कोयला मंत्री की कोल इंडिया के श्रमिक संगठनों से हड़ताल रद्द करने की अपील, कहा विनिवेश की योजना नहीं
Tuesday, Jun 30, 2020 - 09:13 PM (IST)
नयी दिल्ली, 30 जून (भाषा) कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी ने मंगलवार को कोल इंडिया लिमिटेड के श्रमिक संघों से हड़ताल पर नहीं जाने की अपील की। उन्होंने कहा कि सरकार की कंपनी और उसकी अनुषंगी सीएमपीडीआईएल के विनिवेश की कोई योजना नहीं है।
कोयला क्षेत्र में निजी कंपनियों को प्रवेश देने और कोल इंडिया की अनुषंगी केंद्रीय खान योजना और डिजाइन संस्थान (सीएमपीडीआईएल) को अलग करने के विरोध में श्रमिक संगठनों ने तीन दिन की देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है। यह बृहस्पतिवार से शुरू होनी है।
इस बारे में एक सवाल के जवाब पर जोशी ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘मैं कोयला श्रमिकों से अपील करता हूं कि वह हड़ताल पर ना जाएं। इसकी जरूरत नहीं है। हम पहले से समाधान पर काम कर रहे हैं।’’
सीएमपीडीआईएल को कोल इंडिया से अलग करने के सवाल पर उन्होंने कहा, ‘‘तथ्यात्मक रूप से यह सही नहीं है। हम सीएमपीडीआईएल का समर्थन कर रहे हैं। मैं एब बात स्पष्ट करना चाहता हूं कि कोल इंडिया में हिस्सेदारी बेचने या सीएमपीडीआईएल को कोल इंडिया से बाहर करने की कोई योजना नहीं है।’’
उन्होंने कहा कि वह सरकार की ओर से सभी कोयला श्रमिक संगठनों को भरोसा देना चाहते हैं कि चिंता करने की कोई बात नहीं है। केंद्र सरकार कोल इंडिया और कोयला मजदूरों के साथ है।
जोशी ने जोर देकर कहा कि कोयला मंत्रालय लगातार कोयला श्रमिकों के साथ संवाद कर रहा है। सरकार उन्हें प्रस्तावित हड़ताल रद्द करने के लिए मना लेगी।
कोयला मंत्री ने कहा, ‘‘आज ही हमारे कोयला सचिव ने श्रमिक संगठनों के साथ विस्तृत विमर्श किया है। उनकी धारणाएं सही नहीं हैं। हम कोल इंडिया को मजबूत बनाने की कोशिश कर रहे हैं। हम उनकी बहुत मदद कर रहे हैं फिर ये धारणाएं क्यों होनी चाहिए?’’
उन्होंने कहा कि कोल इंडिया सरकारी कंपनी है और देश की कोयला जरूरतों को पूरा करती है। इसलिए इसे और मजबूत बनाया जाएगा, इसे आगे बढ़ाया जाएगा।
जोशी ने स्पष्ट किया कि कोल इंडिया हमारी रणनीतिक कंपनी है। बिजली क्षेत्र भी रणनीतिक क्षेत्र है और कोल इंडिया उसे कोयला की आपूर्ति करती है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि 2023-24 तक कोल इंडिया का उत्पादन बढ़कर एक अरब टन हो जाए। कोल इंडिया भविष्य में एक बड़ी खिलाड़ी बनने वाली है।
देश के 80 प्रतिशत से अधिक कोयला उत्पादन पर कोल इंडिया की हुकूमत है।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
कोयला क्षेत्र में निजी कंपनियों को प्रवेश देने और कोल इंडिया की अनुषंगी केंद्रीय खान योजना और डिजाइन संस्थान (सीएमपीडीआईएल) को अलग करने के विरोध में श्रमिक संगठनों ने तीन दिन की देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है। यह बृहस्पतिवार से शुरू होनी है।
इस बारे में एक सवाल के जवाब पर जोशी ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘मैं कोयला श्रमिकों से अपील करता हूं कि वह हड़ताल पर ना जाएं। इसकी जरूरत नहीं है। हम पहले से समाधान पर काम कर रहे हैं।’’
सीएमपीडीआईएल को कोल इंडिया से अलग करने के सवाल पर उन्होंने कहा, ‘‘तथ्यात्मक रूप से यह सही नहीं है। हम सीएमपीडीआईएल का समर्थन कर रहे हैं। मैं एब बात स्पष्ट करना चाहता हूं कि कोल इंडिया में हिस्सेदारी बेचने या सीएमपीडीआईएल को कोल इंडिया से बाहर करने की कोई योजना नहीं है।’’
उन्होंने कहा कि वह सरकार की ओर से सभी कोयला श्रमिक संगठनों को भरोसा देना चाहते हैं कि चिंता करने की कोई बात नहीं है। केंद्र सरकार कोल इंडिया और कोयला मजदूरों के साथ है।
जोशी ने जोर देकर कहा कि कोयला मंत्रालय लगातार कोयला श्रमिकों के साथ संवाद कर रहा है। सरकार उन्हें प्रस्तावित हड़ताल रद्द करने के लिए मना लेगी।
कोयला मंत्री ने कहा, ‘‘आज ही हमारे कोयला सचिव ने श्रमिक संगठनों के साथ विस्तृत विमर्श किया है। उनकी धारणाएं सही नहीं हैं। हम कोल इंडिया को मजबूत बनाने की कोशिश कर रहे हैं। हम उनकी बहुत मदद कर रहे हैं फिर ये धारणाएं क्यों होनी चाहिए?’’
उन्होंने कहा कि कोल इंडिया सरकारी कंपनी है और देश की कोयला जरूरतों को पूरा करती है। इसलिए इसे और मजबूत बनाया जाएगा, इसे आगे बढ़ाया जाएगा।
जोशी ने स्पष्ट किया कि कोल इंडिया हमारी रणनीतिक कंपनी है। बिजली क्षेत्र भी रणनीतिक क्षेत्र है और कोल इंडिया उसे कोयला की आपूर्ति करती है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि 2023-24 तक कोल इंडिया का उत्पादन बढ़कर एक अरब टन हो जाए। कोल इंडिया भविष्य में एक बड़ी खिलाड़ी बनने वाली है।
देश के 80 प्रतिशत से अधिक कोयला उत्पादन पर कोल इंडिया की हुकूमत है।
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