प्रसाद का भारतीय प्रौद्योगिकी दक्ष लोगों से मौके का लाभ उठाते हुए ‘मेड इन इंडिया’ एप बनाने का आह्वान

Wednesday, Jul 01, 2020 - 10:23 PM (IST)

नयी दिल्ली, एक जुलाई (भाषा) सरकार के 59 चीनी एप पर प्रतिबंध लगाने के दो दिन बाद सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बुधवार को कहा कि भारत को अपने खुद के एप विकसित करने चाहिए और विदेशी एप पर निर्भरता को खत्म करना चाहिए। उन्होंने भारतीय स्टार्टअप कंपनियों और प्रौद्योगिकी दक्ष लोगों से अवसर का लाभ उठाते हुए अच्छे ‘मेड इन इंडिया’ एप विकसित करने के लिए कहा।

प्रसाद इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रसारण मंत्रालय की डिजिटल इंडिया की पांचवीं वर्षगांठ पर आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा, ‘‘ इन विदेशी एप पर निर्भरता बंद होना चाहिए, इनके अपने एजेंडा होते हैं।’’ इस प्रतिबंध ने युवाओं, प्रौद्योगिकी में दक्ष लोगों और भारतीय स्टार्टअप के लिए एक अवसर की पेशकश की है। वह अपनी बौद्धिक क्षमता और नवोन्मेषी सोच का इस्तेमाल करते हुए ‘अच्छे मेड इन इंडिया’ (भारत में निर्मित) एप विकसित करे।

प्रसाद ने कहा कि ये प्रतिबंध जो हमने लगाया है, वह उसकी व्याख्या में नहीं जाना चाहते लेकिन इसके लिए आकस्मिक प्रावधानों और पूरी कानूनी प्रक्रिया का पालन किया गया है। लेकिन उनका मानना है कि यह एक अच्छा अवसर भी है, क्या हम भारतीय (इसका लाभ उठाते हुए) स्वदेश में बनी अच्छी एप ला सकते हैं?
उन्होंने इंफोसिस के चेयरमैन नंदन नीलेकणि और नासकॉम के अध्यक्ष देबजानी घोष और अन्य को संबोधित करते हुए कहा कि उन्हें अच्छे एप बनाने के लिए बड़ी संख्या में स्टार्टअप कंपनियों को प्रोत्साहित करना चाहिए।

उल्लेखनीय है कि सरकार ने सोमवार शाम को राष्ट्रीय सुरक्षा, अखंडता और डेटा सुरक्षा का हवाला देते हुए टिकटॉक, वीचैट, कैमस्कैनर जैसरी 59 चीनी एप पर प्रतिबंध लगा दिया था। सरकार के इस फैसले को गलवान घाटी में चीन के साथ हिंसक संघर्ष में 20 भारतीय जवानों के शहीद होने की घटना से जोड़कर देखा जा रहा है।



यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।

PTI News Agency

Advertising