमाल सिर्फ सहमति के बाद हो सकता है और उतना ही इस्तेमाल हो सकता है जितनी सहमति दी गई है।
व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक इकाइयों को बिना व्यक्ति की सहमति के व्यक्तिगत डेटा के भंडारण और प्रसंस्करण से रोकेगा।
सरकार द्वारा चीन से संबंधित ऐप पर रोक के बाद देश में ऐप के विकास में समर्थन के बारे में प्रसाद ने कहा कि सरकार के पास स्टार्ट-अप्स के समर्थन की योजनाएं हैं। उन्होंने कहा कि कई उद्यम पूंजी कंपनियां हैं जो भारतीय स्टार्ट-अप पारिस्थतिकी तंत्र को सहयोग दे रही हैं।


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PTI News Agency

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