पीएफआई प्रमुख और इसके कर्मचारी के बारे में अहम जानकारी केरल सरकार को दे सकता है ईडी
punjabkesari.in Wednesday, Jul 08, 2020 - 01:11 AM (IST)
नयी दिल्ली, सात जुलाई (भाषा) प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) केरल सरकार को उसके कर्मचारी एवं पीएफआई अध्यक्ष ओ एम अब्दुल सलाम की इस्लामी संगठन और देश में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शनों में कथित वित्तीय संबंधों से जुड़े धनशोधन मामले में भूमिका के बारे में जल्द जानकारी दे सकता है। यह जानकारी अधिकारियों ने मंगलवार को दी।
केंद्रीय जांच एजेंसी ने केरल राज्य बिजली बोर्ड में वरिष्ठ सहायक सलाम का बयान गत फरवरी में धनशोधन रोकथाम कानून के तहत दर्ज किया था।
अधिकारियों ने कहा कि सलाम उस समय पीएफआई का उपाध्यक्ष था।
बताया जाता है कि वह केरल के मलप्पुरम जिले के मंजेरी नगर में बिजली बोर्ड के क्षेत्रीय ऑडिट कार्यालय में तैनात है।
एजेंसी सूत्रों ने कहा कि एजेंसी जल्द ही केरल सरकार को पीएफआई की गतिविधियों में उसकी भूमिका और उसके एवं अन्य के बयानों के आधार पर उसके द्वारा एकत्र किए गए सबूतों के बारे में जल्द ही सूचित कर सकती है जिनकी जांच मामले के तहत की जा रही है।
केरल राज्य सरकार का कर्मचारी रहते हुए एक निजी संगठन में पद पर आसीन रहने के पीटीआई-भाषा के सवाल के जवाब में सलाम ने कहा, '''' यहां इस तरह का कोई नियम अथवा अधिसूचना नहीं है जोकि एक कर्मचारी को विशेष तौर पर पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के साथ जुड़ने से रोकता है।''''
उन्होंने कहा, '''' मैं केरल राज्य विद्युत बोर्ड में वरिष्ठ सहायक के तौर पर कार्यरत हूं जोकि एक सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम है। मेरी सामाजिक प्रतिबद्धता के तहत मैं कार्यालय से बाहर अपनी ड्यूटी के बाद पीएफआई से जुड़ा हुआ हूं जोकि एक सामाजिक संगठन है।''''
सलाम ने कहा, '''' जहां तक मैं समझता हूं, यहां कई ऐसे केएसईबी कर्मचारी हैं जोकि विभिन्न पदों पर सामाजिक, सांस्कृतिक और धार्मिक संगठनों से जुड़े हुए हैं।''''
सूत्रों ने कहा कि संबंधित सरकार को उसके किसी कर्मचारी की भूमिका के बारे में सूचित करना जरूरी है जिसकी जांच किसी आपराधिक मामले में की जा रही है।
सूत्रों ने हालांकि इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी कि क्या उनके पास सलाम के खिलाफ कोई ठोस सबूत हैं।
अधिकारियों ने बताया कि जब सलाम को ईडी ने इस वर्ष के शुरू में तलब किया था तब उसने एजेंसी को सूचित किया था कि वह बिजली बोर्ड में कार्य करता है और अपनी पेशी को इस आधार पर टालने का अनुरोध किया था कि उसे विभाग द्वारा ‘‘सौंपे गए’’ कुछ कार्य पूरे करने हैं।
उन्होंने कहा कि सलाम बाद में तब पूछताछ के लिए पेश हुआ जब ईडी ने उससे यह कहा कि वह जरूर पेश हो क्योंकि जांच को आगे बढ़ाने के लिए उसका बयान दर्ज करना जरूरी है।
ईडी पीएफआई के खिलाफ 2018 से पीएमएलए के तहत जांच कर रहा है। ईडी ने पाया है कि पिछले वर्ष चार दिसम्बर से और छह जनवरी के बीच देश के विभिन्न हिस्सों में संगठन से जुड़े कई बैंक खातों में कम से कम 1.04 करोड़ रुपये जमा कराये गए।
सूत्रों ने कहा कि कुल 120 करोड़ रुपये की राशि की जांच ईडी द्वारा की जा रही है जो पीएफआई से जुड़े बैंक खातों में जमा करायी गई।
संगठन ने पूर्व में एक बयान में कहा था, ‘‘पापुलर फ्रंट आफ इंडिया ने कई बार कहा है कि हम देश के कानून का पूर्ण अनुपालन करते हैं और सीएए प्रदर्शनों से ठीक पहले पापुलर फ्रंट के खातों से 120 करोड़ रुपये हस्तांतरित करने के आरोप पूरी तरह से आधारहीन हैं। जो लोग ये आरोप लगा रहे हैं उन्हें इन दावों को साबित करना चाहिए।’’
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
केंद्रीय जांच एजेंसी ने केरल राज्य बिजली बोर्ड में वरिष्ठ सहायक सलाम का बयान गत फरवरी में धनशोधन रोकथाम कानून के तहत दर्ज किया था।
अधिकारियों ने कहा कि सलाम उस समय पीएफआई का उपाध्यक्ष था।
बताया जाता है कि वह केरल के मलप्पुरम जिले के मंजेरी नगर में बिजली बोर्ड के क्षेत्रीय ऑडिट कार्यालय में तैनात है।
एजेंसी सूत्रों ने कहा कि एजेंसी जल्द ही केरल सरकार को पीएफआई की गतिविधियों में उसकी भूमिका और उसके एवं अन्य के बयानों के आधार पर उसके द्वारा एकत्र किए गए सबूतों के बारे में जल्द ही सूचित कर सकती है जिनकी जांच मामले के तहत की जा रही है।
केरल राज्य सरकार का कर्मचारी रहते हुए एक निजी संगठन में पद पर आसीन रहने के पीटीआई-भाषा के सवाल के जवाब में सलाम ने कहा, '''' यहां इस तरह का कोई नियम अथवा अधिसूचना नहीं है जोकि एक कर्मचारी को विशेष तौर पर पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के साथ जुड़ने से रोकता है।''''
उन्होंने कहा, '''' मैं केरल राज्य विद्युत बोर्ड में वरिष्ठ सहायक के तौर पर कार्यरत हूं जोकि एक सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम है। मेरी सामाजिक प्रतिबद्धता के तहत मैं कार्यालय से बाहर अपनी ड्यूटी के बाद पीएफआई से जुड़ा हुआ हूं जोकि एक सामाजिक संगठन है।''''
सलाम ने कहा, '''' जहां तक मैं समझता हूं, यहां कई ऐसे केएसईबी कर्मचारी हैं जोकि विभिन्न पदों पर सामाजिक, सांस्कृतिक और धार्मिक संगठनों से जुड़े हुए हैं।''''
सूत्रों ने कहा कि संबंधित सरकार को उसके किसी कर्मचारी की भूमिका के बारे में सूचित करना जरूरी है जिसकी जांच किसी आपराधिक मामले में की जा रही है।
सूत्रों ने हालांकि इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी कि क्या उनके पास सलाम के खिलाफ कोई ठोस सबूत हैं।
अधिकारियों ने बताया कि जब सलाम को ईडी ने इस वर्ष के शुरू में तलब किया था तब उसने एजेंसी को सूचित किया था कि वह बिजली बोर्ड में कार्य करता है और अपनी पेशी को इस आधार पर टालने का अनुरोध किया था कि उसे विभाग द्वारा ‘‘सौंपे गए’’ कुछ कार्य पूरे करने हैं।
उन्होंने कहा कि सलाम बाद में तब पूछताछ के लिए पेश हुआ जब ईडी ने उससे यह कहा कि वह जरूर पेश हो क्योंकि जांच को आगे बढ़ाने के लिए उसका बयान दर्ज करना जरूरी है।
ईडी पीएफआई के खिलाफ 2018 से पीएमएलए के तहत जांच कर रहा है। ईडी ने पाया है कि पिछले वर्ष चार दिसम्बर से और छह जनवरी के बीच देश के विभिन्न हिस्सों में संगठन से जुड़े कई बैंक खातों में कम से कम 1.04 करोड़ रुपये जमा कराये गए।
सूत्रों ने कहा कि कुल 120 करोड़ रुपये की राशि की जांच ईडी द्वारा की जा रही है जो पीएफआई से जुड़े बैंक खातों में जमा करायी गई।
संगठन ने पूर्व में एक बयान में कहा था, ‘‘पापुलर फ्रंट आफ इंडिया ने कई बार कहा है कि हम देश के कानून का पूर्ण अनुपालन करते हैं और सीएए प्रदर्शनों से ठीक पहले पापुलर फ्रंट के खातों से 120 करोड़ रुपये हस्तांतरित करने के आरोप पूरी तरह से आधारहीन हैं। जो लोग ये आरोप लगा रहे हैं उन्हें इन दावों को साबित करना चाहिए।’’
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
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