कर्नाटक बैंक में चार ऋण खातों में 285 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी

Saturday, Jun 06, 2020 - 04:06 PM (IST)

नयी दिल्ली, छह जून (भाषा) निजी क्षेत्र के कर्नाटक बैंक ने अपने चार ऋण खातों में 285 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी की जानकारी रिजर्व बैंक को दी है। उसके मुताबिक उसके डीएचएफएल सहित चार इकाइयों के खाते गैर निष्पादित आस्ति (एनपीए) हो गए हैं।
कर्नाटक बैंक ने शुक्रवार को शेयर बाजारों को भेजी सूचना में कहा है कि कुल 285.52 करोड़ रुपये की ऋण धोखाधड़ी सामने आई है। वर्ष 2009 से 2014 के दौरान बैंकों के गठजोड़ ने दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन (डीएचएफएल), रेलिगेयर फिनवेस्ट, फेडर्स इलेक्ट्रिक एवं इंजीनियरिंग लि. तथा लील इलेक्ट्रिकल्स को कर्ज दिया था। इस गठजोड़ में कर्नाटक बैंक भी शामिल था।

सूचना में कहा गया है कि सबसे अधिक 180.13 करोड़ रुपये का कर्ज डीएचएफएल पर बकाया है। रेलिगेयर फिनवेस्ट पर 43.44 करोड़ रुपये, फेडर्स इलेक्ट्रिक पर 41.30 करोड़ रुपये और लील इलेक्ट्रिकल्स पर 20.65 करोड़ रुपये का बकाया है।
बैंक ने कहा कि डीएचएफएल उसके साथ 2014 से जुड़ी है और उसने बैंकों के गठजोड़ की व्यवस्था के तहत उससे कई ऋण सुविधाएं ली हैं। हम गठजोड़ में सदस्य बैंक हैं।
बैंक ने कहा कि कंपनी के खाते को 30 अक्टूबर, 2019 को एनपीए घोषित किया गया। अब कंपनी द्वारा बैंक से कुल 180.13 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की जानकारी रिजर्व बैंक को दी गई है।
इसी तरह रेलिगेयर इन्वेस्ट भी 2014 से बैंक से जुड़ी है और उसने भी कई ऋण सुविधाएं ली हैं। गठजोड़ के सदस्य द्वारा कंपनी के खाते को अक्टूबर, 2019 में एनपीए घोषित किए जाने के बाद बैंक ने रिजर्व बैंक को ऋण धोखाधड़ी की सूचना दी है। कंपनी पर 43.44 करोड़ रुपये का बकाया है। लील इलेक्ट्रिकल्स के खाते को मार्च, 2019 में एनपीए घोषित किया।
इसी तरह फेडर्स इलेक्ट्रिक एंड इंजीनियरिंग लि. के खाते को सदस्य बैंक द्वारा जुलाई, 2018 में एनपीए की श्रेणी में डाला गया।


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PTI News Agency

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