अर्थव्यवस्था कोविड-19 संकट से उबरेगी, पर कार्य संस्कृति में बड़ा बदलाव आ जायेगा: के पी सिंह

punjabkesari.in Friday, Jun 05, 2020 - 10:21 PM (IST)

नयी दिल्ली, पांच जून (भाषा) रीयल एस्टेट क्षेत्र के दिग्गज के पी सिंह का मानना है कि अर्थव्यवस्था अंतत: कोविड-19 के प्रतिकूल प्रभाव से उबर जाएगी, लेकिन इस दौरान कार्य संस्कृति में बड़ा बदलाव आ जायेगा। उन्होंने कहा कि ऐसे दौर में सिर्फ नवोन्मेषी विचारों तथा विशिष्टता में अग्रणी कंपनियां ही टिक पाएंगी।
सिंह, 90 वर्ष, बृहस्पतिवार को डीएलएफ के चेयरमैन पद से सेवानिवृत्त हो गए गए। इस मौके पर कंपनी के कर्मचारियों के नाम वीडियो संदेश में उन्होंने यह बात कही। कंपनी के निदेशक मंडल की बैठक में सिंह को डीएलएफ का मानद चेयरमैन बनाया गया। उनके पुत्र राजीव को कंपनी का नया चेयरमैन बनाया गया है।
सिंह ने कर्मचारियों के साथ अपने करीब छह दशक के अनुभव को साझा किया। विशेषरूप से उन्होंने यह बताया कि गुड़गांव के विकास के लिए जमीन अधिग्रहण को उन्होंने किसानों का भरोसा कैसे जीता।
उन्होंने डीएलएफ के कर्मचारियों से कहा कि वे अधिक उत्पादक बनें, अपने निजी अहम को त्यागें और रीयल एस्टेट कंपनी के कुल विकास के लिए पहल करें।
सेवानिवृत्त होने की वजह बताते हुए उन्होंने कहा कि पहला कारण है कि समय आगे बढ़ रहा है। आप सभी जानते हैं कि मैं युवा नहीं हो रहा हूं।
उन्होंने कहा कि दूसरी लेकिन अधिक महत्वपूर्ण वजह यह है कि भारत एक नए दौर में प्रवेश कर रहा है। इसमें बाजार न केवल अधिक प्रतिस्पर्धी होगा, बल्कि संगठनों और व्यक्तिगत लोगों के लिए वृद्धि की संभावनाएं भी अधिक रोमांचक होंगी।
सिंह ने कहा कि कोविड-19 से उबरने के बादद जो आर्थिक परिवर्तन आएगा, उसकी अभी कल्पना भी नहीं की जा सकती। ‘‘हालांकि, एक बात निश्चित हैं अंतत: पुनरोद्धार होगा, कब यह सिर्फ ईश्वर जानता है।’’
उन्होंने कहा कि यह महामारी एक झटके में नहीं जाएगी। संभवत: यह स्पैनिश फ्लू के तरीके से समाप्त होगी। सिंह ने कहा कि अंतत: यह बीमारी खत्म होगी और उसके बाद फिर उभरेगी। वैक्सीन विकसित होने के बाद यह समाप्त हो जाएगी।
उन्होंने कहा कि इसे देखते हुए हमें इसके साथ रहना सीखना होगा। इसके लिए हमारी सोच में बड़ा बदलाव लाना जरूरी है। कैसे हम जीवन जीते हैं, कैसे कारोबार करते हैं। उन्होंने कहा कि नया सामान्य आज की तुलना में काफी भिन्न होगा।
सिंह ने कहा कि इस अनिश्चित स्थिति की वजह से भविष्य में सिर्फ वे कंपनियां टिक सकेंगी और आगे बढ़ सकेंगी जिनके पास युवाओं की ऊर्जा, नवोन्मेषी विचार गुणवत्ता तथा विशिष्टता के लिए अभिलाषा है।
उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस से उबरने के बाद कार्य संस्कृति में निश्चित रूप से एक बड़ा बदलाव आएगा।


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PTI News Agency

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